12-10-14
ओम शान्ति अव्यक्त बापदादा मधुबन
“दीपावली दिलाराम और दीपकों का यादगार है, हर एक बच्चे के दिल
में दिलाराम समाया हुआ है”
हर एक मीठे-मीठे प्यारे-प्यारे दीपकों को बाप दिलाराम दीपराज
की बहुत-बहुत मुबारक हो, दिल का स्नेह हो । हर एक के दिल में
बापदादा समाया हुआ है । दीपराज आपके दिल में समाया हुआ है ना ।
है! हाथ उठाओ । सभी की दिल न बोलते हुए भी बोल रही है । क्या
बोल रही है? दीपराज के दीप बच्चे हैं और सदा दीपक जगता रहेगा ।
ऐसे हैं ना । ऐसे हैं तो हाथ उठाओ । वाह दीपराज के दीपक वाह!
बापदादा को हर एक अपने दीपक बच्चे को देख-देख बहुत खुशी हो रही
है और दिल बार-बार वाह दीप बच्चे वाह कह रहे हैं । हर एक बच्चा
या हर एक दीपक बापदादा को अति प्यारा है । अति प्यारा है क्यों
दिल में और है क्या। दिलाराम बाप, तो बापदादा देख रहे हैं कि
हर एक के दिल में दिलाराम ही दिखाई दे रहा है । यह दिलाराम का
दिल में बसना दीपावली की याद दिलाती है । नाम ही दिलाराम है और
दीपक है । हर एक के दिल में मेरा बाबा समाया हुआ है । जहाँ
मेरा कहा ना तो मेरा कभी भूलता कम है । तो हर एक के दिल में
कौन। मेरा बाबा । बाप के दिल में कौन? हर बच्चा । एक-एक बच्चे
को देख बापदादा क्या सोचता है, वाह बच्चे वाह! भले नम्बरवार
हैं लेकिन बाप के लिए हर बच्चा वाह वाह! है । हर बच्चे के दिल
में बाप समाया हुआ है । आपसे कोई पूछे आपके दिल में कौन! तो
क्या कहेंगे? “मेरा बाबा” क्योंकि मेरा भूलना मुश्किल है, याद
करना सहज है । भूलना मुश्किल है । तो बापदादा देख रहे हैं
मैजारिटी की दिल में बापदादा समाया हुआ है । बाप भी हर बच्चे
को देख करके कहते वाह बच्चे वाह! यह सम्बन्ध संगमयुग में ही
प्रत्यक्ष अनुभव करते हैं । सबके दिल में देखो तो क्या दिखाई
देता अभी? मेरा बाबा । और बापदादा के दिल में क्या है? हर
बच्चा है । बाप के कितने भी सब बच्चे हों लेकिन दिल में समाया
हुआ है । यह रूहानी नाता इस संगमयुग में ही अनुभव कर सकते हैं
। हर बच्चा क्या कहेगा? मेरा बाबा । बाप क्या कहेगा? हर बच्चा
मेरा । यह नाता प्रत्यक्ष रूप में अब संगम पर ही अनुभव करते ।
बाबा भी एक-एक बच्चे को देखते कहते मेरा लाडला बच्चा । और
बच्चे भी क्या कहते! मेरे लाडले बाबा । सब खुश हैं ना! खुशी की
खुराक बाप द्वारा सदा मिलती रहती और बच्चे भी दिल में बाप का
दिया हुआ वरदान सदा साथ रखते हैं और इस संगठन में प्रत्यक्ष
रूप में बाप बच्चों को देख रहे हैं और बच्चे बाप को देख रहे
हैं । बाप कहते वाह बच्चे, बच्चे कहते वाह बाबा और हर एक की
सूरत में क्या है! परमात्म प्यार । तो सभी बच्चे बाप की
मुबारकों से सदा सहज उड़ते रहते हैं । उड़ने वाले हैं ना! हाथ
उठाओ । चलने वाले नहीं, उड़ने वाले । सभी उड़ने वाले हैं कि चलने
वाले भी हैं? उड़ते रहते हैं क्योंकि यह समय ही उड़ने का है ।
सबके दिल में सदा यही गीत बजता रहता वाह बाबा वाह मैं! सबके
दिल में कौन? बोलो । मेरा बाबा । तो सदा मेरापन स्वरूप में
अनुभव में है कि काम काज में भूल जाता है? वैसे देखा जाए तो
छोटी सी मेरी चीज भी भूलना मुश्किल है । मेरा बना दिया तो याद
अमर है । तो हर एक की दिल क्या कहती? मेरा बाबा या
