30-11-12 ओम शान्ति अव्यक्त बापदादा मधुबन
"संतुष्टमणियों का भाग्य, दिल का गीत पाना था सो पा लिया"
आज बच्चों के याद और प्यार ने बापदादा को इस साकारी दुनिया में अपनी आकर्षण से बुला लिया। बापदादा भी बच्चों को साकारी दुनिया में साकार रूप में देख रहे हैं। चारों ओर के बच्चे भी बाप को देख रहे हैं और बाप भी साकार स्वरूप में देख रहे हैं। और दिल में चारों ओर के बच्चों प्रति वाह! बच्चे, कल्प-कल्प के पात्र बच्चों को देख खुश हो रहे हैं। हर एक बच्चे के भाग्य और प्राप्ति को देख मिलन मना रहे हैं। दिल ही दिल में हर बच्चे के भाग्य को देख हर्षित हो रहे हैं। हर बच्चे के चेहरे में चमकता हुआ भाग्य दिखाई दे रहा है। मस्तक में लाइट की प्राप्ति चमक रही है। हाथों में ज्ञान का भण्डार दिखाई दे रहा है। दिल में दिलाराम दिखाई दे रहा है। पांव में कदम में पदम दिखाई दे रहा है। ऐसा भाग्य देख हर एक का चेहरा चमक से चमक रहा है। सभी चारों ओर के बच्चे सन्तुष्ट स्वरूप दिखाई दे रहे हैं। ऐसे चेहरे चमकते हुए देख अन्य आत्मायें भी सोचती हैं इन्हों को क्या मिला है। तो आप क्या जवाब देंगे? जो पाना था वो पा लिया। सब सन्तुष्ट मणियों के रूप में चमक रहे हैं। ऐसी अपनी मूर्त को आप भी देख रहे हो ना! बापदादा भी ऐसी सन्तुष्टमणि आत्माओं को देख क्या गीत गाते हैं। वाह मेरे सन्तुष्ट आत्मायें वाह!
तो आज सिर्फ बच्चों का दिल का उल्हना पूर्ण करने के लिए आये हैं। आप सभी का भी उल्हना तो पूरा हुआ ना। आगे जैसे ड्रामा निमित्त बनायेगा ऐसे मिलते रहेंगे।
आज इतना ही ड्रामा में मिलन है।
सभी बच्चों ने बहुत अच्छी रथ की सेवा की है। बापदादा सभी सेवा के निमित्त आत्माओं को विशेष मुबारक दे रहे हैं। अभी सिर्फ बच्चों का मिलने का उल्हना पूरा करने आये हैं। तो सभी ठीक हैं। ठीक हैं सभी हाथ उठाओ। रथ की भी सेवा करने वालों को दिल की मुबारक है। चाहे कहाँ भी रथ को रहना पड़ा लेकिन बापदादा ने देखा गुजरात भी कम नहीं है। कहाँ हैं गुजरात के? तो बापदादा और साथ में हमारे निमित्त बने हुए पाण्डव निर्वैर बच्चे ने भी बहुत साथ दिया। आओ। (सरला दीदी को) बहुत अच्छा किया। सभी दादियों को निमित्त बन सम्भालने के लिए आपको और आपके साथियों को बहुत-बहुत मुबारक हो।
(दादी जानकी के लिए) अच्छा सुना, सब ठीक हो ही जाना है।
दादी जानकी से:- सभी ने मिल के अच्छा पार्ट बजाया है। दादी की आवाज भी आ रही है। आज सिर्फ मिलने के लिए ही आये हैं। अभी आते रहेंगे और मिलते रहेंगे। अच्छा।
तीनों बड़े भाईयों से:- अभी बापदादा कमाल देखने चाहते हैं, कौन सी कमाल देखने चाहते हैं? परिवार की आप तीनों में बहुत उम्मीदें हैं। अब बापदादा भी समझते हैं एक विचार कर अलग-अलग विचार तो होता ही है लेकिन विचार को मिलाना, वह अपने हाथ में होता है। तो बापदादा भी आप निमित्त बने हुए पाण्डवों में यह कमाल देखने चाहते हैं, विचार भिन्न-भिन्न होते हैं लेकिन मिलाना भी होता है। तो अभी तीनों यही कमाल दिखाना तीन नहीं लेकिन तीनों एक हैं, बाकी तो सब अच्छे हैं, निमित्त होके चला रहे हैं। अच्छा।
देश विदेश के भाई बहिनों को बहुत-बहुत मुबारक हो, जो दोनों ही निमित्त दादियों की सम्भाल बहुत अच्छी की है, उसकी विशेष मुबारक है। और सभी तरफ के भाई बहिनों को विशेष दिल की याद प्यार दे रहे हैं और सदा दिल में समाये हुए हैं इसलिए सदा याद में रहना और एक दो को याद दिलाते रहना। अच्छा।
आज तो सिर्फ जो सभी को संकल्प था, मिलना है, मिलना है, मिलना है। वह शरीर के हिसाब से पूरा हुआ। अब आगे जो ड्रामा में होगा मिलते रहेंगे।बापदादा बच्चों से कभी भी दूर नहीं रह सकते। जैसे बच्चे बाप से दूर नहीं रह सकते तो बाप भी बच्चों से दूर नहीं रह सकता। बापदादा सभी बच्चों को देख खुश है, मुबारक भी देते हैं कि अभी हर एक समझे कि मैं इस बेहद के कार्य के लिए सिर्फ स्वयं के लिए नहीं, स्वयं के साथ सेवा के भी निमित्त हूँ। अब ऐसी कमाल दिखाओ, दुनिया में हलचल और हलचल को अचल बनाने वाले निमित्त आप हो। वह अपना कार्य नहीं छोड़ते तो आप भी अपने को निमित्त समझ वह हलचल आप अचल, दोनों साथ-साथ पार्ट बजाओ। अच्छा। आज सिर्फ मिलने आये थे।
महाराष्ट्र, मुम्बई, आँध्रप्रदेश के भाई बहिनों की सेवा का टर्न है:- सभी हाथ हिला रहे हैं। हर एक जोन को निमित्त बनने का पार्ट मिलता है। और बापदादा ने देखा कि हर एक ने पार्ट बजाया भी है और बजायेंगे भी।
चार विंग्स, एज्युकेशन, धार्मिक, साइंस-इंजीनियर, कल्चरल और कैड ग्रुप भी आया है। जो भी विंग्स वाले हैं, वह हर एक विंग एक दो से आगे हैं और अटेंशन दे कार्य को आगे बढ़ा भी रहे हैं, उसकी मुबारक हो, मुबारक हो। चारों ओर के बच्चों को अपना-अपना कार्य करने की मुबारक भी हो और आगे के लिए हर एक विंग या हर एक जोन आगे से आगे बढ़ते रहेंगे, यह बापदादा की मुबारक है।
डबल विदेशी जो भी आये हैं, वह खड़े हो जाओ। बापदादा अभी डबल विदेशी नहीं कहते डबल पुरुषार्थी। क्योंकि डबल पुरुषार्थी अभी भी चारों ओर बढ़ रहे हैं, छोटे छोटे स्थानों में भी अटेंशन दे रहे हैं इसलिए सेवा की भी मुबारक है और डबल पुरुषार्थ की भी मुबारक है। अभी डबल विदेशी नहीं कहो डबल तीव्र पुरुषार्थी कहो। ठीक है। डबल पुरुषार्थी, डबल माना तीव्र पुरुषार्थी। तो बापदादा को याद है कि डबल पुरुषार्थी कहाँ-कहाँ से आये हैं, लेकिन सब से दूर कौन है? सबसे दूर कौन है? अमेरिका वाले। वह भी इस दुनिया के हैं। लेकिन बापदादा कहाँ से आये हैं? बच्चों ने कहा और बाप हाजिर। चाहे शरीर का कुछ भी हो लेकिन बच्चे, बच्चे हैं। बाप सदा जी हाजिर हो जाते हैं। अच्छा, चारों ओर के बहुत-बहुत अपना अच्छा पार्ट बजाने वाले ऐसे बाप ने कहा, बच्चों ने किया, ऐसे बच्चे सदा बाप के दिल में रहते हैं। तो चारों ओर के ऐसे बच्चों को पदम गुणा यादप्यार। अच्छा।
(जानकी दादी को सिर में चोट लगी है) यह तो होता रहता है, इसकी कोई बात नहीं है। और ही सुन्दर हो गई हो। (दादी जानकी सिर ढके हुए है) दादी दादी कहती हो ना, तो दादी का रूप भी तो देखो। यह ठीक है? (हंसा बहन, प्रवीणा बहन से) थकती तो नहीं हो। अच्छा है। (हंसा बहन से) सेवा अच्छी कर रही हो। सेवा जो भी करते हैं ना आप लोगों को देख के उन्हों को भी उमंग आता है इसीलिए उन्हों की मुबारक मिलती रहती है, जो निमित्त बनते हैं। डाक्टर्स को भी याद भेजना।
(ऐसे दोनों दादियों के साथ ही क्यों हुआ) यह उत्तर ड्रामा देगा। ड्रामा। अभी इसके आगे तो कोई नहीं बोल सकता। ड्रामा, ड्रामा ही है। (नीलू बहन उल्हना दे रही हैं) जो बोलना हो, बोलो।
अच्छा, सब बिन्दु रूप में स्थित हो जाओ।
ओम् शान्ति।
15-12-12 ओम शान्ति अव्यक्त बापदादा मधुबन
"मेरे को तेरे में परिवर्तन कर डबल ताजधारी बेफिक्र बादशाह बनो"
आज सारी सभा बेफिक्र बादशाहों की दिखाई दे रही है क्योंकि फिकर बाप को देके फखुर ले लिया है। आप सब भी सवेरे से लेकर रात तक बेफिक्र बादशाह हो क्योंकि स्वराज्य मिला हुआ है। तो चेक करते हो क्योंकि बेफिक्र बादशाह की निशानी है उनका मस्तक लाइट से चमकता है और बेफिक्र बादशाह हो तो डबल ताजधारी हो। डबल ताजधारी ही बेफिक्र बादशाह है। तो आप सभी अपने को बेफिक्र और बादशाह अनुभव कर रहे हैं? अगर डबल ताज नहीं अर्थात् बेफिक्र नहीं तो माथे पर क्या आता है ? किचड़े का टोकरा। तो क्या अच्छा लगता है? तो बापदादा आज हर बच्चे को डबल ताजधारी बेफिक्र बादशाह देख खुश होते हैं। तो आप सभी बापदादा के साथी अपने को ऐसे अनुभव करते हो कि कभी करते हो कभी नहीं? यह डबल ताज सारे कल्प में सिर्फ आप बच्चों को प्राप्त होता है। राजे तो बहुत बनते हैं, द्वापर से लेके राजे तो बनते हैं लेकिन डबल ताज सिर्फ आपको ही मिलता है। तो बापदादा ऐसे बेफिक्र बादशाह बच्चों से मिलने आये हैं। फिकर दे दिया ना कि थोड़ा बहुत रह गया है? फिकर दे दो, बाप को फिकर देना आता है ना! बेफिक्र बनने की विधि बहुत सहज है, मेरे को तेरे में बदल लो। कितना सहज है मेरा और तेरा। ते और मे, इतना फर्क है। तो सभी ने दे दिया है, मेरे को तेरे मे बदल दिया है? जो समझते हैं हम बेफिक्र बादशाह हैं वह हाथ उठाना। लम्बा हाथ उठाओ। उठाओ हाथ उठाओ, बापदादा देखेंगे। फिर कभी तेरे को मेरा तो नहीं कर देते हो? अगर अभी भी थोड़ा बहुत रह गया हो तो फिकर को दे फखुर ले लो क्योंकि दिन प्रतिदिन विश्व में भय तो बढ़ने वाला है लेकिन आप सभी बाप के बच्चे बेफिक्र बादशाह बन औरों को भी फिकर से दूर करेंगे। इसके लिए सहज साधन है अमृतवेले से लेके रात तक फॉलो ब्रह्मा बाप क्योंकि ब्रह्मा बाप भी साकार तन में हर जिम्मेवारी होते बेफिक्र बादशाह रहा है। चाहे कई बच्चों ने ब्रह्मा बाप को साकार में देखा नहीं लेकिन उनके चरित्र, उनकी प्रैक्टिकल लाइफ जैसे आप साकार में हो वैसे ही इतनी बड़ी जिम्मेवारी होते भी बेफिक्र बादशाह रहा है। अन्त तक भी उन्हों की सूरत में बेफिक्र के चिन्ह दिखाई दिये। अन्त दिन तक भी कोई आधार बिना लास्ट क्लास कराया है। ऐसे हेल्दी और फखुर में वेल्दी। तो आप सभी भी बेफिक्र बादशाह बने हो ना! चाहे शरीर का हिसाब किताब है, लेकिन स्थिति सदा बेफिक्र बादशाह।
तो आज बापदादा सभी बच्चों को ऐसे ब्रह्मा समान देखने चाहते हैं। तो चेक करना, चाहे शरीर कैसा भी हो लेकिन मन सदा बेफिक्र बादशाह हो। तो नोट करना सुबह को उठते ही चेक करो, सबकॉन्सेस में भी कोई फिकर तो नहीं है? बीच-बीच में चेक करना। तो मेरे को तेरे में परिवर्तन कर देंगे क्योंकि सारे कल्प में सिवाए आप बच्चों के डबल ताजधारी बेफिक्र बादशाह कोई नहीं बना है। आपके चित्रो में सदा डबल ताज है। द्वापर में कई राजे बने लेकिन डबल ताजधारी और फिर स्वराज्य वाला राजा, ऐसे कोई नहीं बना। तो आज का अपना टाइटल बेफिक्र बादशाह सदा याद रखना।
आज भी बहुत बच्चे आये हैं, सभी बच्चों को विशेष बापदादा मिलने आये है। अभी उल्हने तो नहीं देंगे क्योंकि बाप का बच्चों से कितना प्यार है जो बाप बिना बच्चों के रह नहीं सकता। तो यह टाइटल अपना अमृतवेले से लेके स्मृति में रखना मैं कौन? बेफिक्र बादशाह। अच्छा।
सभी आये हुए बच्चों से मिलन मनाया, बाप भी खुश है बच्चे भी खुश हैं। लेकिन यह अपना वरदान कभी भी भूलना नहीं। कैसे भी हो, शरीर का हिसाब शरीर जाने लेकिन मन सदा बेफिक्र बादशाह। कैसा भी पेपर हो लेकिन पेपर और अनुभवी बनाके आगे बढ़ाने वाला है, डरना नहीं। कभी पेपर से डरना नहीं। अच्छा।
आज गुजरात जोन का टर्न चल रहा है। तो गुजरात भी बापदादा के प्यारे हैं, हैं तो सब जोन प्यारे, लेकिन आज टर्न इसका है, गुजरात वाले उठो, हाथ ऐसे करो। बहुत अच्छा। बापदादा ने सब समाचार सुना क्या-क्या पुरुषार्थ कर रहे हैं वह भी बच्चों ने अच्छा हिसाब किताब दिखाया है। तो बापदादा यही चाहते हैं कि सदा हर बच्चा ब्रह्मा बाप समान मास्टर ब्रह्मा बने। हर जोन दिल भरके आता है। बापदादा भी खुश हो रहे हैं, ऐसे बच्चे सारे कल्प में अब संगम में ही मिलते है। चाहे सतयुग में भी साथी होंगे लेकिन अभी जो पहचान से मिलते हैं वहाँ की पहचान चेंज हो जायेगी।
तो चारों ओर के बच्चों को, निमित्त गुजरात है लेकिन बापदादा के सामने फॉरेन वाले भी हैं और छोटे-छोटे गाँव वाले बच्चे भी हैं। एक-एक बच्चे को बापदादा, दोनोँ बाप सदा बढ़ते चलो, बढ़ाते चलो, अपना राज्य नजदीक लाते चलो, तो चारों ओर के बच्चे बापदादा के सामने हैं। साकार में आप हो लेकिन दिल में चारों ओर के देश विदेश गाँव सब बाबा के दिल में समाये हुए हैं। अच्छा।
दो विंग्स आई हैं, मेडिकल विंग और सिक्यूरिटी विंग:- मेडिकल वाले अब ऐसी तैयारी कराओ, करो जो सभी जैसे बापदादा ने कहा बेफिक्र बादशाह, फिकर नहीं तो बीमारी भी नहीं। तो ऐसा प्लैन बनाओ जो यहाँ बैठे भी खुश रहे सभी, खुशी नहीं गंवाये, ऐसी दवाई निकालो जो कभी भी कोई थोड़ा सा तन से या मन से नाखुश हो तो दवाई को याद करते ही खुश हो जाए। वह दवाई क्या है? मेरा बाबा। तो सभी के मन में मेरा बाबा बिठा दो तो यह दवाई हो जायेगी। अच्छा। बहुत अच्छा, सेवा कर रहे हैं, करते चलो विजय तो आपके साथ है ही है।
सिक्युरिटी विंग:- सिक्युरिटी वाले पुरुषार्थ करके मेहनत तो है, लेकिन पुरुषार्थ करके ऐसी सहज सफल होने वाली दवाई माना मन्त्र, ऐसा निकालो जो दिन प्रतिदिन अभी दु:ख तो बढ़ना ही है, हलचल तो होनी है लेकिन हलचल में भी स्वयं को अचल बना सके, ऐसे कोई सहज बात निकालो जो वह बात सामने आने से मन खुश हो जाए तो तन की बीमारी फील नहीं होगी। यह सिक्युरिटी का इलाज शार्ट में ऐसा निकालो, जैसे ब्राह्मण लोग वरदान पढ़ करके खुश हो जाते हैं ना। ऐसे कोई सैलवेशन का साधन निकालो जो कोई भी अध्ययन करने से परिवर्तन हो जाए। सिक्युरिटी के कोई छोटे-छोटे साधन तैयार करो जो जैसे समय अभी और नाजुक होने वाला है, उसमें ऐसे समय पर कार्य में आवे।
आप तो एवररेडी हो ना? एवररेडी हो कोई भी समय आवे, कैसा भी समय आवे लेकिन ब्रह्माकुमार और ब्रह्माकुमारी हर एक हर समय पर सदा खुश रहे। ब्रह्माकुमार और ब्रह्माकुमारी की खुशी गायब नहीं हो, हो सकता है? हो सकता है हाथ उठाओ। अच्छा। बापदादा ने सबका हाथ देखा, आप हाथ उठाओ। तो समय तो आते रहेंगे, बापदादा रिजल्ट देखेंगे, सभी ने हाथ उठाया है तो समय पर भी बेफिक्र बादशाह। बेफिक्र भी बादशाह भी। छोटी बातें भी बड़ी बातें भी आनी तो हैं, लेकिन ब्रह्माकुमार और कुमारियों के लिए कोई बड़ी बात नहीं, कल्प-कल्प देखी हुई है। कल्प-कल्प पास किया है। ऐसे अनुभवी बन अब भी ऐसे पास हो जायेंगे जैसे खेल हो। ऐसी हिम्मत है ना। हिम्मत है! दो-दो हाथ उठाओ। पीछे वाले उठा रहे हैं।डबल विदेशी:- डबल विदेशियों को अपना टाइटल याद है ना? कौन हो आप! डबल पुरुषार्थी। और बापदादा ने देखा है, हिम्मत अच्छी रखते हैं। मैजारिटी समय पर पास भी हो जाते हैं। बापदादा के पास समाचार आते हैं और आपकी निमित्त दादी वह भी सुनाती रहती हैं। सबको प्राण भरती रहती हैं। अच्छा। आप सदा एक बात याद रखना - हमे विजयी बनना ही है। चाहे कोई भी सरकमस्टाश हो लेकिन हमारा नाम विजयी है। विजय हमारे जीवन का सहारा है। विजय हुई पड़ी है। अच्छा। बापदादा के पास समाचार आते हैं तो विदेश की रिजल्ट भी अच्छी है, बापदादा खुश है। अच्छा।
आज तो चारों ओर के बच्चों से मिलन मना रहे हैं। सभी के दिल में बाबा, बाबा और बाबा, यह अनुभव बाप को भी हो रहा है लेकिन शरीर का हिसाब शरीर जाने। बाकी आप सभी ने और बापदादा ने भी देखा और ही सभी को बापदादा की याद ज्यादा आती है, कब मिलेगा, कब मिलेगा, कब मिलेगा. इसमें भूलता कम है। लेकिन शाम का समय मिलन का है तो मिलते रहेंगे।
चारों तरफ के बच्चों का यादप्यार मिलता रहताहै? जितना बच्चे याद करते उसमें 100 गुणा ज्यादा बार भी बच्चों को याद करते हैं सदा बच्चे जैसे वाह बाबा वाह बाबा कहते वैसे बाप भी हर तरफ के बच्चों को वाह बच्चे वाह बच्चे कहते हैं और संकल्प में यादप्यार देते रहते हैं अच्छा। आगे जो ड्रामा में होगा वह होता रहेगा।
मोहिनी बहन ने बहुत-बहुत याद दी है:- अच्छी याद और हिसाब चुक्तू दोनों कर रही है। बापदादा भी शक्ति देते रहते हैं। बाबा के पास याद पहुंचती है
दादी जानकी से:- (गले लगी) एक को किया अर्थात् सबको किया। बापदादा तो मिलते रहेंगे। संगमयुग है ही बाप और बच्चों के मिलन का, युग ही यह है इसीलिए मिलते रहेंगे।
