१५ दिसम्बर २०१६ से १८ जनवरी
२०१७
तक विशेष सभी ब्राह्मण आत्माएं इस विधि द्वारा अभ्यास करें :
इस विधि के अंतर्गत
पाँचों स्वरुप
में एक एक करके स्थित होकर इस सृष्टि पर
पाँचों अवस्थाओं
में पार्ट बजा रही आत्माओं को संकल्प एवं सकाश देनी है |
५ स्वरुप :
१) अनादि ज्योतिर्बिंदु स्वरुप २) आदि देवता स्वरुप ३) मध्य
पूज्यनीय स्वरुप ४) संगमयुगी ब्राह्मण स्वरुप ५) अंतिम
फ़रिश्ता स्वरुप
५ अवस्था :
१) गर्भ अवस्था २) बचपन ३) युवा ४) वृद्ध अथवा बुजुर्ग ५)
प्रेत अवस्था
सकाश देने की विधि :
विधि
१ :
अपने
अनादि स्वरुप
में स्थित हो जाएँ | अपने को
ज्योतिर्बिंदु आत्मा
की स्मृति में रखते हुए पूरे विश्व में
गर्भ जेल की अवस्था
को प्राप्त आत्माओं की सभा को इमर्ज कर संकल्प सहित सकाश दें
१) आप शांत स्वरुप ज्योतिर्बिंदु आत्मा हो २) आप शांति के सागर
परमपिता शिव परमात्मा की
प्यारी संतान हो ३) आप परमधाम,
शांतिधाम निवासी हो ४) अब घर चलना है |
विधि २ :
अपने
आदि स्वरुप
में स्थित हो जाएँ | अपने को
निर्विकारी देवता
की स्मृति में रखते हुए पूरे विश्व में
बचपन की अवस्था
को प्राप्त आत्माओं की सभा को इमर्ज कर संकल्प सहित सकाश दें
१) आप शांत स्वरुप ज्योतिर्बिंदु आत्मा हो २) आप शांति के सागर
परमपिता शिव परमात्मा की प्यारी संतान हो ३) आप परमधाम,
शांतिधाम निवासी हो ४) अब घर चलना है |
विधि
३ :
अपने
मध्य स्वरुप
में स्थित हो जाएँ | अपने को
पूज्यनीय स्वरुप
की स्मृति में रखते हुए पूरे विश्व में
युवा अवस्था
को प्राप्त आत्माओं की सभा को इमर्ज कर संकल्प सहित सकाश दें
१) आप शांत स्वरुप ज्योतिर्बिंदु आत्मा हो २) आप शांति के सागर
परमपिता शिव परमात्मा की प्यारी संतान हो ३) आप परमधाम,
शांतिधाम निवासी हो ४) अब वापस घर चलना है |
विधि
४ :
अपने
संगमयुगी स्वरुप
में स्थित हो जाएँ | अपने को
निरहंकारी ब्राह्मण
स्वरुप
की स्मृति में रखते हुए पूरे विश्व में
बुजुर्ग अवस्था
को प्राप्त आत्माओं की सभा को इमर्ज कर संकल्प सहित सकाश दें
१) आप शांत स्वरुप ज्योतिर्बिंदु आत्मा हो २) आप शांति के सागर
परमपिता शिव परमात्मा की प्यारी प्यारी संतान हो ३) आप परमधाम,
शांतिधाम निवासी हो ४) अब वापस घर चलना है |
विधि
५ :
अपने
अंत स्वरुप
में स्थित हो जाएँ | अपने को
डबल लाइट आकारी फ़रिश्ता
स्वरुप
की स्मृति में रखते हुए पूरे विश्व में
प्रेत अवस्था
को प्राप्त आत्माओं की सभा को इमर्ज कर संकल्प सहित सकाश दें
१) आप शांत स्वरुप ज्योतिर्बिंदु आत्मा हो २) आप शांति के सागर
परमपिता शिव परमात्मा की प्यारी संतान हो ३) आप परमधाम,
शांतिधाम निवासी हो ४) अब वापस घर चलना है |
यह अभ्यास सारे दिन में कम से कम
२ से ३ बार
तो अवश्य करें और समयानुसार
जितना कर सको उतना करके अधिक लाभ
उठायें और विश्व में शांति के प्रकम्पन्न फैलायें |
ज्योतिर्बिंदु स्वरुप
गर्भ जेल की अवस्था
से छुटकारा पाने को आतुर
आत्माओं को पार लगाएगा |
देवतास्वरूप
बचपन की अवस्था
में कष्ट भोग रही सुख की प्यासी आत्माओं को पार लगाएगा |
पूज्यनीय स्वरुप
युवा अवस्था
में तृप्ति की आस से विकारों के मोह जाल में फंसी आत्माओं को
पार लगाएगा
निरहंकारी ब्राह्मण
स्वरुप
बुजुर्ग अवस्था
में शारीरिक यातनाएं भोग रही आत्माओं को पार लगाएगा |
आकारी फ़रिश्ता
स्वरुप
प्रेत अवस्था
में मुक्ति की चाहना में भटक रही आत्माओं को पार लगाएगा |
ओम शांति