18-01-14 ओम शान्ति अव्यक्त बापदादा मधुबन
“ब्रह्मा बाप की विशेष शिक्षा - बापदादा दोनों के स्मृति स्वरूप बन, फॉलो फादर करो"
आज के दिन सभी के मन में विशेष ब्रह्मा बाप की याद समाई हुई है। आज के दिन विशेष यादगार है ब्रह्मा बाप के साकार से अव्यक्त रूप में पार्ट बजाने का, तो अमृतवेले से लेके बापदादा ने देखा हर बच्चे के मन में विशेष ब्रह्मा बाप आँखों में समाये हुए थे। आज के दिन ही यादगार में ब्रह्मा बाप अव्यक्त रूप में पार्ट बजाने के निमित्त बने। साकार रूप में बाप के साथ मिलन मनाने वाले बच्चे थोड़े थे, उन्हों के मस्तक में ब्रह्मा बाप के चरित्र और बोल, वरदान स्मृति में हैं। भल वह थोड़े थे अभी वृद्धि ज्यादा है लेकिन अभी भी अव्यक्त रूप में पालना दे रहे हैं। ब्रह्मा बाप को याद करते साकार रूप में पार्ट बजाने की प्रेरणा लेने वाले, साथी बनने वाले थोड़े थे लेकिन अब आप सब साथी बने हो। भले साकार रूप में नहीं देखा लेकिन अब अव्यक्त रूप में पालना ले रहे हैं। तो ब्रह्मा बाबा के अव्यक्त रूप में पालना लेने वाले हाथ उठाना। नहीं, साकार में नहीं थे, अव्यक्त में आये हैं वह हाथ उठाओ। अव्यक्त ब्रह्मा अब भी कितनी पालना दे रहे हैं, अव्यक्त रूप में। शिव बाप तो साथ में है लेकिन ब्रह्मा बाबा भी अभी आकार रूप में पालना दे रहे हैं क्योंकि ब्रह्मा बाप का साकार तन में होने कारण स्थापना में बहुत अच्छे से अच्छा पार्ट बजाया, ब्रह्मा बाप के साथ ब्राह्मण भी थे, जो ब्रह्मा के समय साकार में थे, वह हाथ उठाना। थोड़े थे। अभी आये हुओं में थोड़े हैं और भी हैं जो टर्न बाई टर्न आते हैं।
तो आज ब्रह्मा बाप के दिन अमृतवेले से सभी के दिल में शिवबाबा के साथ ब्रह्मा बाप याद रहा है। साकार में ब्रह्मा बाप की पालना लेने वाले हाथ उठाना। लम्बा उठाओ लम्बा। थोड़े हैं, थोड़े हैं। चलो आगे अभी अव्यक्त ब्रह्मा की पालना ले रहे हैं इसीलिए अपने को कहलाते हो ब्राह्मण। साकार ब्रह्मा के साथ पार्ट बजाना यह भी भाग्य की निशानी है लेकिन अब भी सभी बच्चों की बापदादा दोनों मिलके सेवा कर रहे हैं। कितने भाग्यवान हैं। बापदादा बच्चों का भाग्य देख वाह बच्चे वाह ! का गीत गाते हैं। लेकिन अब भी दोनों ही मिलके बापदादा दोनों ही बच्चो की सेवा कर रहे हैं। तो ब्रह्मा बाप की पालना का विशेष पार्ट है, फालो बापदादा दोनों को करो क्योंकि सभी दिल से याद करते हैं ब्रह्मा बाप को और साथ-साथ आज के विशेष दिन पर सभी के मन में अमृतवेले से लेके बापदादा दोनों की शिक्षायेँ बार-बार स्मृति में आती रही हैं। ब्रह्मा बाप की विशेष शिक्षा है - स्मृति स्वरूप बापदादा के बनो। अकेले बाप भी नहीं, अकेले ब्रह्मा बाप भी नहीं। दोनों को याद करो। दोनों की पालना आगे से आगे बढ़ा रही है। तो आज विशेष दिन के हिसाब से विशेष ब्रह्मा बाप की याद सबके दिल में है और फालो फादर कर रहे हैं क्योंकि साकार में आपके समान ब्रह्मा बाप भी रहा। तो ब्रह्मा बाप सदैव कहता है बापदादा दोनों को फालो करो। जैसे ब्रह्मा बाबा साकार में रहते, साकार में पार्ट बजाते बच्चों से भी और बाहर की सेवा में भी, ऐसे आप भी फालो ब्रह्मा बाबा करो। और बापदादा ने देखा बच्चे दोनों को फालो कर चल रहे हैं। बापदादा दिल में रोज अमृतवेले उन सिकीलधे बच्चों को, जो फालो करने वाले हैं उन्हों को विशेष यादप्यार देते हैं। वाह बच्चे वाह ! का वरदान देते हैं।