(निर्वेर भाई ने कुछ भाई बहिनों की याद दी) जिन्होंने भी याद दी है उनको पदमगुणा यादप्यार।
रुकमणी दादी ने भी याद दिया है, उसको भी पदमगुणा यादप्यार देना।
(3-4 दिनों में कुछेक भाई बहिनों के एक्सीडेट हुए हैं)
सभी को एक-एक जो भी कुछ नीचे ऊपर हुए हैं याद देना लेकिन थोड़ा सा आगे के लिए ड्राइवर जो है उनको थोड़ा सा कोई अलग मे समझा देना! थोड़ा जल्दी करते हैं, यह जल्दी नहीं करना चाहिए। वह समझते हैं हम पहले पहुचेंगे, पहुचेंगे तो पहले लेकिन रिजल्ट? इसीलिए खास ड्राइवर्स को अभी थोड़ा सा इशारा देना चाहिए। ठीक है। गीता के भगवान के बारे में:- अहिंसा का जो किया है वह ठीक है, इसमे कई साथी हो जायेंगे, वैसे भी कई हिंसा को मानते नहीं हैं, तो उन लोगों को नजदीक लाओ तो गीता का भगवान खुद ही सिद्ध हो जायेगा।
ओम शान्ति
12-12-12 मधुबन आबू की पावन भूमि से 12-12-12 के विशेष दिन की प्यार भरी याद के साथ शक्तिशाली शुभकामनायें स्वीकार हों। जैसा कि आप सभी जानते हैं यहाँ शान्तिवन में बाबा की गोद में आराम से बैठे आप सभी भारत और सम्पूर्ण विश्व के आशा के जगमगाते और सफलतामूर्त रत्नों को याद कर रही हूँ। इस पूरे चक्र में 12-12-12 यह दिन यह समय कल्प बाद ही फिर से आयेगा परन्तु यह तो हम सभी जानते ही हैं कि इस संगमयुग का हर दिन मूल्यवान और हम सबको सर्व शक्तियों से सम्पन्न बनाने वाला है तो ऐसे अवसर पर मीठी मधुर शान्ति में गहरे जाने का समय निकालें और त्याग तपस्या और सेवा का मजबूत किला बनाये।हम सभी वरदानी आत्मायें सदा सर्व शक्तिमान परमात्मा के सहारे और मदद का अनुभव करते ही हैं। फिर चाहे शरीर का कोई भी पेपर हमारे सामने आये, चाहे विश्व की हालातों के अनुसार जो भी दृश्य आ रहे हैं, उसमें बापदादा से प्राप्त ईश्वरीय गुणों, शक्तियों और प्राप्तियों के आधार पर हम सभी अचल अडोल स्थिति का अनुभव करते रहते हैं। विश्व भर में हजारो लाखों अनुभवी ब्राह्मण फैले हुए हैं उन सभी के जीवन का एकमात्र आधार है मीठा प्यारा बाबा। हमारा बाबा कल्याणकारी है, ड्रामा में हर सीन कल्याणकारी है और हम सब विश्व कल्याणकारी हैं। इससे अधिक और क्या चाहिए।जैसा कि हम छुट्टियों के समय और वर्ष के अन्त में कदम रख रहे हैं हमारी शुभकामना है कि हम तीव्र पुरुषार्थ करते हुए गहरे दैवी सम्बन्ध के आधार पर अच्छे ते अच्छा समय बितायें।
बापदादा की प्यार भरी याद के साथ, ईश्वरीय सेवा में बी.के.जानकी।
ओम् शान्ति।
31-12-12 ओम शान्ति अव्यक्त बापदादा मधुबन
"इस नये वर्ष में हर एक सन्तुष्टमणि बन सन्तुष्टता की शक्ति द्वारा समस्या प्रूफ़, समाधान स्वरूप बनो"
आज बापदादा अपने चारों ओर सन्तुष्ट मणियों को देख रहे हैं। हर एक की लाइट बहुत अच्छी चमक रही है क्योंकि सन्तुष्टता की शक्ति बहुत श्रेष्ठ है। जहाँ सन्तुष्टता है वहाँ और शक्तियाँ भी आ जाती हैं। सन्तुष्टता की शक्ति किसी भी प्रकार की समस्या को सहज समाप्त कर सकती है। जहाँ सन्तुष्टता है वहाँ कोई अप्राप्त शक्ति नहीं, सन्तुष्टता की शक्ति कैसा भी वायुमण्डल हो, कैसा भी सरकमस्टांश हो उनको सहज परिवर्तन कर सकती है। सन्तुष्टता माया और प्रकृति की हलचल को परिवर्तन कर देती है। तो हर एक अपने को देखे कि हम सन्तुष्टमणि बने हैं? कोई भी मनुष्यात्मा की परिस्थिति को परिवर्तन कर वायुमण्डल परिवर्तन कर सकते हैं?
बापदादा भी आज विशेष अपने सन्तुष्टमणि आत्माओं को देख बहुत खुश हो रहे हैं। बापदादा ने देखा यहाँ सेवा में, साथियों में सन्तुष्टता की शक्ति वायुमण्डल को परिवर्तन कर लेती है। तो अपने को ऐसे सन्तुष्टमणि अनुभव करते हो? जो समझते हैं सन्तुष्टता की शक्ति है और समय पर कार्य में लगाते सफलता का अनुभव भी होता है, वह हाथ उठाओ। अच्छा। लम्बा हाथ उठाओ। हाथ तो बहुत अच्छे उठाते हो। बापदादा भी सभी के हाथों को देख ख़ुश है। लेकिन यह चेक करो कि कोई भी साथियों में हलचल होती है, उस समय यह शक्ति परिवर्तन करती है? उसकी रिजल्ट पहले अपने-अपने स्थानों को शक्तिशाली बनाने में सक्सेस है?
बापदादा ने देखा कई स्थानों में अभी भी सहनशक्ति से स्थानों को सदा निर्विघ्न बनाने में आवश्यकता की आवश्यकता है! बापदादा ने कार्य दिया था कि हर एक स्थान अर्थात् सेवाकेन्द्र जोन निर्विघ्न की रिपोर्ट देवे। याद है? है याद! उसी हिसाब से समय की आवश्यकता अनुसार अभी हर स्थान निर्विघ्न होना आवश्यक है। चाहे सेवास्थान है, चाहे अपने प्रवृत्ति में हैं, हर स्थान निर्विघ्न सन्तुष्टता की शक्ति से सम्पन्न हो। समय की रफ्तार तो देख रहे हो। तो बापदादा ने देखा सन्तुष्टता की शक्ति चाहे स्वयं में, चाहे संगठन में अभी अटेंशन देने की आवश्यकता है।
ब्रह्मा बाप चारों ओर चक्कर लगाते हैं। सबसे सहज साधन सम्पूर्ण बनने का जानते हो कौन सा है? फॉलो फादर। आदि से लेके अन्त तक ब्रह्मा बाप ने सन्तुष्टता की शक्ति से हर परिस्थिति पर विजय प्राप्त की। तो बापदादा आज सभी को विशेष इशारा दे रहे हैं, हर एक सन्तुष्टमणि बन सन्तुष्टता की शक्ति को विशेष कार्य में लगाते जाओ।
अब नया वर्ष आ रहा है इसमें हर एक को यह चेक करना है कि सन्तुष्टता की शक्ति से स्वयं भी सन्तुष्ट, साथी भी सन्तुष्ट रह, जो बापदादा चाहते हैं वैसे ही सन्तुष्ट रहे? कोई भी समस्या सन्तुष्टता से समाप्त हुई? क्योंकि दुनिया में दिन प्रतिदिन असन्तुष्टता बढ़नी ही है, उसके लिए अपने को देखे कि मैं सारा दिन सन्तुष्टमणि रही या रहा? इसका सहज साधन है फॉलो ब्रह्मा फादर क्योंकि आजकल दुनिया में असन्तुष्टता बढ़नी ही है।
बाकी बापदादा ने सभी बच्चों को नये वर्ष के लिए विशेष अमृतवेले सहज वरदान के रूप में वरदान देने का प्लैन बनाया है। सब पूछते हैं ना नये वर्ष में क्या होगा? तो बापदादा का विशेष दृढ़ सकल्प वालों को पुरुषार्थ में सहयोग प्राप्त होगा, तो यह नये वर्ष की गिफ्ट सहज हो जायेगा। अमृतवेले का यह वरदान पसन्द है? पसन्द है! करते तो हो लेकिन बापदादा की तरफ से विशेष सहयोग स्नेह शक्ति प्राप्त होगी। ठीक है! ठीक है? क्योंकि बापदादा ने देखा सबको लगन अच्छी है। कुछ करना है, यह लगन अच्छी है लेकिन जो बीच में कोई न कोई सरकमस्टांश आते हैं उसके लिए इस वर्ष में सन्तुष्टता की शक्ति विशेष कार्य में लगाना। चेक करना तो आगे स्वत: ही बढ़ते जायेंगे। अच्छा।
सभी जगह-जगह से आये हैं। चारों ओर भी मधुबन में लगन से याद करते रहते हैं। तो आप क्या बनेंगे? सन्तुष्टमणि। पसन्द है! सन्तुष्टमणि बनना पसन्द है, तो हाथ हिलाओ। अगर हर एक सन्तुष्ट रहेगा तो चारों ओर क्या होगा! वाह वाह! का गीत बजेगा। तो आप सभी कौन हो? कौन हो? सन्तुष्टमणि हो सभी! सन्तुष्टमणि हैं? कि थोड़ा- थोड़ा हैं। कहो, हम नहीं बनेंगे तो कौन बनेगा! बापदादा चक्र लगाये तो क्या देखेंगे? हर स्थान पर सन्तुष्टमणियों की लाइट चमक रही है क्योंकि बापदादा को चारों ओर चक्र लगाने में देरी नहीं लगती है। तो यह वर्ष चारों ओर सन्तुष्टमणियों की लाइट कितनी चमक रही है, यह रिजल्ट देखेंगे।
इस वर्ष अपने में समस्या प्रूफ, समाधान स्वरूप की विशेष रिजल्ट देखनी है। चारों ओर के बच्चे मैजारिटी मधुबन में मन से पहुंचे हुए हैं। बापदादा देख रहे हैं, चारों ओर के बच्चे कितने लगन से मन द्वारा मधुबन में पहुचे हैं। आप साकार में पहुचे हैं, चारों ओर के बच्चों को बापदादा भी विशेष यादप्यार दे रहे हैं। और विशेष सन्तुष्टता की शक्ति का वरदान चारों ओर के बच्चों को दे रहे हैं। सन्तुष्ट रहना, सन्तुष्ट करना और सन्तुष्टता की शक्ति से विश्व में भी सन्तुष्टता का वायब्रेशन फैलाना। अच्छा। सभी खुश हैं? हैं खुश तो दो-दो हाथ उठाओ। बापदादा भी बच्चों को मधुबन में देख खुश है। कुछ भी होवे ना, कोई भी ऐसी प्रॉब्लम छोटी-मोटी आवे ना तो आप मधुबन में पहुंच जाना, मन से, तन से नहीं मन से। बापदादा बच्चों के मन में एकस्ट्रा खुशी की खुराक भर देंगे। अच्छा है, मधुबन में आना अर्थात् पुरुषार्थ में आगे कदम बढ़ाना। अभी भी चेक करना मधुबन में आये तो कितना अपने में आगे बढ़ने में सहयोग लिया? मधुबन में सहज सारा दिन क्या याद रहता है? बाबा, बाबा, बाबा..। सुनते हैं तो भी बाबा की बातें, चलते हैं तो मधुबन का पावन स्थान, खाते हैं तो ब्रह्मा भोजन, पावरफुल क्योंकि यहाँ विशेष ड्यूटी वालों को याद दिलाया जाता है इसलिए मधुबन में आना अर्थात् अपने में ज्ञान, योग, धारणा और सेवा में कदम को आगे बढ़ाना। तो सभी ने मधुबन का यह सब फायदा उठाया है? उठाया है! फायदा उठाया है? क्योंकि यहाँ तो कोई जिम्मेवारी है ही नहीं। अपने को आगे बढ़ाने की जिम्मेवारी है? अच्छा।
सेवा का टर्न, दिल्ली आगरा का है:- दिल्ली वाले उठो। (सभी के हाथ में कैण्डल है) दिल्ली वाले लाइट माइट का रूप बनके आये हैं। अच्छा हॉल में रौनक हो गई है। अच्छा। देहली वालों को तो राजधानी तैयार करनी है क्योंकि सभी को राज्य तो करना है ना, तख्त पर भले नहीँ बैठें, लेकिन होंगे तो राज्य अधिकारी। अच्छा है, दिल्ली वालों को सर्विस का उमंग तो अच्छा है। अभी दिल्ली को नम्बरवन निर्विघ्न जोन यह रिजल्ट देनी है। उमंग तो अच्छा है लेकिन अभी प्रूफ देना है। दिल्ली वाले करेंगे ना! हाथ उठाओ क्योंकि अभी तक बापदादा को किसी भी जोन से रिजल्ट नहीं आई है। तो इसमें भी नम्बरवन लेगी ना दिल्ली। हाँ टीचर्स हाथ उठाओ। तो लेंगे? थोड़ा ढीला-ढाला उठाया। भाईयों ने उठाया। अच्छा। भिन्न-भिन्न स्थान पर बैठे हैं। अच्छा है बापदादा ने देखा सेवा का उमंग सभी जोन में है और इस वर्ष में चारों ओर सभी ने यथा शक्ति प्रोग्राम भी अच्छे किये हैं। सेवा का उमंग उत्साह चारों ओर है और यह सेवा का उमंग बढ़ाते जायेंगे तो क्या होगा? भारत महान बन जायेगा। अच्छा। दिल्ली वालों को मुबारक हो।
डबल विदेशी:- हाथ उठाओ। बहुत अच्छा। बापदादा ने देखा कि मधुबन का फायदा फॉरेन वालों ने बहुत अच्छा उठाया है। चाहे रिट्रीट की, चाहे कोई भी प्रोग्राम किये लेकिन संगठन में जो एक दो को सहयोग और हिम्मत मिली उसकी रिजल्ट अच्छी है इसीलिए बापदादा डबल फरिनर्स को 100 बार फायदा उठाने की मुबारक दे रहे हैं। और डबल फॉरिनर्स को बापदादा ने क्या टाइटल दिया! डबल पुरुषार्थी। डबल फॉरिनर नहीं लेकिन डबल पुरुषार्थी हैं। जब भी कोई डबल कहे ना तो कहो डबल फॉरिनर्स ही नहीं, डबल पुरुषार्थी भी हैं। और अपने को चेक करना। बापदादा जानते हैं अटेंशन है और विशेष अटेंशन दिलाया भी जाता है इसीलिए बापदादा को अच्छा लगता है चाहे देरी से आये हैं, लेकिन पुरुषार्थ में पीछे नहीं हैं। आगे जा रहे हैं और आगे जाते रहेंगे। यह भी बापदादा देख रहे हैं। बापदादा खुश है इसकी ताली बजाओ।
ज्युरिस्ट और आई.टी. वालों की मीटिंग है:- बापदादा ने पहले भी कहा है कि सभी वर्ग सेवा अच्छी कर रहे हैं, ज्युरिस्ट हैं कोई भी हैं लेकिन जब से वर्ग बने हैं, जिम्मेवारी मिली है तो देखा गया है कि जिम्मेवारी अलग-अलग मिलने से पुरुषार्थ भी अच्छा कर रहे हैं और प्रोग्राम्स भी बापदादा सुनते रहते हैं कि प्रोग्राम्स जो भी वर्ग कर रहे हैं उसकी रिजल्ट सब वर्ग की अच्छी निकल रही है। तो ज्युरिस्ट की भी सेवा अच्छी चल रही है। बापदादा खुश होते हैं कि हर एक का अटेंशन सेवा के तरफ भी अच्छा रहता है, कुछ करना है, कुछ करना है और कर भी रहे हैं। तो ज्युरिस्ट की सेवा भी जगह-जगह पर हो रही है, होती रहेगी। बहुत अच्छा। अच्छा।
अभी सेवा के प्रति तो बापदादा ने सभी को मुबारक दे दी, चाहे कोई भी वर्ग है। अभी बापदादा हर एक के पुरुषार्थ में प्रोग्रेस यह चाहते हैं, उसके लिए बापदादा ने सुनाया कि हर जोन अपने जोन को निर्विघ्न बनावे। अभी इसकी रिजल्ट नहीं आई है। सिर्फ अपना सेन्टर नहीं, जोन निर्विघ्न होना चाहिए। ऐसा प्लैन बनाओ जो हर जोन में कोई भी पुरुषार्थ में कमज़ोर नहीं रह जाए। जैसे अभी साथी हो, वैसे पुरुषार्थ में भी अच्छे ते अच्छे साथी बनके चलें क्योंकि आप निर्विघ्न बनेंगे तो उसका वायुमण्डल विश्व में फैलेगा। सारी विश्व परिवर्तन होनी है। अच्छा।
चारों ओर को बापदादा ने यादप्यार तो दे ही दिया है लेकिन इस वर्ष में पुरुषार्थ में चारों ओर सब तरफ नम्बरवन हो, ऐसा अभी एक दो के सहयोगी बन ऐसी रिजल्ट निकालो। जो भी जोन देखो नम्बरवन हो। यह हो सकता है? हो सकता है? दादियाँ सुनाओ, हो सकता है? हाँ बोलो, हो सकता है? (हम नहीं करेंगे तो कौन करेगा, हम ही तो करेंगे) हाथ उठाओ, डबल पुरुषार्थी बनेंगे! जहाँ भी जो सुन रहे हैं, देख रहे हैं सब यह संकल्प करो करना ही है और जो बहादुर होंगे वह तो कहेंगे बाबा बड़ी बात क्या है, हुआ ही पड़ा है। (पावर आफ फ्यूचर की सेवा भी निजार भाई और पार्टी अच्छी कर रहे हैं) भारत भी कर रहा है, फॉरिन भी कर रहा है। उमंग सभी को है लेकिन निर्विघ्न यह रिपोर्ट आवे हर जोन निर्विघ्न है, नम्बरवन पुरुषार्थी है क्योंकि आपका वायब्रेशन दुनिया तक जाये। आप लोग अगर पुरुषार्थ में आगे जायेंगे तो उसका वायब्रेशन दुनिया के दु:खी लोगों तक पहुँचेगा। आजकल तो कितना दुःख बढ़ रहा है! कारण ही ऐसे बनते हैं जो दु:ख ही दुःख फैल जाता है। अच्छा -
सभी को याद है, अगले वर्ष क्या करना है? तो ऐसा पुरुषार्थ करके आगे बढ़ो और आगे बढ़ाओ। अच्छा। (ईश्वरीय सेवा के लिए कोई नया प्लैन) वह बतायेंगे, ठीक है। अच्छा है। अच्छा।
दादियों से:- (इस बार टीचर्स संगठन में भी यही रूहरिहान हुई कि संगठन को पावरफुल कैसे बनायें)
मोहिनी बहन से:- अभी भी इसका पार्ट है और सहयोग भी है। अभी ठीक है? हो जायेगा। कोई विचार नहीं करो, ठीक हो जायेगा। थोड़ा बीच में होता है ना। अभी डायरेक्शन ठीक मिला है ना तो ठीक हो जायेगा। खुश तो है ना। थोड़ा हलचल हुई है इसलिए होता है, ठीक हो जायेगा। बीमारी बढ़ गई है ना तो उसमें थोड़ा बहुत होता है। अभी थोड़ा लगातार एक-एक को ठीक करते जाएं बस, हो जायेगा। फिर भी ठीक है। तैयार हो जायेगी तो फिर दौड़ेगी। (कल इनका जन्म दिन है, 72 वर्ष)
तीनों भाईयों से:- तीनों मिलकर ऐसा प्रोग्राम बनाओ जो मधुबन सदा ही निर्विघ्न रहे। सब सन्तुष्ट भी रहें, त्यागी भी रहें, सन्तुष्ट भी रहें, दोनों ही। ध्यान दे रहे हो और भी थोड़ा देते चलो। तीनों ही आपस में राय करके एक विचार वाले हो जाओ। तीनों में एक ही लहर हो। विचार भिन्न-भिन्न होते हैं, लेकिन विचारों को भी मिलाना होता है। तो तीनों का एक विचार हो, यह एक दो में मिलते, एक जैसे संकल्प करो। अच्छा है। जैसे बहनें आपस में है ना, ऐसे भाई भी एकमत हों। जो भी जिसकी मत हो विचार लो लेकिन एक हो करके चलो।
बापदादा ने सभी बच्चों को नये वर्ष 2013 की बधाईयाँ दी
चारों ओर के बच्चों को नये वर्ष की मुबारक हो, मुबारक हो, मुबारक हो। इस नये वर्ष में कुछ न कुछ नवीनता अपने में लानी है। जो अभी तक परिवर्तन नहीं किया हो, मुश्किल लगता हो वह इस नये वर्ष में करके समाचार लिखना। अपने को निर्विघ्न बनाना और दूसरों को भी निर्विघ्न बनाने में सहयोगी बनना। सब सन्तुष्टमणियाँ, चमकती रहें, ऐसे बापदादा देखने चाहते हैं।
अच्छा - चारों ओर के बच्चों को बहुत-बहुत-बहुत यादप्यार और परिवर्तन मनाने की मुबारक हो, मुबारक हो, मुबारक हो।
ओम् शान्ति।
18-01-13 ओम शान्ति अव्यक्त बापदादा मधुबन
