14-10-15 ओम्
शान्ति “अव्यक्त
बापदादा”
मधुबन
``जो बच्चे याद में रहते हैं वह
बापदादा के दिल में सदा समाये हुए हैं, सबके दिल में अब यही
खुशी है कि हमारा सतयुगी राज्य आया कि आया, सभी ऐसा युग लाने
में बिजी हैं''
सभी स्नेही बच्चों की यादप्यार बापदादा तक पहुंच रही है। हर एक
की दिल यही बोल रही है मेरा बाबा और बापदादा क्या बोल रहे हैं?
मेरे बच्चे। यह मुलाकात बड़ी सुन्दर है। हॉल को देख करके, हॉल
में बच्चों के श्रृंगार को देख करके बापदादा को खुशी हो रही है
और यही दिल में आ रहा है वाह बच्चे वाह! हर एक की शकल में मिलन
के खुशी की लहर दिखाई दे रही है। यह मिलन कितना वैल्युबुल है।
हर एक के दिल में और बापदादा के दिल में भी यही आ रहा है वाह
मेरे बच्चे वाह! और बच्चों की दिल में क्या आ रहा है? वाह बाबा
वाह! यह मिलन भी कितना प्यारा है। हर एक के दिल में यही शब्द
समाये हुए हैं मेरा बाबा। और बाप के दिल में क्या है? मेरे
बच्चे। एक एक बच्चा चाहे दूर बैठा है, चाहे नजदीक बैठा है,
लेकिन कहाँ बैठा है? इस सीट पर बैठे हैं? कहाँ सीट मिली है!
बापदादा के दिल में हर बच्चा समाया हुआ है। दो आवाज आ रहे हैं।
एक तो वाह बाबा वाह! दूसरा फिर बाप का आवाज है वाह मीठे बच्चे
वाह! हर एक ने दिल में समाने के बाद सम्मुख नयनों द्वारा देख
क्या क्या गीत गा रहे हैं! सबके दिल से एक ही शब्द निकल रहा है
मेरे बाबा और बाबा के मुख से क्या निकलता है! मेरे बच्चे। यह
बाप और बच्चों का मिलन कितना वन्डरफुल है। बाप भी कितना
हार्षित हो रहा है। यह भी कुछ नहीं है, नहीं तो घरों में भी जहाँ
भी हैं वहाँ स्थूल में भी इस हॉल में हैं, यह बाप और बच्चों का
मिलन कितना न्यारा और प्यारा है। मैजारिटी बच्चे बाप के दिल
में समाये हुए हैं। बाप भी एक-एक बच्चे को देख चाहे लास्ट में
बैठा है लेकिन बाप के दिल में समाया हुआ है। बाप भी बच्चों को
इस आंखों से देख कितने खुश हो रहे हैं वाह बच्चे वाह! एक-एक
बच्चा बाप के नयनों का नूर है इसलिए आप सब एक दो में टाइटल देते
हैं नयनों के नूर। भले कहाँ भी रहो लेकिन याद करने वाले बच्चों
के नयनों में बाप समाया हुआ है। और बाप के दिल में सभी बच्चे
समाये हुए हैं, जो याद में हैं वह समाया हुआ है। अपने को देखते
हो ना बाप के दिल में समाये हुए। यह दृश्य भी इस संगमयुग का
विचित्र दृश्य है, जो अभी बापदादा देख रहे हैं। भले कुर्सी पर
हॉल में बैठे हो लेकिन बापदादा क्या अनुभव कर रहे हैं? सभी
दिल में समाये हुए दिल के दीपक हैं। और बापदादा भी हर दीपक को
देख कितने खुश हैं! वाह बच्चे वाह! बाप भी बच्चों के सिवाए रह
नहीं सकता और बच्चे भी बाप से सम्मुख मिलकर बहुत-बहुत अनुभव
करते हैं। अभी भी अनुभव कर रहे हैं। सबके दिल में कौन! क्या
कहेंगे सभी! मेरा बाबा। और बाप के दिल में कौन! मेरे बच्चे। यह
बाप और बच्चों का दिल का मिलन इस संगम पर ही प्राप्त होता है।
तो सबके दिल में कौन! मेरा बाबा। बाप के दिल में कौन! मीठे
बच्चे। हर एक अनुभव अपने यथा शक्ति कर रहे हैं। दोनों की तरफ
से दिल में कौन! मेरा बाबा, बाप के दिल में कौन! मेरे बच्चे।
यह वन्डरफुल मिलन आप बच्चे ही कर सकते हैं। मेरा बाबा और बाप
के दिल में कौन! मेरे बच्चे, यह मिलन इस संगमयुग पर ही होता
है। देखो कहाँ कहाँ से आ गये। हर एक की दिल क्या कह रही है!