तो आज के दिन जैसे ब्रह्मा बाप की विशेषता देखी है या सुनी है, ऐसे ही फालो कर रहे है हैं ना ! ब्रह्मा बाप की आप जैसे साकार में होते सर्व सम्बन्धों में आते प्रैक्टिकल लाइफ सुनी या देखी, तो ब्रह्मा बाप ने आज विशेष बापदादा दोनों को फालो करने वाले बच्चों को सामने लाके विशेष यादप्यार दी है। तो ब्रह्मा बाप की याद स्वीकार की ! ब्रहुत-बहुत दिल से प्यार दिया है। प्यार माना फालो फादर का वरदान मिलना। तो सब बापदादा को फालो कर रहे हैं ना। कर रहे हैं हाथ उठाओ। भले देखा नहीं ब्रह्मा बाप को साकार में लेकिन चरित्र सुनकर ब्रह्मा बाप से दिल में मिलन मनाते फालो कर रहे हैं। ब्रह्मा बाप भी बच्चों पर खुश है। तो फालो को कभी नहीं छोड़ना, बाप दादा दोनों को फालो करो क्योंकि ब्रह्मा बाप ने आप ही जैसा साकार रूप में पार्ट बजाया और पास हो गये। आज का यादगार ब्रह्मा बाप के पास होने का है। फालो फादर है ना। है? फालो करते हो ब्रह्मा और शिवबाबा को? जो फालो कर रहे हैं वह हाथ उठाओ। अच्छा सभी उठा रहे है हैं। बहुत-बहुत बधाई हो, बधाई हो।
आज अमृतवेले अव्यक्त ब्रह्मा बाप ने विशेष दिल से अति स्पेह रूप से एक एक बच्चे को बहुत स्नेह से इमर्ज कर, साकार में इमर्ज कर बहुत यादप्यार दिया है। आपने देखा इतना प्यार साकार रूप में बाप देता जो देखते ही दिल में सम्पूर्ण बनने का उमंग-उत्साह आ जाये। तो आप सबके मन में ब्रह्मा बाप समान साकार में पार्ट बजाने का स्मृति में रहता है ना ! देखा नहीं, सुना तो है ना ! ब्रह्मा बाप ने साकार में क्या क्या किया। कैसे प्रीति की रीति निभाई। सेवा भी की प्रीति की रीति भी निभाई। फालो फादर करने वाले हो ना ! हाथ उठाओ जो करने वाले हैं, कर रहे हैं। कर भी रहे हैं, कर रहे हैं क्योंकि ब्रह्मा बाप से सबका प्यार है। भले साकार में नहीं देखा लेकिन ब्रह्मा बाप की पालना सुनते ही फालो करने का संकल्प दिल में आता है।
तो आज ब्रह्मा बाप का विशेष यादगार दिन है और ब्रह्मा बाप ने सभी बच्चों को हर जोन को इमर्ज किया। जोन में तो आप सब होंगे ना। तो एक एक को यादप्यार दिया। याद मिली? हाथ उठाओ। बहुत प्यार से याद किया वाह बच्चे वाह ! सिकीलधे बच्चे वाह ! और अभी भी ब्रह्मा बाप तो अव्यक्त रूप में मिलते रहते हैं। तो सभी बापदादा के पालना में चल रहे हैं ना ! कि कभी-कभी मिस भी करते हैं? जो चल रहे हैं, अटेन्शन है, ब्रह्मा बाप और शिव बाप दोनों में फालो करने का उमंग उत्साह है वह हाथ उठाओ। अच्छा। भले ब्रह्मा बाप को कई बच्चों ने देखा नहीं है लेकिन जानते तो हैं ना हमारा बाप। ब्रह्मा बाप को याद करते सहज साकार में पालना में ताकत आती है। कईयों को मुश्किल लगता है ना ! आज की दुनिया में फालो करना मुश्किल भी लगता है लेकिन ब्रह्मा बाप ने कितना पार्ट एक्यूरेट बजाया। ऐसे ही फालो फादर। ब्रह्मा बाप ने भी तो सामना किया लेकिन पास हो गये। तो आप सबका भी यह दृढ़ संकल्प है कि अन्त तक पार्ट बजाते पार्ट में पास होना ही है, हुआ ही पड़ा है। हुआ पड़ा है कि होना है ! हुआ पड़ा है निश्चय है ना ! हमारी विजय पाने की मौसम है, संगमयुग की विशेषता है। तो समय की विशेषता को यूज करते चलो। वरदान है संगमयुग को, बापदादा को फालो करने का। तो सभी वरदान यूज करते हैं, हाथ उठाओ। ब्रह्मा बाप और शिव बाप, बापदादा का वरदान चला रहा है।