“बापदादा की आश - अब ब्रह्मा बाप समान सम्पन्न और सम्पूर्ण बनने का कदम उमंग-उत्साह से तीव्र करो, इसका विशेष प्लैन बनाओ”
आज बापदादा अपने मीठे-मीठे प्यारे-प्यारे बच्चों को देख खुश हो रहे हैं। सबके दिल से वाह बाबा वाह निकल रहा है और बाप के मुख से वाह बच्चे वाह! यही बोल निकल रहे हैं। आज चारों ओर के बच्चों को भी बापदादा देख रहे हैं, सबके मन में ब्रह्मा बाप के स्नेह की झलक दिखाई दे रही है। सबके मन में प्यार की लहर दिखाई दे रही है। बाप के मन में भी हर बच्चों के प्रति प्यार की लहरें आ रही हैं। यह प्यार अलौकिक प्यार है। बापदादा ने देखा मैजारिटी बच्चे प्यार की शक्ति से ही चल रहे हैं। बाप को भी हर बच्चे के प्रति प्यार आ रहा है और दिल से हर बच्चे प्रति यही निकलता मीठे बच्चे, प्यारे बच्चे, हर बच्चे को बाप ने तीन तख्त के मालिक बनाया है। जानते हो ना! सारे कल्प में कोई भी आत्मा तीन तख्त के मालिक नहीं बन सकती लेकिन आप श्रेष्ठ आत्मायेँ तीन तख्त के मालिक बन कितने रूहानी प्यार में, नशे में रहते हो! हर एक अपने से पूछे इतनी खुशी, इतना रूहानी नशा सदा स्मृति में रहता है? सदा शब्द सदा याद है? बापदादा को कभी-कभी शब्द अच्छा नहीं लगता।
तो आज सभी चाहे सामने बैठे हैं, चाहे अपने-अपने स्थानों पर बैठे हैं लेकिन बाप तो देख ही रहे हैं, दूर होते भी बाप के तो सामने ही हैं। तो बाप ने देखा हर एक बच्चा आज विशेष ब्रह्मा बाप के स्नेह में समाये हुए हैं। स्नेह मुश्किल बात को भी सहज करने वाला होता है। तो बापदादा हर एक बच्चे से अति स्नेह करते हैं। चाहे पुरुषार्थी हैं लेकिन हैं तो बाप के बच्चे। तो आज बापदादा यही चाहते हैं कि हर एक बच्चे के मुख से सदा शब्द निकले। हो सकता है? जो समझते हैं कि अब से सदा शब्द सहज है, लक्ष्य रखकर लक्षण आ ही जायेँगे क्योंकि बापदादा मददगार है, वह हाथ उठाओ। वाह वाह! वाह बच्चे वाह! ताली बजाओ।
बापदादा भी सिर्फ सामने वालों को नहीं लेकिन चारों तरफ के बच्चों को देख प्यार से कहते वाह बच्चे वाह! जैसे मैजारिटी बच्चे बापदादा से दिल के प्यार में नम्बरवन हैं ऐसे सदा विजयी, इससे भी कभी-कभी शब्द निकल जाए। यह हो सकता है? हो सकता है? इसमें हाथ उठाओ। हाथ बड़ा उठाओ, हिलाओ। हाथ तो बहुत अच्छे हिल रहे हैं। बापदादा बच्चों को हिम्मत में देख खुश होते हैं। एक-एक बच्चे से बाप का, दोनों बाप, बापदादा दोनों का दिल का प्यार सदा है और सदा रहेगा। अगर चलते-चलते थोड़ा सा माया का वार हो भी जाता है तो भी बाप का प्यार समाप्त नहीं हो सकता। और ही बापदादा साथी बच्चों को यही कहते इनको एकस्ट्रा सहयोग, प्यार दे करके उड़ाओ। अब बापदादा यही चाहते हैं समय को तो सब जानते ही हो। समय कहाँ जा रहा है, यह सब जानते हैं। तो समय को देखते बापदादा की अचानक की बातें याद करो। बापदादा की यही दिल की आश है एक भी बच्चा पीछे न हो, साथ रहे, साथ चले। साथ रहना स्थूल नहीं, लेकिन दिल से सदा श्रीमत पर चलना, यही सदा साथ है। तो अभी समय प्रमाण जैसे प्यार होता है तो समझते हैं साथ रहें, साथ रहना स्थूल में तो हो नहीं सकता लेकिन जो बाप चाहता है, परिवार साथी चाहते हैं उसमें समान और साथी बनके चलना यही साथ है।
तो जैसे आज के दिन बापदादा के पास प्यार की लहर चारों ओर के हर बच्चे की पहुँची है, ऐसे ही बापदादा की शुभ आशा है कि हर रोज अमृतवेले से लेके रात तक जो भी मन, वचन, कर्म में कार्य करते हो, उसमें चेक करो बाप का कहना और मेरा करना समान रहा? यह हो सकता है! ईजी है? मुरली रोज की बाप का कहना है। तो हर एक चेक करे बाप का कहना मेरा करना, एक रहा? यह मुश्किल तो नहीं क्योंकि हर एक रात को सोने के पहले अपने रोज की रिजल्ट चेक तो करते ही होंगे। बाप अभी चाहते हैं कि आप बच्चे स्वयं सम्पन्न बन समय को समीप लाओ। ब्रह्मा बाप भी आवाहन कर रहे हैं आओ बच्चे साथ चलें अपने राज्य में। आत्माओं को भी मुक्ति का गेट खुलवाकर मुक्ति का पार्ट बजाने दो। किसको राज्य, किसको मुक्ति।
तो आज के दिन अमृतवेले से लेके स्नेह की मालायेँ तो सब तरफ से बहुत पहुँच गई। बापदादा सबको भेजने वालों को मुबारक दे रहे हैं। अब क्या करना है? अब जो बापदादा और आपकी भी चाहना यही है कि सब सम्पन्न और सम्पूर्ण बन जायेँ। इस कदम को और तीव्र करो। आपको भी पसन्द है ना! दुःख अशान्ति अपने भाई बहनों की सुनते अच्छी नहीं लगती है ना! अब आपस में मिलके और बातों में समय न देके यह प्लैन बनाओ। चारों ओर सम्पन्न सम्पूर्ण बनने का उमंग-उत्साह हो। ब्रह्मा बाप यही चाहते हैं मेरा एक-एक बच्चा मेरे समान सम्पन्न बन जाये। यह ब्रह्मा बाप की आशा पूर्ण तो करेंगे ना! तो आज ब्रह्मा बाप चारों ओर के बच्चों पर स्नेह और शक्तियों की लहर वा शुभ संकल्प की लहर फैला रहे थे। बाप भी ब्रह्मा बाप से बच्चों का प्यार देख करके आज फूल फैलाने का दिन है ना, तो बाप भी शुभ आशाओं के फूल “कहा और किया” इस उम्मीदों के नहीं लेकिन तीव्र पुरुषार्थ के फूल आप चारों ओर के बच्चों पर डाल रहे थे। अच्छा।
बापदादा हर बच्चे को चाहे नये भी आये हो, पहले बारी जो आये हैं वह उठो। देखो, सभी मैजारिटी आधा नये आये हैं। आने वालों को बहुत-बहुत बापदादा का यादप्यार स्वीकार हो। बापदादा खुश है लेकिन कमाल करके दिखाना। अच्छा। देख रहे हैं, हर एक बच्चा सामने दिखाई दे रहा है, चाहे वहाँ है चाहे लास्ट है लेकिन इसमें (बापदादा के सामने टी. वी. रखी है) सामने ही दिखाई दे रहा है तो एक-एक बच्चे को बापदादा का यादप्यार स्वीकार हो। अभी परिवर्तन जल्दी-जल्दी करना पड़ेगा। आ गये उसकी मुबारक, अभी पुरुषार्थ कर नम्बर आगे लेके फिर मुबारक लेना। अच्छा, बैठ जाओ, भले पधारे।
सेवा का टर्न पंजाब जोन का है:- भले पधारे। अच्छा है, पंजाब में ब्रह्मा बाप का बहुत प्यार था। खास पंजाब में चक्कर लगाके रहा। सभी जगह नहीं गये ब्रह्मा बाप लेकिन थोड़े स्थानों में गये, उसमें भी पंजाब में भी गये तो पंजाब को बाप ने अपने डायरेक्ट वरदान दिये हैं और पंजाब की विशेषता कुमारियां टीचर्स बहुत अच्छी निकाली हैं। बहादुर, डरने वाली नहीं। ठीक है ना टीचर्स। बहादुर हो ना, डरने वाली तो नहीं हो। नही हैं। आखिर भी सभी को कितने भी बड़े हैं, क्या भी हैं लेकिन आखिर तो जय शिव शक्तियां कहना ही पड़ेगा। अच्छा है बापदादा सेवा में तो हर एक को देखते हैं कि कर रहे हैं, करते रहेंगे लेकिन एक बात सभी जोन के लिए जो बापदादा ने कही है, सर्टीफिकेट लेने के लिए वह अभी तक किसी जोन ने नहीं ली है। अभी पंजाब को नम्बरवन जाना चाहिए। एक ने कहा, सभी ने प्यार से किया और जैसे स्थूल में एक दो को साथ देते हो वैसे सस्कारों के मिलन में भी प्रत्यक्ष फल दिखाओ। ठीक है ना! अभी वह नम्बर नहीं आया है, अभी तक कोई भी जोन की यह रिजल्ट नहीं आई है। पंजाब करेगा। करेंगे ना? टीचर्स हाथ उठाओ। टीचर्स तो बहुत हैं। बहुत अच्छा, बापदादा खुश है।
डबल विदेशी:- विदेशी, लेकिन बापदादा विदेशी बच्चों का उमंग उत्साह देख खुश है और बापदादा को विशेष खुशी है कि मधुबन में आके हर एक अपने पुरुषार्थ में एडीशन करते हैं। आप जो भी सभी आये हैं तो विशेष कोई न कोई बात में अटेन्शन दिया है ना! आगे से यह बात नहीं करनी है और यह बात करनी है, दोनों का स्पष्टीकरण लेके जाते हैं और बापदादा ने देखा अटेन्शन देते भी हैं और निमित्त बने हुए अटेन्शन दिलाते भी हैं इसलिए बापदादा खुश होते हैं कि अटेन्शन देके कई परिवर्तन भी करते हैं यह रिजल्ट बापदादा ने देखी है और आगे के लिए यह अटेन्शन देना कि मधुबन हैं आना अर्थात् कोई न कोई बात का प्रोग्रेस करना। तो आप सभी ने किया है? हाथ उठाओ। कुछ न कुछ परिवर्तन करके ही जाना। है ठीक है, मंज़ूर है? बापदादा का भी प्यार है क्योंकि बापदादा ने देखा है डबल सर्विस करते भी कई बच्चे बहुत अच्छे तीव्र पुरुषार्थी भी हैं। बापदादा खुश है और नम्बर सदा आगे लेते रहना। चल रहे हैं, नहीं। नम्बर कौन सा? आ रहे हैं, क्लास कर रहे है नहीं। हर दिन प्रोग्रेस क्या किया? मुरली सुनना, धारण करना, इसका प्रूफ है परिवर्तन करना। तो अच्छा है बापदादा खुश है। करते हैं और आगे भी करते रहेंगे। अच्छा है। हाथ हिलाओ बापदादा सभी को देख रहे हैं क्योंकि इसमें (टीवी में) खास आता है। देखो ड्रामानुसार जब बच्चे आये थे उनसे 100 साल पहले यह साइन्स ने तरक्की की, तो अभी भी देखो यह साइन्स आपके काम में आ रही है। ठीक है ना! अच्छा। सभी बच्चों से, एक-एक बच्चा पीछे वाला भी ऐसे ही समझो हम बापदादा के सामने हैं और बापदादा मेरे को यादप्यार दे रहे हैं।
कलकत्ता वालों ने सभी स्थानों पर फूलों से क्षृंगार किया है:- अच्छा करते हैं, दिल से करते हैं, मेहनत भी करते है हैं इसीलिए इन्हों को खास बापदादा की तरफ से दो दो टोली और 6-6 फल इन्हों को देना। मेहनत जिन्होंने की है, उन्हों को फल तो मिलना चाहिए ना। बाकी अच्छा है दिल से करते हैं और दिल को अच्छा लगता है। मुबारक हो। सेवा की, एक आने की दूसरा सेवा की तो मुबारक हो। अच्छा।
अभी चारों ओर के बच्चे बापदादा उन्हों को देख रहे हैं, वह भी बापदादा को देख रहे हैं, तो सभी को बहुत-बहुत तीव पुरुषार्थी, सोचा और किया, इसको कहते हैं तीव्र पुरुषार्थी। तो जो भी तीव पुरुषार्थी बच्चे हैं, उन एक-एक को बापदादा तीव्र पुरुषार्थ के लक्ष्य की मुबारक भी दे रहे हैं और साथ-साथ आगे बढ़ने की बधाई भी दे रहे हैं। अच्छा।
आज तो सबसे मिले ना। देखो, एक-एक से अलग सामने तो मिल नहीं सकते लेकिन एक-एक को दूर बैठे भी साथ में अनुभव करते यादप्यार दे रहे हैं। अच्छा। अभी क्या करना है।
बापदादा ने दादी जानकी जी को फूलों का हार पहनाया:- क्या करूँ, नहीं कर रही हो। सभी अच्छा कर रहे हैं। जो भी निमित्त बने हैं वह सब अच्छा कर रहे हैं। सुना। (दादी जानकी जी ने कुछेक भाई बहिनों की बाबा को याद है) उनको कहना बापदादा अमृतवेले चक्कर लगाते हैं तो इन्हों के पास भी चक्र लगाते हैं। (नारायण दादा हॉस्पिटल में हैं) सेवा ध्यान से करना और यादप्यार भी देना।
मोहिनी बहन ने अहमदाबाद हॉस्पिटल से याद भेजी है:- कितनी भी बीमारी हो लेकिन बापदादा याद है तो बीमारी कम हो जाती है। जितनी कोशिश करके याद में रहते हैं, तो बीमारी आधी हो जाती है। जैसे वह दवाई है तो पहली दवाई यह याद की है, तो कर रहे हैं, करते रहेंगे। अच्छे हैं। फिर भी इतना सहन करने की हिम्मत है। अच्छा है, ठीक हो जायेगी।
निर्मल शान्ता दादी कमरे में हैं:- अभी भी कमरे में सुनेगी। वह याद करती है और बाप भी यादप्यार देते हैं। नारायण को बाप की तरफ से टोली भेज देना।
सभी को बाप की याद देते ही रहना। अच्छा है। दिल्ली वाले भी अच्छा पुरुषार्थ कर रहे व हैं। (बृजमोहन भाई ने शिवजयन्ती के प्रोग्राम की जानकारी दी) बहुत अच्छा मिलकर करने से आवाज फैलता है। भले कोने कोने में तो करना पड़ता है लेकिन इकट्टा करने से चारों ओर फैलता है। अच्छा है, सभी को हर एक दिल्ली वाले समझे, हमको यादप्यार मिला है। (रमेश भाई से) तबियत ठीक है। बहुत अच्छा। (स्टुडियो की सेवा कैसे बढ़ायेँ) उसमें कोई ग्रुप बनाओ। सेवा की कमेटी थोड़ी बनाओ, उसके ऊपर जिसे चाहिए उसको रखो और फिर रिजल्ट पूछो, जो सोचा वह किया! अगर कोई प्रोब्लेम हो तो वह भी उनकी हल करो। रात को 5 मिनट भी बैठ करके मुबारक दो, उमंग में आवें। मेहनत तो करनी पड़ती है। अच्छा है। सभी को याद देना।
यज्ञ निवासी बापदादा के बच्चों से सबका बहुत प्यार है। बापदादा के निमित्त बने हुए जो भी बच्चे हैं। दादियाँ निमित्त बनी हैं, तो उन्हों को भी बाबा विशेष दुआयेँ देते हैं। दुआओं से ही वह चलती हैं और चलाते हैं। विशेष दुआयेँ स्पेशल उन निमित्त बने हुओं को, चाहे भाई हो चाहे बहन हो, लेकिन निमित्त बने हुए कोई भी कार्य के लिए हैं, उन्हो को स्पेशल दुआयेँ मिलती रहती हैं। मिलती रहेंगी। अच्छा।
ओम् शान्ति।
02-02-13 ओम शान्ति अव्यक्त बापदादा मधुबन
“बाप के स्नेह में समाते हुए, शक्तियों द्वारा मन को कन्ट्रोल कर सदा मनजीत, जगतजीत बनो”
आज बापदादा हर एक बच्चे को देख हर्षित हो रहे हैं। हर एक बच्चा चाहे सम्मुख है, चाहे दूर है लेकिन बापदादा के स्नेह में लवलीन है। बापदादा भी हर बच्चे के स्नेह को देख हर्षित हो रहे हैं। हर एक बच्चे का चेहरा स्नेह में समाया हुआ है और बापदादा भी हर बच्चे को देख, लवलीन बच्चों को देख स्नेह में समाये हुए बच्चों को देख खुश हो रहे हैं। हर एक बच्चे में तीन वरदान देख रहे हैं। एक बाप के स्वरूप में वर्से का वरदान, दूसरा शिक्षक के रूप में श्रेष्ठ शिक्षा का वरदान, तीसरा गुरू के रूप में वरदानों का वरदान। तीनों ही वरदान का स्वरूप देख हर्षित हो रहे हैं। चाहे यहाँ बैठे हैं, चाहे दूर बैठे हैं लेकिन हर बच्चा स्नेह में लवलीन है। बाप भी बच्चों के स्नेह में लवलीन हैं। यह स्नेह हर बच्चे को लव में लीन का अनुभव करा रहे हैं। यह स्नेह अशरीरी बनाने का साधन है|
बापदादा हर बच्चे को देख खुश हैं। क्या गीत गाते हैं? वाह बच्चे वाह! यह स्नेह अशरीरी बनाने वाला है। बाप बच्चों को देख क्या कहते हैं? वाह बच्चे वाह! सदा इस स्नेह में समाये रहो, यह परमात्म स्नेह हर एक को परमात्म प्यार में समाने वाला है। बापदादा हर बच्चे के नयनों में हर एक बच्चे का भाग्य देख रहे हैं। इस एक जन्म में 21 जन्मों का भाग्य बना रहे हैं। हर एक के मन में परमात्म प्यार अनुभव हो रहा है। यह परमात्म प्यार एक जन्म में इतना श्रेष्ठ बना रहा है जो आत्मा लवलीन बन, अशरीरी बन अपने घर परमधाम जायेंगे, साथ में अपने राज्य के अधिकारी बन जायेंगे।
आज बापदादा बच्चों को विशेष वरदान दे रहे हैं सदा बाप के स्नेह में समाते हुए मनजीत जगतजीत बनना। सदा मन का मालिक बन मनजीत बनो। कई समझते हैं मन के मालिक बनना यह मुश्किल है लेकिन बापदादा कहते हैं मन को आप मेरा मन कहते हो ना, जैसे और कर्मेन्द्रियां मेरी हैं तो वह कन्ट्रोल में हर कार्य करती हैं वैसे मनजीत जगतजीत बनना मुश्किल नहीं है। आज हर बच्चे को बाप मनजीत, जगतजीत बनाने चाहते हैं। मन को शक्तियों द्वारा कन्ट्रोल कर मनजीत बनना ही है। बापदादा हर बच्चे को आज सदा मन का मालिक, मनजीत जगतजीत बनाने चाहते हैं। मेरा है, मेरे का मालिक हूँ, जैसे चाहूँ मालिक बन मन को चलाना इससे खुश रहेंगे। जैसे इन हाथ पाँव को आर्डर में चलाते हो क्योंकि मेरा है, ऐसे मन को भी शक्ति स्वरूप हो चला सकते हैं लेकिन मालिक बन चलाना तो मनजीत जगतजीत बन जायेंगे। इस शाम समय पर परमात्मा बाप द्वारा वरदान मिलते हैं। वरदाता बाप हर बच्चे को वरदानों से झोली भर देते हैं। एक जन्म में अनेक जन्मों का भविष्य बना सकते हो।
आज बापदादा देख रहे हैं कई आत्मायें अपने घर में पहुँच गई हैं। बापदादा सभी को अति स्नेह और शक्ति रूप से मुबारक दे रहे हैं। साथ में वरदान भी दे रहे हैं। वरदान क्या है? सदा शक्ति स्वरूप आत्मा बन इन कर्मेन्द्रियों को चलाने वाले मास्टर बन, मनजीत जगतजीत बन, सदा खुश रहना और खुशी बाँटना क्योंकि आज विश्व की आत्मायें अपने-अपने कार्य करते हुए खुशी के बजाए अनेक सरकमस्टांश में अपने को मजबूर समझती हैं। मजबूर को मजबूत करो। खुशी बाँटो। संसार की हालत तो देख ही रहे हैं लेकिन अपने को न्यारा और बाप का प्यारा बन उस प्यार में लवलीन रहो। अच्छा!