ब्रह्माकुमारियों का बाबा । मेरा बाबा । और बापदादा भी हर
बच्चे को देख खुश होते हैं, मेरे बच्चे ।
तो आज दीपमाला का दिन है और बापदादा या आप सभी भी दीपराज और
दीपकों को देख रहे हैं । दीपराज एक-एक दीपक को देख खुश होते और
क्या गीत गाते? वाह बच्चे वाह! वाह बच्चे हो ना! जो वाह बच्चे
हैं वह ताली बजाओ । तो आज हर एक के दिल में इस समय दिल में कौन
है? मेरा बाबा । सबकी सूरत मुस्करा रही है क्योंकि वाह बाबा
वाह है । आज तो सन्मुख में बच्चे भी बाप को देख रहे हैं, बाप
भी बच्चों को देख रहे हैं लेकिन चाहे दूर भी हो तो भी बाप तो
दिल में समाया हुआ है । समाया हुआ है बाप दिल में? हाथ उठाओ ।
सबके दिल में बाबा है? और कुछ नहीं है । बाप के दिल में भी आप
हर एक बच्चा है । बच्चों के बिना बाप रह नहीं सकता और बच्चे भी
बाप के बिना रह नहीं सकते । यह संगमयुग की सौगात बाप और बच्चों
का मिलन सारे कल्प में एक ही बार होता है । संगमयग में बार-बार
होता है लेकिन एक ही संगमयुग में होता है और जीवन कितनी सरल है
। कोई हठयोग क्रिया नहीं करनी हैँ, मेरा बाबा बस । और मेरा तो
भूलना मश्किल है । बाप को मेरा बना दिया तो भूलने की मेहनत
खत्म । छोटी सी चीज भी मेरी होती है तो कितनी याद रहती हैँ और
बाप को भी हर बच्चा प्यारा है । ऐसे नहीं इतने बच्चे हैं मुझे
बाबा याद करते हैं या नहीं । लेकिन नहीं, बाप विश्व का पिता
है, उसमें भी मुख्य सम्बन्ध में कौन हैं? आप बच्चे हैं । एक-एक
कितना प्यारा है । आप कहते हैं प्यारा बाबा, बाबा कहते हैं
मेरे मीठे-मीठे, प्यारे-प्यारे बच्चे । एक-एक बच्चा बापदादा के
दिल का प्यारा है ।
तो आज भी दिल के प्यारे बाप से मिलने के लिए देखो कहाँ-कहाँ से
पहुँच गये हैं । दीपमाला मना रहे हैं । बापदादा तो चैतन्य
दीपकों को देख खुश होते हैं वाह बच्चे वाह! वाह वाह हो ना! वाह
वाह हो? जो हैं वह हाथ उठाओ । सभी हैं? बापदादा के दिल में भी
बच्चे हैं । कौन बाप के दिल में समा सकता है? वह तो आप सब
जानते ही हो । लेकिन बाप के दिल में बच्चे, बच्चों के दिल में
बाप है । यह संगम का सम्बन्ध सारे कल्प में नहीं होगा । अभी है
वह भी इस जन्म का भाग्य है । तो दीवाली मना रहे हैं ना! हर एक
दीपक दीपराज के लाडले हैं । चाहे कोई बच्चा अपने को क्या भी
समझे लेकिन बाप को हर बच्चा दिल का प्यारा है । हर एक के दिल
में क्या है? बच्चों के दिल में बाप, बाप के दिल में बच्चे ।
डबलविदेशी 105 देशों से 2000 विदेशी आये हैं:
भारत तो है ही बापदादा आते ही भारत में है । (बाबा का इतना
प्यार मिल रहा है, हमको क्या रिटर्न करना है?) बच्चे जानते हैं
हमको क्या करना है । सब विदेश के जो आये हैं, वह उठें । मुबारक
हो । (सिन्धी भाई बहिनें) भले आये । स्थापना के स्थान का नाम
तो है ना । बापदादा को खुशी है कि हर बच्चा चाहे सिन्धी हैं
चाहे हिन्दी हैं लेकिन हर बच्चा खुश रहता है मैजारिटी । यह देख
करके बाबा बहुत खुश होता है । खुशी कभी नहीं गंवाना । बात होती
है लेकिन बात हमारी खुशी क्यों ले जाये । खुशी हर एक की अपनी
चीज है वह कभी नहीं जानी चाहिए । बातें आती हैं वह भी पेपर आता
है । तो जो बच्चे अच्छे पुरुषार्थी हैं वह पेपर में सदा पास