आज तो ब्रह्मा बाप का यादगार दिन है। तो सुबह से लेके ब्रह्मा बाप को सालों साल साकार में पालना करने का अटेन्शन रहा ना। ब्रह्मा बाप ने कैसे किया। कितना प्यार निराकार बाप से लिया और दिया। तो आज ब्रह्मा बाप को देखने वाले तो कम हैं लेकिन जिन्हों ने ब्रह्मा बाप को साकार में देखा वह लम्बा हाथ उठाओ। अच्छा। यह सब, मैजारिटी यह तरफ (बहिनों की तरफ) पीछे आये हैं। हाँ जो ब्रह्मा बाप के समय में आये वह हाथ उठाओ। पीछे आने वाले हाथ नहीं उठा रहे हैं। तो आज ब्रह्मा बाप ने विशेष सभी बच्चों को चाहे पुराने चाहे नये दोनों को बहुत-बहुत दिल से याद दी है। आ गये ब्रह्मा बाप सामने। सामने आ गया, हाथ उठाओ। सभी के दिल में आ गया क्योंकि चित्र तो सबने देखा है।
तो आज का दिन याद तो साथ-साथ बापदादा दोनों आते हैं लेकिन आज विशेष दिन के कारण जिन्होंने पालना ली है ब्रह्मा बाप द्वारा उन्हों को याद ज्यादा आती है। तो ब्रह्मा बाप ने जो साथ रहे, प्रैक्टिकल पालना ली उन्हों को विशेष याद सिर पर हाथ घुमाके ऐसे करते दी है, दी तो सभी को है लेकिन पहले उन्हों को दिया फिर सभी को दिया। तो आज ब्रह्मा बाप का दिन होने के कारण विशेष ब्रह्मा बाप की याद आप हर एक को ब्रह्मा बाप ने दी है। अच्छा। अब तो समय हुआ है, आज कौन मिलना है?
सेवा का टर्न इन्दौर जोन का है, होस्टल की कुमारियां भी आई हैं, टोटल 7 हजार आये हैं:- बहुत अच्छा। बहुत करके इन्दौर वाले आये हैं। इन्दौर वाले हाथ उठाओ। मुबारक हो। अच्छा है। सन्देशी जब भी वतन में जाती है तो ब्रह्मा बाप खास बच्चों को वाह बच्चे वाह करके याद करते हैं। अच्छा - इन्दौर वाले सब पुरुषार्थ में आगे से आगे हैं ना ! कोई पीछे नहीं रहना। पीछे रहने वालों को प्राप्ति भी तो पीछे होगी ना, इसलिए सदा नम्बरवन। हमेशा हर कार्य में नम्बरवन जाना ही है। चाहे अभी इन्दौर जान है लेकिन आये तो सभी जोन हैं तो खास आज इन्दौर को और सभी को ब्रह्मा बाप की तरफ से विशेष यादप्यार है। इन्दौर वाले हाथ उठाओ। बहुत अच्छा पार्ट बजाया, सर्विस का फल स्वयं भी लिया औरों को भी दिया, अच्छा किया।
डबल विदेशी 400 आये हैं:- खास डबल विदेशियों को डबल यादप्यार स्वीकार हो। बापदादा को विश्व कल्याणी प्रसिद्ध करने में विदेशी निमित्त बने हैं। पहले भारत कल्याणी थे अभी विश्व कल्याणी नाम प्रसिद्ध है। तो विदेश ने कमाल की ना ! बापदादा भी विशेष विदेशी बच्चों को दिल से आफरीन देते हैं। पहचान तो लिया लेकिन सेवा भी कर रहे हैं। विदेश की सेवा हमेशा सुनते रहते हैं। अच्छे उमंग-उत्साह से आगे बढ़ रहे हैं और बढ़ते रहेंगे। (ताली बजाओ)
कलकत्ता के ग्रुप ने तीनों स्थानों पर फूलों का अच्छा क्षृंगार किया है:- जिन्होंने फूलों का क्षृंगार किया वह अभी हैं। अच्छा। भले आये, जी आये। बापदादा बच्चों को देख के खुश होते हैं। अपने घर में आये हैं ना। यह तो सेवा के कारण अलग-अलग गये हैं। बाकी हैं तो सभी मधुबनवासी। अच्छा।
बापदादा को तो हर एक बच्चा दिल में समाया हुआ है। चाहे कहाँ भी रहते हैं देश में या विदेश में। लेकिन दिलाराम के दिल में समाया हुआ है। अच्छा।
दादी जानकी से:- (लण्डन जा रही हैं इसलिए खुश है) सदा खुश है। बाप साथ देंगे।
निर्वैर भाई से:- तबियत ठीक है। हिसाब पूरा हुआ। अभी वह हिसाब तो पूरा हुआ। सेवा हुई। अच्छा।
मोहिनी बहन से:- खुश रहती हो खुशी चला रही है। बाप की याद के साथ खुशी भी चला रही है।
बृजमोहन भाई से:- (ओ.आर.सी. वालों की और मोहित भाई की याद दी) उसको याद देना, टोली भेज देना।
रमेश भाई से:- तबियत ठीक है।
गोलक भाई से:- ठीक है। सदा ठीक रहना ही है और कोई सवाल ही नहीं। (सभी के लिये) सब ठीक रहने वाले हैं।
ओम शान्ति