आज जो आये हैं वह जरा उठना। आज जो विशेष निमन्त्रण पर आये हैं उन्हों को उठा रहे हैं। (वी. आई. पीज. का गुलदस्ता आया है) बापदादा बच्चों को देख खुश हैं कि अपने घर में पहुँच गये हैं। अपना घर लगता है? लगता है हाथ उठाओ। बापदादा भी खुश हो रहे हैं बच्चों को देख और गीत गा रहे हैं वाह बच्चे वाह! क्योंकि आज विश्व को आवश्यकता है अपने खुशनुमा जीवन की। तो एक-एक अनेक आत्माओं को परिचय दे इस भारत को जैसे भारत ऊंचा था, वैसे बनाना है। बापदादा भी खुश है। आप सभी अपने परिवार को देख खुश हैं ना। देखो दो-दो हाथ उठा रहे हैं। बहुत अच्छा। आये हैं अपने घर में, अपने बाप अपने परिवार से मिलने। बापदादा यही वरदान देते हैं कि खुशी कभी नहीं गवाँना। खुश रहना और खुशी बाँटना।
सेवा का टर्न कर्नाटक जोन का है - 11 हजार आये हैं:- बापदादा इतने सब बच्चों को देख वाह बच्चे वाह! का गीत गा रहे हैं। बापदादा ने देखा हर एक जोन अपने जोन को आगे बढ़ाने के प्रयत्न में लगे हुए हैं और यह जो जोन-जोन आता है यह सिस्टम भी हर एक बच्चे को चांस देता है, ज्यादा में ज्यादा लाने का। बापदादा भी एक-एक बच्चे को देख खुश होते हैं। देखो कितने आधा क्लास एक ही जोन से आये हुए हैं। बापदादा कर्नाटक जोन को विशेष वरदान दे रहे हैं – सदा एक-दो में मिलते कमाल करते रहेंगे। कोई भी प्रोग्राम बनाओ कमाल का बनाना। बापदादा को कर्नाटक जोन क्यों प्यारा है? क्योंकि कर्नाटक से सर्विस कर्नाटक में अच्छे विस्तार से बढ़ रही है, बढ़ती रहेगी। कर्नाटक वालों को सदा बापदादा यही वरदान देता है कि सदा खुशी-खुशी से कर्नाटक में सभी भाई बहिनों को परमात्म सन्देश जरूर पहुँचाओ। कोई रह नहीं जाये। बापदादा खुश है कि सेवा कर भी रहे हो और करते भी रहेंगे। अच्छा है जो कर्नाटक से पहले बारी आये हैं वह खड़े रहो बाकी बैठ जाओ। अच्छा आधा क्लास तो पहले बारी का है। अच्छा है अपने घर में आये लेकिन बापदादा से पूरा वर्सा ले के वारिस बनके ही जाना। बापदादा खुश है अभी टीचर्स जो बापदादा ने कहा है मनजीत जगतजीत, मन के मालिक बन यह टाइटल जरूर लेना है। मनजीत जगतजीत|
डबलविदेशी:- डबल विदेशी, बापदादा अभी डबल विदेशी नहीं कहते। बापदादा कहते डबल पुरुषार्थी और बापदादा ने देखा विदेश पुरुषार्थ में अटेन्शन भी विशेष दे रहे हैं। बापदादा आप आये हुए विदेशियों को बहुत-बहुत वरदान देते हैं कि सदा बढ़ते रहेंगे और अनेकों को बापदादा का वरदान दिलायेंगे। बाबा ने देखा है कि सेवा का शौक भी अच्छा है, साथ-साथ स्व को आगे बढ़ाने का पुरुषार्थ भी अच्छा चल रहा है इसलिए बापदादा विशेष डबल प्यार देते हैं। जहाँ जो भी है वह अटेन्शन देके टेन्शन फ्री रहते हैं। बापदादा खुश है, बढ़ रहे हो और बढ़ते रहेंगे। एक बाप दूसरा न कोई, इस पुरुषार्थ में अटेन्शन है और अटेन्शन टेन्शन को समाप्त कर रहा है। तो बापदादा डबल विदेशियों को डबल प्यार दे रहे हैं।
तो सभी आगे के लिए क्या लक्ष्य रखेंगे? सभी को यही लक्ष्य रखना है कि स्वयं भी शक्तिशाली बन औरों को भी बापदादा का परिचय दे वारिस बनाने की सेवा करेंगे। अभी हर एक सेन्टर अपने आने वाले भाई बहनों को वारिस क्यालिटी बनाओ। वारिस क्वालिटी अर्थात् जो सदा बाप के साथी बन खुद भी चले और अनेकों को भी बाप के साथी बनावे। बापदादा खुश है चारों ओर की सर्विस अच्छी बढ़ा रहे हैं। हर एक को उमंग है। जैसे बापदादा ने सुना दिल्ली में प्रोग्राम बनाया है, ऐसे ही इस शिवरात्रि पर हर एक जोन प्रोग्राम बनाए। कम से कम अपने शहर में शिवरात्रि पर शिवबाबा के कम से कम बच्चे जरूर बनायें। प्रोग्राम तो सब करते हैं लेकिन हर प्रोग्राम से वारिस कितने बनाये, समीप कितने आये, यह भी रिजल्ट निकालो। बाकी सभी जो आज बापदादा ने बताया मनजीत, जगतजीत यह अवश्य बनना है। मन के व्यर्थ सकल्पों को समाप्त कर व्यर्थ को विदाई दे दो नहीं तो व्यर्थ संकल्प भी समय निकाल देते हैं। तो आज का पाठ मनजीत जगतजीत बनना ही है। मेरा मन है, तो मेरे के ऊपर राज्य होता है। तो हर एक यह स्वरूप अपना बनाओ और दूसरों को भी सहयोग दो। आये हुए मेहमान, बापदादा खुश है कि अपना घर तो देख लिया। अभी क्या करेंगे? अब दूसरे बारी आप विजीटर नहीं, घर के बन घर वाले औरों को बनायेंगे। मंज़ूर है ना! पसन्द है, हाथ उठाओ। बापदादा देख रहा है। अच्छे हैं। अभी विजीटर नहीं, अब घर के मालिक, बालक सो मालिक। विजीटर अपने को विजीटर ही समझते हैं या घर के बालक सो मालिक समझते हैं। जो समझते हैं बालक सो मालिक हैं वह हाथ उठाओ। बापदादा हजार गुणा आपको मुबारक दे रहे हैं। अच्छा लग रहा है। देखो, वैरायटी ग्रुप है। जो औरों की सेवा के निमित्त बने हुए हैं दोनों उठो। (सभा में दो महात्मायें, सन्यासी बैठे हैं) बापदादा को बहुत प्यारे हो इसलिए औरों को भी बापदादा के प्यारे बनाने वाले हो। अच्छा है आप भी अपने अनुभव से अनेकों को अनुभवी बनाने वाले हो।
कुम्भ मेले में भी बहुत अच्छी सेवायें चल रही हैं:- बापदादा ने भी सुना, बच्ची जो निमित्त है (मनोरमा बहन) उनको बापदादा कोटि-कोटि प्यार दे रहे हैं। सभी मेहनत अच्छी कर रहे हैं। बापदादा बच्ची को रोज अमृतवेले याद करता है क्योंकि याद करने से बच्ची में उमंग-उत्साह आ रहा है और उसी उमंग- उत्साह से कर रही है। यह बापदादा को समाचार मिलता रहता है। बच्ची को बहुत-बहुत यादप्यार|
अच्छा- सभी यहाँ से जाते क्या करेंगे? आप समान बनायेंगे ना। हर एक को यह संकल्प हो कि हमें जो जानते नहीं हैं उनको परिचय दे सन्देश तो दे दो, उल्हना नहीं देवें आपको। आपने तो हमें बताया नहीं। अपना उल्हना जरूर उतारो। जो भी कनेक्शन में हैं उन्हों को सन्देश देना आपका फर्ज है। अड़ोसी- पड़ोसी सम्पर्क वाले यह उल्हना नहीं दें हमको तो इतना पता ही नहीं था। प्रोग्राम कर रहे हैं, अच्छा है। शिवरात्रि पर कम से कम यह तो पता पड़ जाए, आपके परिचय वालों को तो शिव परमात्मा का कार्य चल रहा है। उल्हना नहीं दें कि हमको तो आपने बताया ही नहीं क्योंकि समय पर कोई भरोसा नहीं, कुछ भी होना है अचानक होना है। यह अचानक की बात सभी को ध्यान में रखनी है। अपना भविष्य और औरों का भविष्य जितना बनाना चाहो अभी चान्स है। बापदादा एक-एक बच्चे को मुबारक दे रहे हैं। आगे बढ़ भी रहे हो लेकिन रफ्तार को और तेज करो। चारों ओर के बच्चे बापदादा ने देखा कितनी याद में बैठते हैं और बापदादा भी चक्र लगा के सभी बच्चों को प्यार भी देते हैं और प्यार के साथ-साथ मुबारक भी देते हैं। चारों ओर उमंग अच्छा है। अब दु:ख से छुड़ाओ। अब अपना राज्य आने दो। तो सभी बच्चों को चाहे विदेश, चाहे देश, चाहे गाँव, हर एक बच्चे को बापदादा बहुत-बहुत-बहुत याद और प्यार दे रहे हैं।
दादी जानकी से:- (बाबा आप पिघला देते हो) अभी बहुत सेवा करेंगी। कर रही हो और भी करेंगी। सेवा के लिए निमित्त हो। चलेगा, शरीर चलेगा। अच्छा चलेगा।
मोहिनी बहन अभी लोटस हाउस में हैं:- अच्छा है हिसाब-किताब चुक्तू किया अभी और डबल पुरुषार्थ कर आगे जायेगी। हर एक को आगे बढ़ना ही है। बापदादा बहुत बहुत बहुत यादप्यार दे रहे हैं। (मोहिनी बहन के साथ उनके साथी सेवाधारियों ने भी याद दी है) सेवाधारियों ने प्यार से सेवा की है उसकी मुबारक तो है लेकिन आगे भी ऐसा निर्विघ्न बना के ऐसे तैयार करें जैसे कुछ हुआ ही नहीं।
परदादी से:- ठीक है। आपकी सूरत बाप की याद दिलाती है। आप बोलो नहीं बोलो लेकिन आपकी सूरत सेवा करती है।
निर्वैरभाई से:- अभी सेवा करनी है, ऐसे छुट्टी नहीं है। यह सब निमित्त हैं। सेवा के लिए अभी तो बहुत चान्स है। करो, खूब धूम मचाओ। (आप साथ हैं तो करेंगे ही) करना ही है।
कुंज दादी ने अहमदाबाद हास्पिटल से याद दी है:- उसको याद देना, बाबा की शुरू से लाडली रही है। अभी भी लाड और प्यार शरीर को चला रहा है। बापदादा की नजर है, सेवा अच्छी की है। (देश-विदेश के बहुत से भाई-बहिनों ने याद भेजी है) सभी जिन्होंने भी याद भेजी है उनको पदमपदम बार रेसपान्ड है। अच्छा।
बृजमोहन भाई से:- प्लैन अच्छा बनाया है। सहज है ना, सब खुश हो जाते हैं। अहिंसा की अच्छी टॉपिक उठाई है क्योंकि अहिंसा को आज भी आधे लोग तो मानते हैं। तो अहिंसा का सुन के और भी अटेन्शन देंगे।
रमेश भाई से:- (नारी सुरक्षा अभियान शिवरात्रि पर निकालेंगे) अच्छा है, संगठन रूप में आवाज बड़ा करो। इस बारी सब सेन्टर्स मिलकर उमंग-उत्साह से सेवा करो। जो टॉपिक वर्तमान समय की है उसको उठाओ। जैसे सोच रहे हो वह अच्छा है। चारों ओर ऐसे टॉपिक रखो जो सब समझें कि यह दुनिया के वायुमण्डल को ठीक करने चाहते हैं। और आजकल ब्रह्माकुमारियों के ऊपर सबका प्यार है, पहले जो वह कहते थे ना, अभी प्यार है सेवा देख करके, वृद्धि देख करके खुश हैं। (रमेश भाई का 80 वां बर्थडे मना रहे हैं) मुबारक हो।
डॉ.बनारसी भाई से:- अपने जैसा साथी नहीं बनाया है। अभी भी साथी नहीं बनाया है। इनको अपने जैसा साथी बनाना चाहिए क्योंकि कहाँ भी जाते हो तो पीछे कोई नहीं। तो पेशेन्ट को आराम नहीं मिलता। (प्रताप भाई है) प्रताप भाई तो अपने काम में है ना, इन जैसा फ्री नहीं है। ठीक है।
ओम् शान्ति।
20-02-13 ओम शान्ति अव्यक्त बापदादा मधुबन
“कर्मयोगी जीवन में तीव्र पुरुषार्थ द्वारा हर सबजेक्ट में सदा सन्तुष्ट और खुश रहो, अपने खुशनुमा, दिव्य गुण सम्पन्न चेहरे द्वारा खुशी का अनुभव कराओ”
आज बापदादा अपने खज़ानों से सम्पन बच्चों को देख हर्षित हो रहे हैं। आदि से लेके कितने खज़ाने मिले हैं। पहला खज़ाना ज्ञान का मिला जिससे सभी बच्चे स्वयं भरपूर हो औरों को भी खज़ाने से भरपूर कर रहे हैं। ज्ञान का खज़ाना, हर एक के बंधन जो फँसाने वाले हैं, उससे मुक्त कर बंधन मुक्त दु:ख अशान्ति मुक्त बनाने वाला है। दूसरा खज़ाना है योग का, जिससे बहुत शक्तियां प्राप्त हुई हैं और तीसरा है धारणा का खज़ाना जिससे बहुत-बहुत गुणों की प्राप्ति हुई है। लेकिन सबसे बड़े ते बड़ा खज़ाना है इस संगम समय का खज़ाना। इसका महत्व बहुत बड़ा है क्योंकि संगम के समय पर ही बाप शिवबाबा बाप रूप में भी मिलता शिक्षक रूप में भी मिलता और सतगुरू रूप में भी मिलता। इस संगम युग में एक जन्म में 21 जन्म का वर्सा मिलता है, जिस वर्से में जन्म-जन्म में कोई दु:ख अशान्ति नहीं होती है। साथ में संबंध में जो परिवार मिलता वह परिवार भी न्यारा और प्यारा होता है। एक दो के द्वारा ईश्वरीय स्नेह, जो ऐसा ईशरीय स्नेह सारे कल्प में नहीं मिल सकता। तो सर्व खज़ानों से भरपूर हुए हो ना! हुए हैं? हाथ उठाओ।
तो बापदादा आज खज़ानों के मालिक सम्पन्न बच्चों को देख रहे हैं। दिल से क्या निकलता? वाह बच्चे वाह। हर बच्चा बाप का प्यारा बन गया है। बच्चे तो बहुत हैं, अलग-अलग जगह पर बैठकर भी मिल रहे हैं। देख रहे हैं। लेकिन बापदादा आज चारों ओर दूर-दूर तक अपने खज़ानों से सम्पन्न बच्चों को देख खुश हो रहे हैं और बच्चे भी खज़ानों को देख खुश रहते हैं। सदा प्राप्तियों के नशे में खुश रहते हैं। बाप भी बच्चों को देख, बच्चों के सौभाग्य को देख खुश हो रहे हैं।
देखो आज भी बाप ने सुना कि सभी खुशी खुशी में भागकर पहुँच गये हैं। (26 हजार से भी अधिक भाई बहिनें पहुंच गये हैं) यह भी समाचार सुना कई बच्चों को अन्दाज ज्यादा होने कारण टेंट में सोना पड़ा है। बापदादा ने सभी तरफ के टेंट भी देखे लेकिन एक इस ग्रुप की विशेषता है जो कोई भी है, बड़ा है या छोटा है विशेष है या साधारण है लेकिन बाप ने देखा सब टेंट में नहीं सोते लेकिन खुशी के बिस्तर पर सोते हैं। सबके दिल में यही गीत बजता वाह बाबा वाह। कोई-कोई को तकलीफ भी है लेकिन जहाँ प्यार है वह फर्श पर सोते हुए भी खुशियों के अर्श में हैं। तो बापदादा इस ग्रुप को विशेष बधाई देते हैं। सबके चेहरे खुशी में नज़र आ रहे हैं। बापदादा ने देखा सब अच्छे उमंग-उल्हास से क्लासेज़ भी अच्छे कर रहे हैं। बापदादा सब सुनते हैं। यहाँ जो भी जोन आये हैं उनके मुख्य जोन हेड उठो। ज़ोन हेड। आपके लाये हुए भाई बहिन खुश हैं? खुश हैं तो हाथ उठाओ। अच्छा है। बापदादा भी खुश हैं और आप सबको मुबारक विशेष दे रहे हैं। किसी को आगे के लिए तो बापदादा अटेंशन दिलायेगा लेकिन बापदादा आप सभी आये हुए बच्चों की सहन शक्ति देख आप एक-एक बच्चे को पदमगुणा प्यार दे रहे हैं। अभी जो भी बच्चे आये हैं, उन सभी बच्चों ने अपना सहन शक्ति का खुश रहने का बहुत अच्छा रिकार्ड दिखाया है। कोई बीमार हुआ। हुआ? एक दो तो होते ही हैं वैसे भी। लेकिन बापदादा स्पेशल उन बच्चों को सहन शक्ति का इनाम दिल का अति प्यार दे रहे हैं। अब आगे क्या करना है?