होते हैं उनके लिए पेपर कोई बड़ी बात नहीं । हैं ही रेडी । ऐसे
रेडी रहने वाले की निशानी है कि उनकी शक्ल पर सदा खुशी की लहर
दिखाई देती है । कितनी भी बातें हो जाए क्योंकि डबल सम्बन्ध
में रहते हैं लौकिक में भी, अलौकिक में भी लेकिन जो सदा खुश
रहते हैं वह आगे से आगे कदम बढ़ाते रहते हैं और बाप उन बच्चों
को देख सूक्ष्म में उन्हों के ऊपर दिल का प्यार अवश्य होता है
जो उन्हों को भी महसूस होता है कि बाबा का प्यार मेरे से है ।
ऐसे दिलखुश बच्चे बहुत हैं और सदा ही खुश रहेंगे । जो नहीं भी
है वह भी सदा खुश रहना ।
यू.पी. पश्चिम नेपाल और बनारस के 10 हजार भाई बहिनें आये हैं
:-
अच्छा है । अच्छा किया है और अच्छा कर भी रहे हैं । आप इतनी
सेवा से सैटिस्फाय हो ना । मुबारक हो ।
(डबल विदेशी सेन्टर वासी)
अच्छा है । विदेश ने भी उन्नति अच्छी की है । बापदादा खुश है ।
भारतवासी सभी टीचर्स :-
भारतवासी कम नहीं हैं । अच्छा है जो भी जो कार्य कर रहे हैं वह
अच्छा है ।
सभी बच्चों को दिल व जान सिक व प्रेम से बापदादा का यादप्यार
स्वीकार हो । यह यादप्यार ही सदा रहे तो कोई विघ्न नहीं आयेगा
। विघ्न मुक्त हो जायेंगे । बस मेरा बाबा । मेरा वैसे तो कोई
भूलता नहीं है । तो मेरा बाबा और बाबा का वर्सा यह याद आने से
सदा खुश रहेंगे ।
एक-एक से बापदादा दिल से मिल रहा है । ऐसे नहीं पीछे जो बैठे
हैं उनसे नहीं मिले । मिल रहे हैं । बापदादा के पास हर बच्चा
नजदीक है ।
भले कोई यहाँ आये हैं या नहीं आये हैं लेकिन बापदादा चारों ओर
के बच्चों को याद दे रहे हैं ।
सबके दिल में मीठा बाबा, मीठा प्यारा है । कोई कहते हैं कोई
मुख से नहीं भी कहते हैं । लेकिन सबके दिल में है । बापदादा भी
कहते हैं वाह बच्चे वाह ।
(मोहिनी बहन ने बृजमोहन भाई की याद दी । आज तबियत के कारण वे
नहीं पहुंचे हैं)
उनको खास याद देना ।
विदेश की बड़ी बहिनों से :-
निर्विघ्न चल रहा है ना । और आप सब भी प्यार से दिल से सेवा के
निमित्त हो । बापदादा खुश है । हर एक अपने शक्ति प्रमाण जो
करना चाहिए वह अभी तक तो कर रहे हैं । मुबारक हो । सफलता तो
आपका जन्म सिद्ध अधिकार है । अच्छा चल रहा है, अच्छा चलता
रहेगा क्योंकि हर एक को बाबा देख रहे हैं मेहनत अच्छी कर रहे
हैं । विदेश से जो भी निकले हैं, रत्न अच्छे निकले हैं । भले
थोड़े निकले हैं लेकिन अच्छे निकले हैं । सिडनी वालों को
यादप्यार देना । सब स्थान ठीक है । बापदादा को सबकी याद
पहुंचती है । हर एक के दिल में अभी है ही क्या? बस अच्छा है और
अच्छे चल भी रहे हैं और चला भी रहे हैं । प्रोग्रेस है ।
दीपावली की मुबारक
:-
बापदादा की तरफ से हर एक बच्चे को चाहे सामने हैं, चाहे सेंटर
पर हैं चाहे देश में हैं चाहे विदेश में हैं, सभी एक-एक को
बापदादा दीवाली की मुबारक दे रहे हैं और सदा ऐसे ही बापदादा
द्वारा सफलता के सितारे का सर्टीफिकेट लेते रहना । अभी इस समय
सफलतामूर्त हो ना । तो सदा सफलतामूर्त सदा एक दो को खुशी की
मुबारक देते रहना और लेते रहना । सभी खुश हैं? सभी ने दीपमाला
मनाई अर्थात् सदा दीपक समान चमकते रहेंगे । कोई भी बात दीपक की
दीपमाला को तंग नहीं करेगी । सदा खुश रहना है और खुशी बांटनी
है, यह इस दीवाली का स्लोगन सदा याद रहे ।