(सेवा के टर्न में बंगाल, बिहार, आसाम, उड़ीसा, नेपाल, तामिलनाडु के 18 हजार आये हैं)
अभी बापदादा हर बच्चे को तीव्र पुरुषार्थी देखने चाहते हैं। तीव्र पुरुषार्थी अर्थात् सब सबजेक्ट में अपने पुरुषार्थ से सन्तुष्ट हो और बापदादा भी हर बच्चे से यही चाहते हैं कि अभी समय अनुसार हर बच्चे के चेहरे पर शक्तियां और खुशी नज़र आनी चाहिए क्योंकि दिन-प्रतिदिन दुनिया में दु:ख तो बढ़ना ही है। लेकिन ऐसे दु:ख के समय आप का खुशनुमा दिव्यगुण वाला चेहरा देख उन्हों को थोड़े समय के लिए भी खुशी का अनुभव हो। हर एक बच्चे के चेहरे में वह ईश्वरीय स्नेह, ईश्वरीय प्यार, हिम्मत बढ़ाने का प्यार, खुश रहने का अनुभव हो। कई बच्चे कहते हैं वैसे तो हम खुश रहते हैं लेकिन कर्मयोगी जीवन में थोड़ा सा कर्म में फर्क पड़ जाता है। कर्म में फर्क नहीं आना चाहिए। कर्म करते भी सदा अटेंशन रहे मैं कर्मयोगी आत्मा हूँ। शरीर को चलाने वाली शरीर का भी मालिक हूँ। तो हर समय चाहे कर्म करो, चाहे नहीं करो लेकिन कर्म करने समय भी यह सोचो कि मैं कर्म कराने वाली आत्मा हूँ और आत्मा, कौन सी आत्मा हूँ? बाप की लाडली बच्ची हूँ या बच्चा हूँ। परमात्मा की प्यारी हूँ। तो मालिक होके इस शरीर को चलाने वाली। सदा बाप की याद दिल में समाई हुई हो। तो हर एक चेक करो कर्मयोगी बन के कर्म कर रही हूँ? कर्मयोगी हूँ तो योग बाप से है। तो बाप सदा फालो फादर कहते हैं। बाप हमारे साथ है तो यह ग्रुप क्या करेगा? अभी अपने-अपने स्थान पर जाके अपने चेहरे से ऐसे खुशमिजाज चेहरे का अनुभव कराना क्योंकि आज दुनिया में खुशी अभी कम होती जाती है और आपका चेहरा उनको खुशी का अनुभव कराये। आगे चल के दु:ख अशान्ति तो बढ़नी ही है। समय नहीं मिलेगा इतना कोई को सुनने वा कोर्स करने का लेकिन आपका चेहरा उन्हों को खुशी का अनुभव कराये। हो सकता है ना। हो सकता है? हाथ उठाओ। अगर इतने एक-एक चेहरा जगह-जगह से आया हुआ खुशी बाँटने का लक्ष्य रखे, सदा खुश, कभी-कभी नहीं क्योंकि खुशी की विशेषता है, जितनी और कोई भी चीज़ किसको देंगे तो आपके पास कम होगी। आपके पास दो चीजे हैं एक देंगे तो एक कम होगी। लेकिन सारे जहान में अगर खुशी आपको देते हो तो कम होती है या बढ़ती है? ऐसी खुशी आपके पास है। तो सभी आत्माओं को अब खुशी बाँटो। डबल फायदा है आपकी भी बढ़ेगी, उनकी भी बढ़ेगी।
तो आज का विशेष यह काम याद रखना खुशी बाँटनी है। अगर मानो आपके पास खुशी चली जाती है, कोई न कोई बात से खुशी चली जाती है तो आप बाप से खुशी लेके आप भी खुश रहो और दूसरों को भी खुशी दो। तो सभी क्या करेंगे अभी? पहले भी सुनाया, तीव्र पुरुषार्थी बनो, चल रहे हैं नहीं उड़ रहे हैं और दूसरा बापदादा ने अटेंशन खिंचवाया है कभी-कभी अक्षर खत्म करो। खुशी है, कहते हैं हैं लेकिन कभी-कभी खत्म हो जाती है। तो कभी-कभी शब्द सदा के लिए यहाँ छोड़ के जाना। छोड़ सकते हो? छोड़ेंगे? हाथ उठाओ, छोड़ेंगे? बापदादा सभी बच्चों को अभी से ही सदाखुश रहने की मुबारक दे रहे हैं। फिर कभी-कभी शब्द नहीं कहना। सदा रहना। तो सभी खुश हैं ना। खुश हैं? सदाखुश रहेंगे, यह हिम्मत है? जो समझते हैं कि दु:ख अशान्ति जो भी थोड़ी कभी-कभी आती है वह इस बारी हम यहाँ छोड़ के जायेँगे, साथ नहीं ले जायेँगे, इतनी हिम्मत समझते हो तो दो-दो हाथ उठाओ। बापदादा बहुत खुश है। हिम्मते बच्चे मददे बाप तो है ही। तो बड़ा जोन आया है ना। बापदादा भी देख के खुश है। थोड़ी तकलीफ हुई है लेकिन आ तो गये। बापदादा को भी बच्चों से मिलके खुशी होती है और बापदादा हमेशा वाह बच्चे वाह! का गीत गाते हैं। अच्छा। अभी एक-एक जोन उठाओ।
तामिलनाडु जोन:- तामिलनाडु को बापदादा विशेष वरदान दे रहे हैं सदा कोई भी कार्य करो तो कार्य करने के पहले बाप से स्पेशल कार्य की सफलता का वरदान लेके बापदादा के वरदानी बन के वह कार्य करो तो सफलता आपका जन्म सिद्ध अधिकार हो जायेगी। कार्य करने के बाद नहीं करना पहले वरदान लेके फिर कार्य करेंगे तो सफलता आपके साथ हो जायेगी। अच्छा है, बापदादा ने देखा मैजारिटी जोन सेवा में अच्छे उमंग-उत्साह से आगे बढ़ रहे हैं और जितना बिजी रहते हैं सेवा में उतना समय शक्ति मिलने से निर्विघ्न रहते हैं। अगर कोई-कोई विघ्न आता भी है तो विजयी बन करके टाल भी देते हैं। पुरुषार्थ सभी जोन अच्छा कर रहे हैं। बापदादा लक्ष्य हर एक जोन का देख खुश है और सदा खुश करते रहेंगे। ठीक है।
नेपाल:- बापदादा इस जोन की भी रिजल्ट को देख खुश है। सेवा का उमंग अच्छा है इसलिए बापदादा सदा के लिए सहयोग देने की आगे बढ़ने की, वरदानी बनने की मुबारक दे रहे हैं। बढ़ते रहो, बढ़ाते रहो बापदादा सदा साथ है। सभी खुश हैं? हैं? अच्छा है, वृद्धि है और वृद्धि होती रहेगी।
बंगाल, बिहार, उड़ीसा, आसाम:- यह भी जोन अच्छा सेवा में और स्टूडेंट की वृद्धि करने में आगे जा रहा है और बापदादा ने देखा कि हिम्मत का वरदान इन्हों को विशेष है। हिम्मत होने के कारण बाप की मदद भी है और आगे भी रहेगी। बापदादा खुश है और साथ-साथ सदा अमृतवेले चक्र लगाते रहेंगे। बापदादा ने देखा स्थान सेवाकेन्द्रों का अच्छा वृद्धि करने का तरीका है। बापदादा विशेष हिम्मत पर सदा साथी बनने का वरदान दे रहे हैं।
स्पार्क, बिजनेस, स्पोर्टस, एज्युकेशन, मीडिया विंग की मीटिंग है:- आधा हाल तो यही दिखाई दे रहे हैं। सभी हाथ हिलाओ। देखो कितने हैं। आधा हाल तो आप लोग हैं। अच्छा है, बापदादा ने देखा है कि हर एक विंग में उमंग-उत्साह है और उमंग-उत्साह के कारण सेवा के चान्स भी अच्छे- अच्छे बनाते हैं। लेकिन बापदादा की एक बात अभी भी करनी है। हर एक विंग अभी तक जो मुख्य निमित्त बनाया है, अच्छे-अच्छे मददगार निकाले हैं, तो हर एक विंग पहले लिस्ट भेजे कि जब से विंग की स्थापना हुई, अब तक कितने और कौन-कौन निमित्त बने हैं। अभी पहले लिस्ट भेजे हर एक फिर सभी का संगठन करेंगे। कौन-कौन निकले हैं कौन सा ग्रुप ज्यादा है, तो भिन्न-भिन्न आक्यूपेशन वालों का फिर अलग-अलग करेंगे लेकिन पहले लिस्ट भेजो। हर एक ने कितने रेग्युलर स्टूडेंट बनाये हैं, कितने सम्पर्क वाले बनाये हैं, कितने सहयोगी बनाये हैं, यह लिस्ट हर एक विंग की आनी चाहिए। चाहे सहयोगी भी बने हैं, सहयोगियों की भी लिस्ट आवे। तो जोन की रिजल्ट का सबको पता पड़ जायेगा। अच्छी बात है ना। करेंगे? लिस्ट लिखना पड़ेगा। उसके बाद फिर प्रोग्राम आपको मिलेगा क्योंकि मेहनत तो करते हैं। बापदादा ने देखा विंग वाले अपने-अपने सबजेक्ट की सेवा अच्छी कर रहे हैं और रिजल्ट भी अच्छी है, बापदादा खुश है। बहुत अच्छा है, अच्छा रहेगा और आपकी रिजल्ट को देख और भी आगे बढेंगे। सबको बहुत-बहुत याद प्यार स्वीकार हो।
डबल विदेशी:- अभी तो बहुत अच्छा संगठन विदेश वालों का दिखाई दे रहा है। बापदादा को विदेशियों को देख बापदादा का टाइटल को स्पष्ट किया है, यह देख खुशी है क्योंकि जब तक भारत की सेवा थी तो विश्व सेवाधारी का टाइटल नहीं रख सकते थे लेकिन विदेश की सेवा के कारण बाप का नाम विश्व सेवक का सिद्ध हो गया। और विदेशियों की एक विशेषता बापदादा को मैजारिटी की अच्छी लगी, वह है पहले वह अपना कल्चर बदलने में मुश्किल मानते थे लेकिन अभी की रिजल्ट में सब ब्राह्मण कल्वर के आदती हो गये हैं। परिवर्तन शक्ति अच्छी दिखाई है। इसके लिए बापदादा सभी डबल विदेशियों के स्थान के बच्चों को मुबारक दे रहे हैं।
तो चारों ओर के विदेशी अपने अपने एरिया की भी सेवा में बढ़ रहे हैं। छोटे-छोटे स्थान तरफ भी अटेंशन दे रहे हैं। और स्व-उन्नति के लिए अटेंशन है और आपस में जो प्रोग्राम बनाते हैं, मधुबन में मीटिंग का यह भी बापदादा को पसन्द है। अभी भी इतने सब आये हैं तो बापदादा एक-एक बच्चे को देख खुश होते हैं और सभी ब्राह्मण भी बाप के साथ यह गीत गाते हैं वाह डबल पुरुषार्थी वाह! बापदादा सन्तुष्ट है और आप भी सन्तुष्ट मणियां आगे बढ़ रहे हैं, बढ़ते रहेंगे, ओम शान्ति।
अभी जो संगठन आया है वह भी प्लैनिंग अच्छी बना रहे हैं। अपनी स्थिति और सेवा की वृद्धि दोनो के प्लैन बापदादा के पास हैं। अटेंशन है और आगे बढ़ने का उमंग भी है। तो बापदादा खुश है, खुश है, खुश है। अच्छा।
चारों ओर के बच्चे चाहे इन्डिया के हैं, चाहे विदेश के हैं, चारों ओर के बच्चे बापदादा देख रहे हैं कितने उमंग उत्साह से टाइम का बदली होते भी प्यार से मिलते रहते हैं। टाइम का अन्तर होते भी उमंग से आते हैं इसलिए बापदादा खुश है। प्रोग्रेस भी है और प्रोग्रेस होता रहेगा यह वरदान बापदादा दे रहे हैं। अच्छी सेवा कर रही है, जनक बच्ची निमित्त है। अटेंशन अच्छा दे रही है। साथी भी जो निमित्त हैं वह भी बापदादा ने देखा कम नहीं हैं। तो जो भी निमित्त हैं उन सबको विशेष यादप्यार बापदादा दे रहे हैं और मिलता भी रहेगा।
रतन मोहिनी दादी से:- आप जिम्मेवारी से कर रही हो, उसका फल आपको जल्दी मिलेगा। बापदादा खुश है।
दादी जानकी से:- सब कुछ कर रही हो। (गुल्ज़ार दादी बहुत अच्छी है) आपस में फ्रैण्डस अच्छे हैं।
मोहिनी बहन:- मुबारक हो। (अगली बारी दौड़कर आयेगी) होगा, कोई बड़ी बात नहीं है। (बापदादा को गुलदस्ता दिया) हम आपको देते हैं।
निर्मल शान्ता दादी से:- बहुत अच्छा मुस्कराती है। सेवा का बल और अपने पुरुषार्थ का फल खा रही हो। अच्छा कर रही हो। जोन देखा जोन से मिली। हाँ जोन से मिलना।
डॉ. गुप्ताजी से:- अच्छा है, सेवा माना मेवा। सेवा नहीं है मेवा है।
निर्वैर भाई से:- कमाल की है। आपकी हिम्मत, बाप की मदद। अच्छा।
बृजमोहन भाई:- (दिल्ली में बड़ा प्रोग्राम कर रहे हैं, हम चाहते हैं दोनों दादियां आवें, समाचार आया है कि उस समय तूफान आने वाला है, हम वहाँ टेंट लगा रहे हैं) ड्रामा को देखो, साक्षी होके और सब निश्चिंत रहो। जो होना होगा वह होगा, लेकिन आप सेफ रहना। पहले से ही पता है ना तो प्रबन्ध कर लो। (शान्ति बहन बीमार है उन्होने याद दी है) उसको खास बापदादा की तरफ से यादप्यार देना। (रूकमणी दादी ने भी याद दी है) दिल्ली की अच्छी सेवा की है, उन्हें भी याद देना। (आशा बहन तथा साथी बहुत अच्छी सेवा कर रहे हैं) सेवा में उमंग तो सभी का अच्छा है, सभी मिलजुलकर कर रहे हैं इसकी भी मुबारक है। (बड़े प्रोग्राम के लिए प्रेरणा) प्रेरणा यही है कि जो भी आये वह कुछ लेके जाये। क्या लेके जावे? वायुमण्डल से शान्ति के वायब्रेशन, आगे बढ़ने के वायब्रेशन लेके जावे। सुनते तो है हैं अच्छा तो लगता है लेकिन अच्छा बनने की प्रेरणा लेके जाये। कोशिश तो यही है।
रमेश भाई से:- आपकी भी सर्विस का बापदादा सुनते हैं, अच्छा कर रहे हो और चलता रहेगा जो प्लैन बना रहे हैं ना वह प्रैक्टिकल में करते-करते बढ़ता रहेगा।
बापदादा सभी को यादप्यार दे रहे हैं, सभी को पहुंचाना। अच्छा है। बापदादा ने देखा सर्विस का उमंग चारों ओर अच्छा चल रहा है। अभी सिर्फ इसमें एडीशन हो कि जो भी प्रोग्राम होता है उनसे वारिस बनें, सहयोगी बनें और उन्हों को आगे कनैक्शन रख के बढ़ाते चलें। जब वह आगे बढ़े हैं तो उनके पीछे उनको आगे बढ़ाते जाओ, बढ़ जायेँगे।
भूपाल भाई से:- सब अच्छा चल रहा है।
मृत्युंजय भाई ने बापदादा को सुनाया कि भोपाल के वाइस चांसलर ने वहाँ की युनिवर्सिटी में वैल्यु एज्युकेशन शुरू करने के मेमोरण्डम पर साइन किया है:- अच्छा, उमंग-उत्साह दिखाया है। बापदादा ने भी सुना और उसकी पहले से ही मुबारक दे रहे हैं। अनेक आत्माओं का कल्याण होगा।
बापदादा ने अकोला सेंटर का उद्घाटन बटन दबाकर किया:- सभी का उमंग अच्छा है। जहाँ उमंग उत्साह है वहाँ वृद्धि अवश्य है।
एकमोडेशन के सेवाधारी भाईयों से:- बहुत अच्छा सम्भाला। सभी सन्तुष्ट हैं, कोई की भी कम्पलेन नहीं है, यह ध्यान अच्छा रखा है, इसकी मुबारक हो।
कुंजदादी बीमार हैं, अहमदाबाद में हैं:- उसको विशेष बापदादा की तरफ से टोली भेजना। हिम्मत वाली है बाप की भी मदद है। पहले थोड़ा दूरदूर रही है ना तो बढ़ रही है। सम्भालने वाले इतने होशियार नहीं हैं। अभी यहां (अहमदाबाद) आई हैं ना, ठीक हो जायेगी।
नेहा बहन से:- (सभी की बहुत प्यार से सेवा करती है) आपकी सेवा से बापदादा भी सन्तुष्ट है। तो अपने को सन्तुष्टमणि समझना। आपका टाइटल है ही सन्तुष्टमणि।
ओम् शान्ति।
09-03-13 ओम शान्ति अव्यक्त बापदादा मधुबन
“ब्रह्मा बाप समान फरिश्तेपन की स्थिति में रह, अपने खुशमिजाज चेहरे द्वारा सबको खुशी की अनुभूति कराओ, जो व्यर्थ संकल्प रहे हुए हैं, वह बर्थ डे की सौगात बाप को दे दो”
आज बापदादा बच्चों को अपने जन्मदिन की मुबारक दे रहे हैं। हर एक बच्चे के नयनों में बाप के और अपने जन्म की खुशी दिखाई दे रही है। आज की जयन्ती बहुत न्यारी और प्यारी है। यह वन्डरफुल जयन्ती बाप और बच्चों की साथ-साथ है क्योंकि बाप आये तो यज्ञ रचने के लिए आये और यज्ञ में ब्राह्मण ही चाहिए इसलिए बाप और बच्चों की इकट्ठी जयन्ती हुई। यह जयन्ती विश्व परिवर्तन की जयन्ती है। तो बाप बच्चों को प्यार से मुबारक दे रहे हैं क्योंकि यह जयन्ती विश्व परिवर्तन की जयन्ती है। पहले-पहले बच्चों ने बाप के साथ-साथ प्रतिज्ञा ली कि विश्व में जो अंधकार है उसको अंधकार से रोशनी वाला बनाना ही है।
बापदादा हर बच्चे के मस्तक में चमकती हुई लाइट देख रहे हैं। यह लाइट सर्व आत्माओं को भी लाइट बनाए इस विश्व को अंधकार से रोशनी में ला रही है। आज के दिन बापदादा सभी बच्चों से यही चाहते हैं कि हर बच्चा अपने चेहरे से आत्माओं को लाइट बनाए इस जीवन में सदा खुश रहने का सन्देश दे। आज के दिन बापदादा हर एक बच्चे से यही चाहते हैं। हर एक आत्मा को सुख शान्ति की अनुभूति हो, हर एक बच्चा फरिश्ता बन विश्व में भी फरिश्तेपन का अनुभव करावे।
तो आज आप सभी बाप का जन्मदिन मनाने आये हो या अपना भी जन्म दिन मनाने आये हो? क्योंकि बापका वायदा है कि सदा साथ रहेंगे साथ चलेंगे, साथ राज्य में आयेंगे। आज अमृतवेले सभी बच्चों को एक डायमण्ड शब्द सुनाया कि डायमण्ड शब्द है "मेरा बाबा"। यह डायमण्ड शब्द सभी ने नोट किया। कुछ भी हो जाए मेरा बाबा, मीठा बाबा, प्यारा बाबा याद आया तो सब दुःख, सुख में बदल जायेंगे। आज के दिन हर एक बच्चे को बाप के समान फरिश्ते रूप में रहने का श्रेष्ठ संकल्प करना ही है। तो आज खास बाप को बधाई देने आये हो या लेने आये हो? बर्थडे पर सौगात भी दी जाती है। तो बापदादा आज आप सभी बच्चों से कौन सी सौगात लेने चाहते हैं? आज के दिन जो भी व्यर्थ संकल्प रहे हुए हों वह बाप को सौगात में दे दो क्योंकि व्यर्थ संकल्प बहुत टाइम वेस्ट करते हैं। तो यह सौगात दे सकते हो? दे सकते हो! अगर दे सकते हो तो हाथ उठाओ क्योंकि व्यर्थ संकल्प टाइम बहुत वेस्ट करते हैं। खुशी की अनुभूति करने नहीं देते। बाप यही चाहते हैं कि सबके चेहरे सदा ऐसे खुशमिजाज हो जो कोई भी देखे, आपका चेहरा उनको प्रेरणा दे कि हमें भी ऐसा बनना ही है।
तो आज के दिन यह संकल्प करो कि सदा हमारा चेहरा ऐसा फरिश्ते समान दिखाई देगा, जैसे ब्रह्मा बाप का चेहरा देखा। कितनी भी जिम्मेवारी होते सदा चेहरा फरिश्ते रूप में ही देखा। बापदादा यही चाहते हैं कि हर एक बच्चा फरिश्ता रूप बनने के लिए फॉलो ब्रह्मा बाप, कोई भी कर्म करो तो चेक करो ब्रह्मा बाप ने यह कर्म किया? तो आज विशेष ब्रह्मा बाप सभी को डायमण्ड गिफ्ट दे रहे हैं "मेराबाबा", "मीठाबाबा", "प्याराबाबा"। आज के दिन सदा हर कदम फालो ब्रह्मा बाप, सदा चमकता हुआ चेहरा, अभी एक सेकण्ड में अपने को ब्रह्मा बाप समान बेफिक्र बादशाह बना सकते हो? बना सकते हो! अभी सभी अपने को बेफिक्र बादशाह की स्टेज में स्थित करके अनुभव करके देखो। बेफिक्र है कि अभी भी कोई फिक्र है? जिन्होंने बेफिक्र बादशाह का अनुभव किया वह हाथ उठाओ। (सभी ने उठाया) बहुत अच्छा। सभी यही लक्ष्य रखो जो भी कदम उठाओ, फॉलो ब्रह्मा बाप किया? कितनी भी कारोबार हो लेकिन ब्रह्मा बाप सदा ही फरिश्ते रूप में रहा। ब्रह्मा बाप जितनी जिम्मेवारी जैसे ब्रह्मा बाप ने न्यारा और प्यारा होके करके दिखाया। तो आज का दिन क्या इशारा देता है? सदा न्यारा और सर्व का प्यारा।
बापदादा हर बच्चे को आज के दिन की बहुत-बहुत बधाईयाँ दे रहे हैं। आज के दिन सभी श्रेष्ठ संकल्प करो कि जो भी कर्म करेंगे वह कदम ब्रह्मा बाप को फॉलो करेंगे। खुश रहेंगे और खुशी बाँटेंगे। आज बापदादा इस न्यारी और प्यारी जयन्ती की सबको सौगात दे रहे हैं - सदा ब्रह्मा बाप समान फरिश्ता भव। अच्छा।
आज कौन सा जोन आया है? (सेवा का टर्न इन्दौर और भोपाल जोन का है)
इन्दौर जोन:- बापदादा ने देखा कि हर एक जोन अच्छा वृद्धि भी प्राप्त कर रहे हैं और सभी पुरुषार्थ में भी आगे से आगे बढ़ते जा रहे हैं। तो पुरुषार्थ में सफलता की बापदादा सारे जोन को मुबारक दे रहे हैं। ऐसे ही आगे बढ़ते रहेंगे, यह भी बापदादा इनएडवाँस का वरदान दे रहे हैं। अच्छा है, बापदादा बच्चों की हिम्मत पर खुश है। अभी भी बापदादा के स्नेह में आगे बढते रहेंगे। यह भी बापदादा का स्नेह और साथ में वरदान भी है, बढ़ते रहेंगे, बढ़ाते रहेंगे। बापदादा ने देखा कि आजकल हर एक के मन में यह संकल्प रहता है कि हमें आगे से आगे बढ़ना है और बढ़ रहे हैं, उसकी मुबारक। ऐसे है ना! टीचर्स। टीचर्स हाथ उठाओ। वाह! अच्छा है। सदा आपकी हिम्मत से बापदादा की मदद है। अच्छी हिम्मत की है, अच्छे- अच्छे बाप केबच्चों को तैयार किया है और सदा आगे बढ़ाते रहेंगे। बापदादा खुश हैं। देखो, आधा क्लास तो एक जोन दिखाई दे रहा है।
भोपाल जोनः - अच्छा, हिम्मत अच्छी रखी है। बापदादा सभी जोन के आये हुए बच्चों को खास मुबारक दे रहे हैं। दोनों जोन ने हिम्मत अच्छी रखी है। बापदादा देख खुश हैं। अच्छा। यहाँ की हेड हाथ उठाना। बहुत अच्छा बढ़ रहे हैं और बढ़ते रहेंगे। बापदादा हिम्मत पर खुश हैं। सेवा भी बढ़ती जा रही है। उमंग-उत्साह भी बढ़ता जा रहा है। बापदादा दोनों जोन पर खुश हैं। कमाल करके ही दिखायेंगे। दिखा रहे हैं और दिखायेंगे। खुश हैं बापदादा। अच्छा - टीचर्स हाथ उठाओ। अच्छा झण्डे हिला रहे हैं, हिलाओ। अच्छा लगता है कुछ न कुछ न्यारापन लाते हैं ना तो अच्छा लगता है। सभी केझण्डे आगे आगे उड़ रहे हैं और उड़ते रहेंगे। अच्छा। पाण्डव भी कम नहीं हैं। पाण्डव हाथ उठाओ। बहुत अच्छा, हिम्मते बच्चे मददे बाप है ही।
70 देशों से डबल विदेशी भाई बहिनें आये हैं:- बापदादा ने डबल विदेशी के बजाए क्या टाइटल दिया है! डबल पुरुषार्थी और रिजल्ट में भी देखा गया कि अभी पुरुषार्थ की तरफ, सेवा की तरफ अटेंशन अच्छा बढ़ रहा है। बापदादा डबल विदेशी बच्चों को देख डबल खुश होता है क्योंकि पहले देखो विदेशी लोग चलने लगे तो कल्चर की तरफ अटेंशन जाता था यह इन्डिया का है यह विदेश का है लेकिन अभी बापदादा ने देखा कि सभी एक ही ब्राह्मण कल्चर में चल रहे हैं और इतना इजी हो के चल रहे हैं जो बापदादा मुबारक देते हैं वाह बच्चे वाह। परिवर्तन में कमाल दिखा रहे हैं और आगे भी दिखाते रहेंगे यह भविष्य भी बापदादा देख रहे हैं। अभी तो कमाल है जो सेवा के प्लैन बापदादा ने देखा, जो मिलके बना रहे हैं, वह बहुत अच्छे बना रहे हैं और बापदादा पुरुषार्थ, प्लैन और रिजल्ट को देखकर बहुत-बहुत-बहुत खुश हैं। बापदादा ने देखा स्वपर और सेवापर दोनों तरफ से अटेन्शन देने के प्रोग्राम्स अच्छे बनाये हैं। बापदादा को सब पता पड़ता है। इसीलिए बाबा विदेशियों को पुरुषार्थ के प्लैन और प्रैक्टिकल में लाने की बहुत-बहुत मुबारक दे रहे हैं। रिजल्ट अच्छी है। दिल पसन्द है। आगे बढ़ाने वाले और आगे बढ़ने वाले दोनों को बापदादा मुबारक दे रहे हैं क्योंकि डबल विदेशियों से मधुबन भी बहुत रिमझिम वाला बन गया है। तो विशेष पुरुषार्थ की और सेवा की दोनों की बापदादा मुबारक दे रहे हैं और आगे बढ़ने का भी देख रहे हैं कि आगे बढ़ते जायेंगे और बढ़ाते जायेंगे।
आज बापदादा को मधुबन निवासी चाहे नीचे, चाहे ऊपर के बहुत याद आ रहे हैं। बापदादा ने देखा कि सभी ने मेहनत मैजारिटी ने दिल से की है। तो दिल से करने वालों को दिलाराम की बहुत-बहुत बधाईयाँ हैं। अच्छा, मधुबन वाले उठो, चाहे नीचे चाहे ऊपर। तो आज विशेष एक-एक मधुबन वाले अनुभव करे कि बापदादा हर एक को नाम से मुबारक दे रहे हैं। आगे भी मुबारक लेते रहेंगे। यह भी बापदादा को बहुत-बहुतउम्मीद है। मुबारक हो, मुबारक हो, मुबारक हो। (दादी जानकी से) मधुबन के तो हैं। यह तो चक्र लगाने अभी जाती हैं बाकी हैँ मधुबन निवासी। अच्छा है। बापदादा ने देखा तीनों दादियां बहुत अच्छी अटेन्शन की सेवा में चल रही हैं लेकिन चल क्या रही हैं, दौड़ रही हैं। एक-एक पाण्डव, एक-एक बहन अपने लिए खास मुबारक स्वीकार करना। साथ में जो सेवा के निमित्त बनी हुई हैं, उन्हों को भी बापदादा विशेष मुबारक के साथ प्यार भी दे रहे हैं। मधुबन, मधुबन है। देखो कितने अच्छे- अच्छे सर्विसएबुल हैं। बापदादा खुश हैं। कोई-कोई बातें तो हो जाती हैं लेकिन टोटल रिजल्ट अच्छी है और अच्छे ते अच्छी रहेगी। ठीक है ना। मधुबन वाले कहते हैं बापदादा हमको नहीं देखते हैं, आज तो देखा। दिल से देखते रहते हैं। अच्छा। आज के बर्थ डे की सभी को बधाईयाँ हो बधाईयाँ हो। फ़ॉरेन वालों को भी बधाईयाँ हैं। बापदादा रोज देखता रहता है लेकिन बहुत हो जाते हैं ना इसलिए दृष्टि से देखते रहते हैं। अच्छी सेवा कर रहे हैं। बापदादा ने देखा भण्डारा बहुत अच्छा है। अच्छा बनाया है, मुबारक हो। निर्वेर को मुबारकहो। साथियों को भी मुबारक हो। जो निमित्त बने उन सब को मुबारक हो। बापदादा ने देखा मेहनत अच्छी की। जमाने के हिसाब से सैलवेशन अच्छी लगी। तो आज बापदादा जो भी सभा में बैठे हैं, कहाँ के भी हों सबको एक-एक को खास मुबारक दे रहे हैं। और दोनों जोन को, हैं छोटे लेकिन ताकत वाले हैं। कमाल अच्छी कर रहे हैं। बापदादा दोनों जोन से खुश हैं और खुश सदा रहेंगे।
(निर्वेर भाई ने सुनाया, पीस आफ माइन्ड चैनल में सब आपको देख रहे हैं) बहुत अच्छा। तबियत ठीक है। अच्छा आगे बढ़ रहे हैं, बढ़ते रहेंगे।
देखो बापदादा हर एक से गुडमार्निंग भी करते गुडनाइट भी करते। सिर्फ बाहर से नहीं करते दिल से करते हैं। कोई भी बच्चा ऐसा नहीं जिसका बाप से प्यार नहीं हो और बाप का भी हर एक बच्चे से प्यार है। चाहे थोडा ढीला भी हो जाते हैं लेकिन फिर भी थोड़ा यहाँ वहां हो के ठीक हो जाते हैं, प्यार अच्छा है। बापदादा देखते हैं कि बापदादा से प्यार सबका बहुत दिल का है इसीलिए वह चला रहा है और चलाता रहेगा। एक-एक को बापदादा याद करता, ऐसे नहीं नाम नहीं लेता, लेकिन एक-एक चाहे मधुबन में हैं, चाहे अपने-अपने जोन में हैं, बाप को देरी थोड़े ही लगती है, सबको प्यार करने में देर नहीं लगती इसलिए सब अनुभव करना, गुडनाइट सभी से बापदादा करते हैं। आप करो नहीं करो लेकिन बापदादा जरूर करते हैं। बाप का प्यार है ना! बापदादा कुछ भी हो जाए लेकिन रात को सभी बच्चों के तरफ चक्कर लगाता है। चक्कर लगाने में बापदादा को कितना टाइम लगता। बहुत जल्दी लगाता है। फरिश्ते रूप में हैं ना। तो आप हर एक समझना बापदादा गुडनाइट भी करता गुडमॉर्निंग भी करता है। आप करो नहीं करो, बापदादा जरूर करता है। अच्छा।
मधुबन वाले हाथ उठाओ। मधुबन वालों का उल्हना तो नहीं रहा ना। बापदादा याद जरूर करते हैं। और इतनी को, कितने भी आये लेकिन सम्भाला तो है ना। हर एक को चाहे फॉरेन के हैं चाहे इन्हिया के हैं, जो भी हैं, बापदादा बच्चोंको याद करने के बिना नहीं रह सकता। तो आज के बर्थ डे शिव जयन्ती की बहुत-बहुत-बहुत बधाई हो, बधाई हो।
अभी बापदादा 5 मिनट एक-एक बच्चा पावरफुल याद में बैठ जाये, कोई संकल्प नहीं। अच्छा। रोज ऐसे बीच-बीच में 5 मिनट बिल्कुल अशरीरीपन का अनुभव करते चलो क्योंकि समय आगे बहुत नाजुक आने वाला है, ऐसे टाइम पर अगर अभ्यास नहीं होगा, कंट्रोलिंग पावर नहीं होगी तो सक्सेस नहीं हो सकेंगे इसलिए बीच-बीच में दो मिनट, एक मिनट, 5 मिनट अशरीरी बनने का अभ्यास अपने दिनचर्या के प्रमाण अवश्य करते चलो कंट्रोलिंग पावर। सभी आसपास वाले, देश वाले, विदेश वाले बापदादा भी देख रहे हैं इस समय सभी का अटेंशन मैजारिटी का मधुबन में हैं। तो रोज अपनी प्रैक्टिस करते रहना। ऐसा समय आयेगा जो यह प्रैक्टिस बहुत-बहुत आवश्यक लगेगी इसलिए अपने समय प्रमाण अशरीरी बनने का अभ्यास जरूर करो।
चारों ओर के बच्चों को जो जहाँ हैं वहाँ बापदादा सम्मुख सभी को यादप्यार दे रहे हैं। मुबारक, मुबारक, मुबारक। अच्छा।
मोहिनी बहन:- मुबारक है। अपने को चलाने की प्रैक्टिस हो गई है इसलिए अच्छा है। अच्छा इनको सम्भालने वाली अच्छी है। सेवा अच्छी कर रही है। अच्छा है, बहुत अच्छा है। सेवा कर रहे हैं मेवा खा रहे हैं। अच्छा।
(बृजमोहन भाई ने दिल्ली से बहुत याद दी है, वहाँ जो मेला लगाया है उसके फोटो भेजे हैं जो बापदादा को दिखाये)
निवैंर भाई:- सभी तीनों ही भाई अच्छे हैं और आपके साथी भी सब अच्छे हैं।
रमेश भाई से:- तबियत ठीक है, बॉम्बे का प्रोग्राम अच्छा रहा। तबियत को सम्भालकर अच्छा चला रहे हो। अच्छा है।
भूपाल भाई से:- कदम कदम पर बाप का साथ है। बहुत अच्छा।
विदेश की बड़ी बहनों से:- आप लोगों से रौनक है लेकिन इतने सब आ गये तो आपकी आकर्षण उन्हों को खींच कर लाई है फिर भी निमित्त वालों का होता है। अच्छी सेवा चल रही है मुबारक हो।
शान्ति बहन अमेरिका में ठीक पहुंच गई है:- ठीक हो जायेगी।
(मुरली दादा हास्पिटल में है) उनको कोई फल भेज देना।
परदादी भी हास्पिटलमें है, जब तक चले अच्छा है। बापदादा तो देखते रहते हैं। (जो भी बीमार है सबको फल भेजना) (ग्लोबल हास्पिटल की डा. विनय लक्ष्मी बहन ने आज शरीर छोड़ा है) उस आत्मा की भी याद पहुंची है।
बापदादा ने अपना ध्वज अपने हस्तों से फहराया और सब बच्चों को बधाई दी
आप सबके तो दिल में बापदादा बैठा है। सदा साथ है, वह दिन भी आयेगा जो बाप का झण्डा हर एक अनुभव करेगा कि यह मेरा बाप है। सबके मुख से निकलेगा, मेरा बाप मीठा बाप, प्यारा बाप आ गया। बहुत अच्छा सभी ने अपने दिल में झण्डा लहराया ही है। बापदादा एक-एक बच्चे को देख रहे हैं, ऐसे नहीं हम पीछे बैठे हैं, कोने में बैठे हैं, बापदादा देख रहा है और हर एक को बहुत दिल का प्यार दे रहा है। चाहे लास्ट हैं चाहे यहाँ हैं। बाप के लाडले हो ना! ठीक है ना! मधुबन वाले नजदीक हैं। आज मधुबन वाले बहुत उड़ रहे हैं। देखो यह सब। अच्छा।
ओम् शान्ति।
22-03-13 ओम शान्ति अव्यक्त बापदादा मधुबन
“भगवान और भाग्य की स्मृति से सदा हर्षित रहो, हर्षित बनाओ, व्यर्थ बातों को होली कर होली बनो”
आज बापदादा सर्व बच्चों के भाग्य को देख हर्षित हो रहे हैं। सबसे बड़ा भाग्य सभी के मस्तक में चमकता हुआ सितारा, चमकता हुआ दिखाई दे रहा है। सबका मस्तक चमक रहा है। साथ में सबके मुख में ज्ञान वाणी की चमक दिखाई दे रही है। सबके होठों में मुस्कुराहट कितनी सुन्दर चमक रही है। हर एक के दिल में दिलाराम बाप की लवलीन मूर्त की झलक दिखाई दे रही है। सभी के हाथों में ज्ञान के खज़ानों की चमक दिखाई दे रही है। हर एक के कदम में (पाँव में)पदम की झलक दिखाई दे रही है। बोलो, इतने बड़े भाग्य, कितनी झलक से चमक रहे हैं। सोचो, इतना बड़ा भाग्य कैसे बना। स्वयं भाग्य विधाता बाप ने भाग्य बनाया है। खुद भाग्य विधाता ने आपका भाग्य बनाया है। तो अपने भाग्य को देख हर्षित होते रहते हो ना! वाह भाग्य। और रोज अमृतवेले अपने भाग्य को देखते रहते हो ना! संगमयुग है ही भाग्य बनाने वाला।
आज बापदादा एक शब्द बच्चों से वापस लेने चाहते हैं। तैयार हैं। तैयार हैं? हाथ उठाओ, देंगे। फिर वापस नहीं लेंगे। हाथ उठाओ, अच्छी तरह से सोच समझ के हाथ उठाओ। बापदादा को कई बच्चे कहते हैं शक्ति स्वरूप या खुशमिजाज रहते तो हैं लेकिन कभी-कभी। यह कभी-कभी का शब्द बापदादा को पसन्द नहीं है क्योंकि हर बच्चे से बाप का अति प्यार है। तो कभी-कभी शब्द बाप को पसन्द नहीं, सदा बाप समान दिखाई दे। ऐसे भी बच्चे हैं लेकिन बाप चाहते हैं हर बच्चा सदा खुशी में उड़ता रहे। सदा रूहानियत में मुस्कराता रहे, दूसरों को भी मुस्करादे। आपको पसन्द है, सदा पसन्द है या कभी-कभी? जिसको सदा शब्द पसन्द है और प्रैक्टिकल है, वह हाथ उठाओ। पीछे वाले हाथ हिलाओ क्योंकि आज होली मनाने आये हो ना। होली का अर्थ ही है जो हो चुका वह हो ली। भविष्य सदा श्रेष्ठ है और रहेगा। हर एक बच्चे ने संकल्प किया है हम बापके साथ हैं, बाप के साथ ही रहेंगे। बापदादा भी खुश होते हैं। बापदादा को भी अकेला नहीं अच्छा लगता सब बच्चों के साथ अच्छा लगता है। बापदादा ने कई बार कहा है खुशी कब गंवाना नहीं और सुनाया भी है खुशी जैसी करामत और कोई में नहीं है। जानते हो ना और जो भी वस्तु होती है वह देने से कम होती है, लेकिन खुशी किसको भी दो तो कम होगी या बढ़ेगी? तो ऐसी खुशी जो सदा बढ़ती रहती है उसको कभी नही छोड़ना। आपका चेहरा कोई भी देखे सदा खुशमिजाज। बाते तो आती हैं, कलियुग का अर्थ ही क्या है! कलियुग क्यों कहते हो। कलह-कलेष होगा तब तो कलियुग कहते हो ना। लेकिन हमें उसमें क्या करना है? परिवर्तन। बातों में नहीं आना लेकिन बातों को परिवर्तन कर सेवा के लिए सदा एवररेडी रहना। तो सदा अपना भाग्य याद रहता है ना? भगवान और भाग्य, इससे सदा हर्षित चेहरा, जो हर्षित चेहरे को देख और भी हर्षित हो जाएं।
तो बापदादा आज सभी बच्चों को यही याद दिलाते हैं कि सदा हर्षित रहो और हर्षित बनाओ। सभी बच्चे मधुबन में पहुँचे हैं बापदादा ने देखा कि टेंट में भी सोना पड़ा है। लेकिन टेंट में सोने वाले हाथ उठाओ। जो टेंट में सोये हैं वह हाथ उठाओ। बहुत थोड़े हैं, पीछे वाले हैं। अच्छा। तो टेंट में रहते खुशी गुम हुई कि खुशी रही? टेंट वाले हाथ उठाओ, खुश रहे? बाहर भी बैठे हैं। बच्ची ने चक्कर लगाया तो कहाँ-कहाँ रहे हैं। लेकिन बापदादा उन्हों को कहते हैं कि बापदादा के दिल में रहते हो। दिलाराम और आपकी दिल दिलाराम आपके साथ सोया है। देखो किसको आने की ना तो नहीं कर सकते। वेलकम करनी पड़ती है। लेकिन टेंट वालों को कोई तकलीफ हुई, जिसको तकलीफ हुई है वह हाथ उठाओ। कोई नहीं हाथ उठा रहा है। तो सबके तरफ से टेंट वालों को पदमगुणा सुख और शान्ति की दुनिया में हक मिलेगा। अच्छे हिम्मत वाले हैं। बापदादा ने देखा बाप से प्यार है, उस प्यार में तकलीफ अनुभव नहीं हुई। बाकी हुई तो होगी। बापदादा खुश है, भले आये, जी आये, अपने घर में भले आये।अभी यह कमाल करना, यह भी सहनशक्ति की कमाल की उसके लिए थैंक्स। लेकिन आगे के लिए हर एक को बाप से प्यार है, बाप का भी बच्चों से प्यार है तो बाप समझते हैं कि हर बच्चा कम से कम ब्रह्मा बाप समान त्याग, तपस्या और सेवा, यह मंजूर है। बह्मा बाप को फॉलो करना है, तैयार हैं, इसमें दो-दो हाथ उठाओ। बहुत अच्छा। मुबारक है।
अभी सभी मिलकर यह दृढ संकल्प करो, तैयार तो हैं ना, घड़ी-घड़ी हाथ नहीं उठवाते हैं। बापदादा को निश्चय है कि बच्चे अच्छे हैं, चाहे थोड़ा पुरुषार्थ में कभी-कभी विघ्न आते भी हैं लेकिन बाबा और मैं कम्बाइन्ड हैं, कम्बाइन्ड रहेंगे, यह पक्के निश्चयबुद्धि हैं। ठीक बोला। कांध ऐसे करो। जो भी अपने- अपने स्थान से आये हैं, उन एक-एक बच्चे को नाम लेके उनकी सूरत आगे लाके बापदादा वरदान दे रहे हैं सदा कोई भी बात आवे ना जो कायदे प्रमाण होनी नहीं चाहिए लेकिन आ जाए तो जो ऐसी बात आये, उसको उस समय ही अपने दिल से निकाल बाप को दे दो। बाप आपे ही सम्भाल लेगा। देना तो आता है ना। आता है देना? इसमें काँध हिलाओ देना आता है। लेना आता है देना भी आता है?
तो आज होली, होली मनाने आये हो ना! होली का अर्थ क्या है? होली। जो ऐसी बात होती है हो ली। दिल में नहीं रखो। तो होली की सौगात यही है जो व्यर्थ बात आवे, होली करना। सदा होली करना और होली बनना। वह हिन्दी वह इंगलिश। दो अक्षर हैं। हो ली करना और होली बनना। अपने दिल में वायदा करो कि हम कभी भी खुशी नहीं गंवायेंगे। कर सकते हो? खुशी नहीं गंवायेंगे जो कर सकते हैं वह हाथ उठाओ। जिन्होंने भी वायदा किया उन्हों को बापदादा की तरफ से दिल की मुबारक है, मुबारक है, मुबारक है। अच्छा। होली का क्या बनाया है! कुछ बनाया है?सेवा का टर्न – यू.पी. बनारस, पश्चिम नेपाल का है:- भले पधारे अपने घर में। सभी सदा यह संकल्प करना कि मुझे ब्रह्मा बाप समान बनना ही है। फॉलो ब्रह्मा बाबा। कोई भी कार्य ऐसा हो उसमें चेक करो ब्रह्मा बाप ने किया। आपकी वह 10 पॉइंट्स निकली हुई हैं। उस 10 पॉइंट्स में देखना कि ब्रह्मा बाप ने क्या-क्या किया! और फॉलो ब्रह्मा बाप करना। तो जो भी ग्रुप आये हैं बापदादा हर ग्रुप को विशेष मुबारक दे रहे हैं। बापदादा ने देखा हर ग्रुप को उमंग-उत्साह बहुत है, हम करके दिखायेंगे और हर ग्रुप में ऐसी शक्ति है जो करके दिखा सकते हैं। बापदादा हर ग्रुप को बहुत-बहुत-बहुत-बहुत बधाईयां देते हैं। और यह भी वरदान देते हैं कि हर ग्रुप हर सेवा की सबजेक्ट में आगे से आगे बढ़ते रहेंगे। यह बढ़ने का वरदान बापदादा सभी ग्रुप को दे रहे हैं। आये लास्ट हैं लेकिन जायेंगे फास्ट। हिम्मत है ना! अच्छे हैं, बापदादा देख रहे हैं उमंग उत्साह वाले हैं। बापदादा खुश है कि हर एक ग्रुप यहाँ से विशेष उमंग उत्साह भर के जा रहे हैं और यह उमंग उत्साह कायम रहेगा तो कमाल करके ही दिखायेंगे। बापदादा सभी ग्रुप को उम्मीदवार विजयी रूप में देख रहे हैं। एक-एक को बापदादा अपने शुभ भावना और शुभकामना का वरदान दे रहे हैं।
पांच विंग्स – ग्राम विकास, मेडिकल, ट्रांसपोर्ट, एडमिनिस्ट्रेर, यूथ ग्रुप आये हैं:-
बापदादा ने देखा कि हर एक विंग बड़े उमंग उत्साह से सेवा में आगे बढ़ रहे हैं। और सेवा में सफलता भी मिल रही है इसलिए उम्मीदवार बनके जितनी सेवा की है, वह अच्छी की है और आगे भी अच्छे ते अच्छी उमंग उत्साह से अभी वारिस निकालो। अभी वह लिस्ट नहीं आई है। जब से विंग्स शुरू हुए हैं तब से लेके अच्छे-अच्छे सम्बन्ध सम्पर्क में आये हैं, उसकी बापदादा मुबारक दे रहे हैं। लेकिन वारिस क्यालिटी अगर कोई निकली है तो वह बापदादा के आगे लाना। सेवा अच्छी है यह बापदादा ने देखा। सेवा में कोई पीछे नहीं हटता, आगे-आगे बढ़ रहे हैं और बापदादा खुश भी होते हैं। बिजी हो गये हैं, हर एक अपना प्रोग्राम कुछ न कुछ बना भी रहे हैं। अभी भी शिवरात्रि पर जहाँ-जहाँ प्रोग्राम किये हैं वहाँ अच्छे हुए हैं, रिजल्ट अच्छी है। बड़े भी किये हैं तो छोटे भी किये हैं। दिल्ली और बॉम्बे बड़े प्रोग्राम दिल से किये हैं। बापदादा उनको मुबारक दे रहे हैं।
निजार भाई से:- अच्छा कर रहे हो। रिजल्ट बापदादा को अच्छी लगती है और आगे भी जो प्लैन बना रहे हो वह अच्छे हैं, रिजल्ट अच्छी है। उमंग उत्साह से कर रहे हो, करते रहो। निमित्त तो बने हैं। कराने वाला भले बाप है लेकिन निमित्त बनके करने वाले को भी बापदादा की याद प्यार मिलती है।
डबल विदेशी 65 देशों से 800 भाई बहिनें आये हैं:- डबल विदेशियों को डबल मुबारक हो। बापदादा विदेशियों पर एक बात पर बहुत खुश है। विदेशी मधुबन का लाभ बड़ी अच्छी रीति से लेते हैं। चाहे दूर हैं लेकिन मधुबन का लाभ लेने का प्लैन अच्छा बनाते हैं। सब रिफ्रेश भी हो जाते, सर्विस के प्लैन भी बनाते और सर्विस में उमंग उत्साह भी अच्छा दिलाते हैं। बापदादा ने रिजल्ट सुनी। बापदादा को अच्छा लगा। ग्रुप को अटेन्शन देके रिफ्रेश अच्छा किया है और ऐसे ही करते बढ़ाते चलो। भिन्न-भिन्न देशों के मधुबन में आके सर्विस प्लैन और अवस्थाओं में उमंग उत्साह मिलन का मिलन भी और स्व-उनति की लहर भी अच्छी दिखाई दे रही है इसलिए बापदादा को डबल पुरुषार्थी, डबल विदेशी नहीं डबल पुरुषार्थी अच्छे लगते हैं। ऐसे ही प्लैन बनाते विदेश में होते भी मधुबन के नजदीक बनने का जो प्लैन बनाते हो वह बहुत अच्छा है, मुबारक हो, मुबारक हो, मुबारक हो। बापदादा ने देखा कि विदेश भी सेवा में कम नहीं है। इन्डिया जैसे भिन्न-भिन्न प्रोग्राम से आगे बढ़ रही है ऐसे विदेशी भी हर साल जो प्रोग्राम बनाते हैं वह बहुत अच्छा बनाते हैं और बना हुआ प्लैन प्रैक्टिकल में भी लाते हैं इसलिए बापदादा सब इन्डियन भाई बहिनों की तरफ से आपको विशेष मुबारक दे रहे हैं।
इस ग्रुप में 2000 टीचर्स बहिनें आई हैं - सभी पीछे मुड़कर देखो, हाथ हिलाओ। अच्छा है। टीचर्स निमित्त बनी हैं सर्विस को आगे से आगे बढ़ाने के लिए। तो बापदादा ने देखा मैजारिटी सेवा के प्लैन बनाते भी हैं लेकिन हर जोन को मिलके एक दो प्रोग्राम जरूर करने चाहिए। इससे क्या होता। एक दो में मिलने का भी चान्स अच्छा बनता और एक दो को सहयोगी बनने का भी चान्स हो जाता है। बाकी कर रहे हैं सेवा, ऐसे नहीं है कि नहीं कर रहे हैं, कर रहे हैं और करते रहेंगे। बापदादा अभी यह चाहते हैं हर एक जोन मिलकर के बड़ा प्रोग्राम करे। छोटे-छोटे तो करते रहते हैं लेकिन सबको पता हो कि इस तरफ भी सेवा चल रही है। कोई न कोई प्रोग्राम बनाते रहो आगे बढ़ते चलो। टीचर्स को बापदादा अपना साथी कहते हैं। जैसे बाप वैसे टीचर्स भी बाप समान आगे से आगे बढ़ती चलें, बढ़ाती चलें।
सभा में कुछ मेहमान वी.आई.पी. बैठे हैं, उसमें विशेष भ्राता अन्ना हजारे भी आये हैं:- अपने घर में पहुँच गये, अच्छा है, सम्मुख आने से देखा, सुना, उससे नजदीक आये और आगे भी नजदीक आते रहेंगे। अच्छा किया। सबका सुना भी, सुनाया भी। बापदादा विशेष याद देते हैं, सभी की। यह निमित्त है लेकिन सभी को बापदादा दिल का प्यार और अपने घर में आने की मुबारक दे रहे हैं। अच्छा।
चारों ओर के तरफ सब बच्चे देख भी रहे हैं, सुन भी रहे हैं। बापदादा को खुशी होती है कि यह साइन्स के साधन बच्चों को सुख का अनुभव करा रहे हैं इसलिए बापदादा ने बच्चों को पहले ही कहा था कि यह साइन्स आपको बहुत सहयोग देगी। तो दे रही है और, और भी आग देती रहेगी। बाबा देखते हैं कैसे सभी सम्मुख देखने की कोशिश करते हैं और उन्हों को अनुभव होता भी जाता है इसलिए साइन्स वालों को भी मुबारक हो, जो आप बच्चों को सैलवेशन मिल गई है। सब देखते भी हैं, सुनते भी हैं। मैजारिटी इसका लाभ उठा रहे हैं इसलिए बापदादा बच्चों का उमंग-उत्साह देख खुश है। सभी जहाँ भी बच्चे रहते हैं, उन सबको आज के होली की मुबारक हो, मुबारक हो और होली है, होली रहेंगे और होली दुनिया स्थापन कर रहे हैं, उसमें सभी खुश होंगे। सभी एक-एक बच्चे को दूर बैठे नजदीक अनुभव करने वालों को बहुत-बहुत यादप्यार और जो साइन्स के साधन से मुक्त होकर बैठे हैं और कुछ न कुछ तरीके अपनाते हैं उन्हों को भी बहुत बहुत यादप्यार। सब बच्चे दूर बैठे भी बाप के नजदीक हैं, देख रहे हैं और बापदादा भी देख रहे हैं इसलिए होली की मुबारक है, मुबारक है, मुबारक है।
दादियों से:- हर एक लाडला है। हर एक दिल के अधिकारी हैं, अधिकार ले रहे हैं।
(दादी जानकी ने भाकी पहनी) सभी को प्यार।
मोहिनी बहन:- अच्छा कर रही है, हिम्मत अच्छी है। जहाँ हिम्मत है वहाँ मदद है ही।
रूकमणि बहन से:- बहुत बहादुर है अच्छा किया है। उनकी पालना की रिजल्ट अच्छी है। जो हुआ सो ड्रामा। आयु भी बड़ी हो गई थी।
विद्या बहन (कानपुर) से:- बहुत हिम्मत करके आई है, अच्छा किया। हिसाब-किताब पूरा हुआ। सेवा के निमित्त बनी हुई हो। अच्छा है। ड्रामा हुआ, ड्रामा से कोई फिक्र नहीं होता, बेफिक्र।
सुन्दरलाल भाई (दिल्ली हरीनगर) से:- आदि से निमित्त बने हो। बेफिक्र रहना। थोड़ा फिक्र आता है। यहाँ आये हो चेक कराओ, हो सकता है आपरेशन नहीं भी करना पड़े।
(तीनों भाईयों ने बापदादा को गुलदस्ता दिया) बाबा ने देखा बाम्बे और दिल्ली दोनों की सेवा अच्छा रही। जो लक्ष्य था वह ठीक रहा।
(हैदराबाद में भी अच्छी सेवा हुई है) हैदराबाद वालों को मुबारक भेजना, टोली भेजना। और जो सेवाधारी बच्चा है (जस्टिस ईश्वरैया भाई) वह अच्छा है, नाम अच्छा है उनका।
(साइंस के साधन तो अच्छे हैं लेकिन विघ्न भी आते हैं) अपना राज्य तो नहीं है, यह थोड़ा बहुत तो होता है। मिलके कोई साधन बना दो। बने हैं तो जरूर आगे बढ़ेगा। सभी को उमंग उत्साह और सेवा का बढ़ाओ। छोटे छोटे सेंटर हैं, बड़े भी हैं।
(सेवा में नवीनता क्या हो) नयापन यह लाओ जो आने वाले हैं उन्हों को नजदीक लाओ, कम से कम स्टूडेंट तो बने, कभी-कभी आने वाले सम्पर्क खुद बढ़ावे। दिल होवे हम जायें, ऐसी रिजल्ट आने वालों की होनी चाहिए। अभी आये अच्छा है, अच्छा है चले जाते हैं। अभी नजदीक लाओ। कम से कम स्टूडेंट नहीं बनें लेकिन आने वाले मिलने वाले सुनने वाले तो बनें, कम से कम मुरली तो सुनें।
(परमात्मा आ गया, क्या यह टॉपिक रख सकते हैं) रख सकते हैं लेकिन कोई बात देके फिर। ऐसे नहीं बाप आ गया आ गया। किस कारण से कहते हैं। (इनर पीस, हारमनी टॉपिक रख सकते हैं) वह तो कोई भी टॉपिक रख सकते हो। फिर भी आपस में बैठो। कई टॉपिक आपस में बैठकर निकाल सकते हो।
नई बेबसाइड बनाई गई है, जिसमें इन्टरनेट पर कोई भी कोर्स कर सकते हैं:- सभी ने पास किया है तो भले चलाओ। अच्छा किया बापदादा खुश है। जो भी किया फायदा है।
(11 हजार मुरमुरे पर ओम् शान्ति लिखा हुआ है, उसकी माला बापदादा को दी)
ओम् शान्ति।
05-04-13 ओम शान्ति अव्यक्त बापदादा मधुबन
“शुभ भावना से एक दो के सहयोगी बन, निर्विघ्न रहना और सबको निर्विघ्न बनाना, सदा ख़ुश रहना और सबको ख़ुश करना”
आज सर्व ख़ज़ानों के मालिक अपने ख़ज़ानों से सम्पन्न बच्चों को देख खुश हो रहे हैं और दिल से निकलता है वाह बच्चे वाह! हर एक बच्चे के सूरत में खज़ानों के प्राप्ति की चमक चमक रही है। मैजॉरिटी बच्चों की ख़ज़ानों से भरपूरता की चमक दिखाई दे रही है। बापदादा एक-एक बच्चे का गुणगान कर रहे है - वाह बच्चे वाह! बोलो, वाह वाह बच्चे हो ना! बाप ने कहा बच्चों ने किया। बाप कहते हैं हर एक बच्चे की सूरत में, मस्तक में खज़ाने के मालिकपन की झलक दिखाई देनी चाहिए। वह बापदादा आज हर खज़ाने के अधिकारी बच्चों को देख खुश हो रहे हैं और क्या गीत गा रहे हैं? वाह बच्चे वाह! जैसे आज हर एक के सूरत में खज़ाने से भरपूरता की झलक है ऐसे ही सदा रहो। कोई भी देखे तो आपकी शक्ल बोले, आपको बोलने की आवश्यकता नहीं। तो सदा चेक करो जैसे अभी आपके चेहरे चमक रहे हैं ऐसे सदा रहता है? जो कोई भी देखे चेहरा बताये, मुख से बोलने की आवश्यकता नहीं, चेहरा बोले। ऐसे ही सदा खज़ाने से सम्पन्न चाहे कर्म करते, चाहे योग करते, चाहे बाप की याद में रहते, ऐसे ही दिखाई दे। हर एक अपने चमकते हुए चेहरे समान रह सकते हैं ना! क्योंकि आजकल जैसे समय आगे बढ़ेगा वैसे हालातों के प्रमाण टेन्शन बढ़ेगा। तो आपके चेहरे उन्हों को खुश करेंगे। ऐसी सेवा करने के लिए हर एक बच्चे को तैयारी करनी है। खज़ाने कौन से हैं? जानते हो ना! विशेष खज़ाना है ज्ञान, योग, धारणा तो अपने में चेक करो। बापदादा आज की सभा में विशेष खज़ानों से सम्पन्न बच्चों को देख रहे हैं। वैसे सबसे श्रेष्ठ खज़ाना आजकल का संगम का समय है क्योंकि आजकल के समय मे स्वयं बाप, बाप गुरू के सम्बन्ध में आये हुए हैं। आज के समय में स्वयं बाप बच्चो को खज़ानो से सम्पन्न बना रहे हैं। तो बोलो समय से प्यार है ना! तो सभी चेक करो हमारे में सर्व खज़ाने जमा हैं? बाप समान सर्व खज़ाने बाँट रहे हैं? जो समझते हैं कि बाप समान हम भी खज़ाने के अधिकारी हैं, वह हाथ उठाना। बापदादा खुश है, हाथ तो मैजॉरिटी उठा रहे हैं। बापदादा हर बच्चे को खज़ानों से भरपूरता की बधाई दे रहे हैं। अच्छा है, बापदादा अपने खज़ाने से भरपूर बच्चों को देख खुश हो रहे हैं।
तो सभी तरफ के आये हुए बच्चों को देख बापदादा हर एक बच्चे की स्वागत कर रहे हैं। जैसे अभी सब खुशी में भरपूर दिखाई दे रहे हैं ऐसे ही सदा रहते हैं? कोई भी बात आये लेकिन बातें हमारे खज़ानों की खुशी नहीं ले जाये। जैसे अभी खुशी का चेहरा है, स्नेह प्रेम का चेहरा है ऐसे सदा रहे। बोलो, रह सकता है? जो समझते हैं सदा रहेगा, बीती सो बीती, अभी सदा रहेगा वह हाथ उठाओ। देखो, हाथ तो सभी उठा रहे हैं मैजॉरिटी उठा रहे हैं। तो कभी भी कोई भी बात आये ऐसे ही चेहरा रहेगा, कांध तो हिलाओ। रहेगा? रहेगा? तो सब देखेंगे यह कौन आये है, आपको देख करके आधे खुश तो वह भी हो जायेगे। अच्छा। आज कौन से ज़ोन आये है?
सेवा का टर्न इन्दौर जोन का है:- अच्छा, आधा हाल तो इन्दौर ज़ोन खडे हुए हैं। वाह बच्चे वाह! अच्छा है, बापदादा हर बच्चे को देख खुशी की ताली बजा रहे हैं। लेकिन वहाँ जाके भी जैसे आज अभी खुशमिजाज़ चेहरा है, ऐसे ही सदा रहे, ऐसी प्रामिस करो अपने से। देखो यह अच्छा लगता है ना! मुरझाया चेहरा भी रखो और मुस्कराता चेहरा भी रखो, क्या अच्छा लगेगा? मुस्कराता चेहरा अच्छा लगेगा ना! तो आज से सभी बच्चे, सिर्फ ज़ोन नहीं सभी बच्चे अपने दिल मे प्रॉमिस करो सदा खुश रहेगे और सभी को खुश करेंगे क्योकि खुशी जैसी कोई ख़ुराक नहीं, बापदादा ने अनेक बार खुशी की कमाल सुनाई है। जो एक खुशी में कमाल है। देखो कोई भी चीज़ अगर बाँटते हैं तो अपने पास कम होती है, लेकिन ख़ुशी अगर बाँटो, कम होगी? बढ़ेगी ना! तो बापदादा का स्लोगन है, यह याद रखो। यहाँ लिख दो खुश रहना है और खुश करना है। है पसन्द? जिसको पसन्द है वह हाथ उठाओ। तो आप इतने खुशमिजाज़ बच्चों को देख कितने खुश हो जायेंगे। तो पक्का प्रॉमिस करो, क्या करो? खुश रहेगे और खुशी बाँटेंगे। पक्का है? कि यहाँ भी कोई बात हो गई तो ख़ुशी गायब हो जायेगी। नहीं। ख़ुशी गायब होने की बात ही नही है। आज से सभी चेक करना। ख़ुशी को जाने नही देना। है ताकत? है हाथ उठाओ। अच्छा। देखना। आपके जोन वाले, आपके सेन्टर वाले आपका हाथ देख रहे हैं। बापदादा खुश है। हिम्मत तो रखी है। आपकी हिम्मत बाप की मदद साथ मे रहेगी। सभी का फोटो तो निकाल रहे हो ना! फिर यह फोटो इस ज़ोन को भी देना। अगर आने वाले चाहे तो उन्हों को यह फोटो देना। आज जैसी शक्ल सदा रहे। तो सभी को मंज़ूर है, सदा खुश रहेंगे और खुशी बाँटेंगे? है मंज़ूर। दो-दो हाथ उठाओ। अच्छा। यह फोटो अपना याद रखना।
अभी बापदादा यही चाहते हैं कि आप एक-एक को कोई भी दूर से देखे तो खुद भी मुस्कराये, आपके खुशी की शक्ल देख करके खुद भी खुश हो जाये, यह सेवा करेगे! करेगे? अच्छा, हाथ उठाओ। बाप वाह बच्चे वाह! कह रहे हैं। आज से सभी स्थानों में अचानक कोई भी आये, बापदादा भी भेजेंगे क्योंकि बापदादा बच्चों का ऐसा-वैसा चेहरा देखने नहीं चाहते हैं। तो बापदादा को खुश करना है ना! करेंगे? सभी दिल से हाँ जी कह रहे है। अभी हर एक सेन्टर अपने साथियों को चेक करना, कहना नहीं कुछ, क्यों, क्या नहीं कहना लेकिन अपनी शक्ल ऐसी प्यार की करना जो चुप हो जाए। ऐसी सेवा करेंगे ना। खुद रहना औरों को भी आप समान बनाना। कोई भी अचानक कभी भी किसी सेन्टर पर जाये तो ऐसे अनुभव करे कि हम खुशी के स्थान पर आये हैं। जहाँ खुशी है वहाँ सब कुछ है। कभी भी देखो, कोई भी किसी से विदाई लेते हिं, तो क्या कहते हैं? खुश रहो, आबाद रहो। तो अभी बापदादा अचानक कोई को भेजेगा गुप्त, देखेंगे क्योंकि आप सभी बच्चे बडे-बडे बाप के बच्चे हो। बापदादा भी बच्चो को देख खुश हो रहे हैं और दिल से बधाई दे रहे हैं। सदा खुश आबाद रहो और आज तो बापदादा देख रहे हैं कि नये-नये भी बहुत आये है।
जो आज पहली बार आये हैं वह हाथ उठाना, देखो कितने हैं! बापदादा आने वालों को मुबारक दे रहे है। टू लेट के समय के पहले आ गये, लेकिन कमाल करके दिखाना। है हिम्मत। पहले बारी आने वाले उठो, देखो। सभी ने देखा कितने आये हैं। अच्छा।
इन्दौर हॉस्टल की कुमारियाँ (150 आई है):- अच्छा है बापदादा खुश है। हर एक कुमारी सर्विसएबुल रत्न होके निकलेगी। सभी में हिम्मत है? हिम्मत है, तो हाथ उठाओ। तो हिम्मते बच्चे मददे बाप है ही। बापदादा भी खुश है, हिम्मत वाले के ऊपर एक्स्ट्रा मदद का संकल्प बापदादा का साथ रहता है। तो आज जो भी आये हैं उन एक- एक को बापदादा विशेष हिम्मत दे रहे हैं। कभी घबराना नहीं। मेरा बाबा कहा, बाबा हाजिर हो जायेगा। सिर्फ दिल से कहना, ऐसे नहीं मेरा बाबा, बाबा का भी बच्चों से प्यार है। हिम्मत आपकी मदद बाप की है ही।
इस वर्ष की यह लास्ट मीटिंग है लेकिन दूसरी सीज़न के लिए हर एक को दो कार्य करने हैं - एक तो अपने सेवा स्थान को सदा शुभ भावना, शुभ कामना से सदा निर्विघ्न बनाना। स्वयं निर्विघ्न रहना, सर्व को निर्विघ्न बनाना। मंज़ूर है, हाथ उठाओ। हाथ तो अच्छा उठाते हो। बापदादा हाथ को देख करके खुश भी होते हैं लेकिन बाप को सदा खुश रखना। सोचना नहीं, सोच देना नहीं। फिर भी बाप तो सदा खुश है और सदा ही हर बच्चे को दुआयें देते हैं अमर भव! लेकिन दूसरी सीज़न के लिए विशेष क्या करेगे? बापदादा का यही सकल्प है कि हर एक बच्चा अपनी कमज़ोरी को तो जानते ही हैं, जो विशेष कमज़ोरी हो, आप तो जानते हो ना अपनी कमज़ोरी को। वह कमज़ोरी समाप्त करके आना। चाहे व्यर्थ सकल्प हो, चाहे क्रोध हो, छोटा-छोटा क्रोध भी स्वयं को और स्थान को तंग करता है। तो जो भी कमी हो उसको समाप्त करके आना। पसन्द है! पसन्द है तो दो-दो हाथ उठाओ। वाह भाई वाह! जैसे हाथ उठाने में एवररेडी हो गये ना, ऐसे ही त्याग करने में भी एवररेडी रहना। तो दूसरी सीज़न कौन-सी सभा होगी? निर्विघ्न बाप के दिलपसन्द सभा होगी। दादियाँ पसन्द है? हाथ उठाओ। अभी देखेंगे। सेन्टर वाले रोज रात्रि को यह याद दिलाना कि प्रॉमिस क्या किया है? प्रॉमिस प्रमाण चल रहे हैं? शुभ भावना से, टोकने के रूप से नहीं पूछना। शुभ भावना से एक-दो के सहयोगी बन एक-दो को आगे बढ़ाने की शुभ भावना से इशारा देना।
तो अभी आज का स्लोगन क्या रहा? खुश रहेगे, खुश करेगे। पसन्द है ना। हाथ उठाओ पसन्द है? फोटोग्राफर यह फोटो निकालना। तो आज जो भी कमज़ोरी हो वह इसी हॉल मे छोड के जाना, साथ नहीं ले के जाना। कर सकते हो? इसमें हाथ उठाओ। मुबारक हो, मुबारक हो, मुबारक हो। अच्छा।
डवल विदेशी:- बापदादा डबल विदेशी नहीं कहते, डबल पुरुषार्थी कहते है, पसन्द है ना। बापदादा ने देखा कि डबल विदेशी भी अन्दर- अन्दर परिवर्तन की विधि बहुत अच्छी कर रहे हैं। बापदादा खुश होते हैं डबल विदेशी आगे बढ रहे हिं। पुरुषार्थ में उमंग उत्साह बढाते रहेंगे, यह प्रॉमिस करके जा रहे हिं। ऐसे है ना! प्रॉमिस करते हैं ना। और इस बारी देखा यह डबल पुरुषार्थी अच्छी रिजल्ट में आपस में मिले भी हैं और संकल्प भी श्रेष्ठ किया है। लेकिन इस संकल्प को वहाँ जाते भी रोज स्मृति में लाना। रात्रि के समय जब सोने जाओ तो चेक करना जो संकल्प किया वह हो रहा है? अगर नहीं हो रहा हो तो रात को सोने के पहले ही दूसरे दिन के उमंग उत्साह को इमर्ज करके फिर सोना। और सुबह को उठकर देखना कि किया हुआ संकल्प अभी भी इमर्ज है या थोड़ा भी मर्ज हो गया। अगर मर्ज हो गया हो फिर उमंग में लाना। बापदादा ने देखा विदेशियों में काफी फ़र्क है और बापदादा दिल से मुबारक भी देते हैं वाह बच्चे वाह! (वाह बाबा वाह!) बापदादा समझता है एक भी बच्चा कम नहीं हो। एक-दो से आगे हो, चाहे विदेश के चाहे देश के। बापदादा को खुशी है विदेश वालों ने जो मधुबन में उन्नति के साधन रखे है, मधुबन का भी लाभ उठाते हैं वह देख करके बाबा खुश होते हैं क्योंकि विदेश में तो इतने सारे इकटठे नहीं हो सकते, लेकिन मधुबन में आकर सभी विदेशी मधुबन का लाभ उठाने में अच्छे जा रहे हैं, यह देख करके बापदादा खुश है। आप देश वाले भी विदेशियो के पुरुषार्थ को देख खुश है ना! देखो सभी खुश हैं आप पर। अच्छा है बापदादा की विशेष मुबारक हो, मुबारक हो, मुबारक हो।
2000 टीचर्स आई है:- हाथ उठाओ टीचर्स। बहुत है टीचर्स। टीचर अर्थात् अपने फीचर से फ़्युचर दिखाने वाली। बापदादा टीचर्स को बहुत-बहुत-बहुत दिल से प्यार करते है क्योंकि टीचर बाप समान ड्यूटी पर है। बापदादा खुश है लेकिन लेकिन है, अभी लेकिन नहीं सुनाते। लेकिन हर एक टीचर माना फीचर से बाप को प्रगट करने वाली। अच्छा है, मेहनत करते हो वह भी बापदादा देखता है लेकिन सेन्टर को निर्विघ्न बनाना, यह अभी बापदादा की दिल पूरी नहीं की है। अभी इसी साल यह प्रयत्न करना। हर एक की तरफ से यह पत्र आये “हमारा जोन निर्विघ्न है। “ हो सकता है? हो सकता है? कम हिम्मत रखते हैं! अभी इस साल कमाल करके दिखाना। हिम्मत है ना! हिम्मत है, हो जायेगा। बापदादा साथ है। फिर भी बापदादा आपके भाग्य को देख खुश है। अब और खुश करना। समझ तो गई हो। अच्छा। अगली सीजन में क्या करेंगे? दृढ़ संकल्प की माला पहनो। जो बापदादा चाहता हाँ वह सुनाने की आवश्यकता नहीं है। जो बापदादा चाहते हैं, आप भी चाहते हो वह प्रैक्टिकल करना है। ठीक है। ठीक है टीचर्स। हाथ उठाओ। बहुत टीचर्स है, वाह टीचर्स वाह! अच्छा, सुना तो दिया दूसरी सीजन में क्या करना है। करना ही है। सब जोर से बोलो, करना ही है। बापदादा कितना खुश होगा वाह बच्चे वाह।
जो भी कमी है उसको छोड़ना ही है। छोड़ना ही है, यह है पक्का? जिसको पक्का संकल्प है, करना ही है, वह हाथ उठाओ। अच्छा। हाथ तो बहुत अच्छा उठाया। बापदादा हाथ देख करके तो खुश हैं। अभी करने में नम्बर लेना है। तो इस सीजन में जो संकल्प कर रहे हो वह सनकल्प नहीं लेकिन करना ही है। कुछ भी हो जाए बदलना ही है। यह दृढ़ संकल्प करो। आखिर समय को समीप तो लाना है। अपने राज्य में चलना है ना। चलना है ना! हाथ उठाओ चलना है। चलना है? तो देखेंगे, चलने की तैयारी करनी ही है। अच्छा।
सभी को बहुत-बहुत-बहुत बापदादा का यादप्यार। आजकल तो सभी साइंस के साधनों से नजदीक ही देखने वाले है। तो सभी देखने वाले और सम्मुख वाले सभी को बापदादा का यादप्यार और दिल का हार बापदादा पहना रहे हैं। अच्छा, ओम् शान्ति।
दादियों से:- बापदादा तो साथ है ही। (साथ हैं, साथ रहेंगे, साथ चला) पक्का वायदा है। जब तक है अच्छे रहेंगे।
मोहिनी बहन:- देखो, यह मरजीवा हुई है। अच्छा है। (आशीर्वाद है) आशीर्वाद सबको है, (गुलजार दादी को भी) तब तो चल रही है।
(निर्वेर भाई ने बाबा को कहा शुक्रिया बाबा) शुक्रिया बच्चे।
(दिल्ली मेले का समाचार दिखाया) अच्छी रिजल्ट है।
गोलक भाई से:- अपने को खुश रखो। कोई भी बात हो, बात बाप को दे दो।
रूकमणि दादी से:- ठीक हो जायेगी। सबका प्यार है ना। सबका प्यार है, बाप का भी प्यार है तो प्यार सब ठीक कर देगा। (कल कह रही थी कर्जा उतारने आई हूँ) कर्जा कुछ नहीं है, बात को छोटा करो, बडा नहीं करो, सब ठीक हो जायेगा। अच्छा। सभी को यादप्यार।
वी. आई पीज. से:- अभी तो मेहमान नहीं, घर के हैं। बोलो, घर के हैं ना! हाथ उठाओ। बाप के दिल में है। बाप को अपने दिल में बिठाया है। दिलाराम है ना! तो दिल में बिठाओ। जो भी कुछ होगा दिलाराम सहयोग देगा। सब आये हैं दिलाराम के स्थान पर आये हैं। जो दिल की आशायें है यहाँ आने से समाप्त कर देना। बच्चों से मिल के लेन-देन करके जो भी दिल में हो वह खत्म करके जाना। और दिल में मौज भर के जाना। मौज ही मौज। बापदादा मुबारक दे रहे हैं, आ तो गये। खुश है बापदादा। अपने घर पहुच गये, रास्ता तो देख लिया। अभी भी आते रहना, सम्पर्क- सम्बन्ध रखते रहना। अच्छा। भले पधारे। बापदादा यादप्यार दे रहे हैं।
दुबई में नया भवन बना है, जिसका उद्घाटन रिमोट कन्ट्रोल से बापदादा ने किया : (ज्योति बहन दुबई) सेवा साथी ठीक है। बढ़ाओ। नजदीक है ना। तो नजदीक में जो भी शक्ति है वह आपको पहुच जाती है। मौज में रहो। जो भी कार्य हो, बाबा आपका कार्य आप करो। बापदादा मददगार है।
(जयपुर में भी नया आडोटोरियम बनाया है, उसका भी उद्घाटन बापदादा ने रिमोट से किया) मुबारक हो।
अच्छा सभी लगन में मगन है। साथ है, साथ रहेंगे, साथ चलेंगे, साथ में राज्य करेगे। अच्छा।
ओम् शान्ति।