मेरा बाबा। और बाप की दिल क्या कह रही है! मेरे बच्चे, सिकीलधे
बच्चे। अभी हर एक बच्चे को जैसे आपकी दिल में बाबा समाया हुआ
है ऐसे सभी के दिल में बाप आ जाए, यह पुरूषार्थ बच्चे भी कर रहे
हैं और बाप बच्चों के पुरूषार्थ को देख करके खुश होते रहते हैं
क्योंकि जहाँ बाप है वहाँ और कोई बात आ नहीं सकती। बाप की दिल
में बच्चे, बच्चों की दिल में बाप। ऐसे अनुभव है ना! बापदादा
भी हर बच्चे को देख कितना खुश होता है। दिल से क्या निकलता!
वाह बच्चे वाह! अभी सबके दिल में कौन! मेरा बाबा। और बाप के
दिल में कौन? वाह बच्चे वाह! सारे हॉल का दृश्य देख देख
बापदादा हार्षित हो रहे हैं।
(बाबा आपसे मिलन मनाने के लिए
20 हजार भाई बहिनें आये हैं, डबल विदेशी 60 देशों से 700 आये
हैं, सेवा के टर्न में
- राजस्थान वाले 4000 आये हैं, पंजाब
वाले 10 हजार आये हैं।) अभी सतयुग को लाने का आधार आप बच्चों
का है। हर एक बच्चा इसी सेवा में लगा हुआ है। बापदादा को खुशी
है कि सभी ऐसा युग लाने में बिजी हैं। बापदादा भी हर बच्चे के
अन्दर का उमंग-उत्साह देख खुश हो रहे हैं। अन्दर ही अन्दर कितना
पुरूषार्थ कर रहे हैं वह युग लाने का। बापदादा बच्चों का
पुरूषार्थ भी चेक करता है। मैजारटी इस धुन में लगे हुए हैं
हमारा युग जल्दी से जल्दी आ जाये। आ रहा है, आप सबके
पुरूषार्थ को बापदादा देख खुश है, लेकिन सदा नहीं है। थोड़ा सा
सदा का हो जाए तो इस आंखों से देखेंगे। आपके लिए ही तो यह युग
है। आप ही युग बदलने का पुरूषार्थ कर रहे हैं और सफलता भी है।
सबके दिल में यही उमंग है हमारा युग आया कि आया। वह अपना युग
है, अपना युग ला रहे हैं। और होना ही है, यह भी गैरन्टी है।
बापदादा भी होवनहार बच्चों को देख खुश होते हैं। क्या गीत गाते!
वाह बच्चे वाह! हर एक की सूरत में अपना भविष्य स्पष्ट है, साथ
और समय भी है, अब हम अपने वतन में चलेंगे। सबके दिल में अपना
वतन आ रहा है ना! बस सामने खड़ा है। हमारा युग आ रहा है। खुशी
हो रही है ना!
डबल विदेशी भाई बहिनें:- यह भी अच्छा है जो सभी को चांस मिल
जाता है मिलने का। तो स्पेशल एक-एक जोन को अलग अलग टर्न मिला
हुआ है और बापदादा भी बच्चों को देख करके खुश होते हैं वाह
मेरे बच्चे वाह! विदेश वालों को भी यह अपना देश प्यारा लगता
है। जब आते हैं यहाँ तो उन्हों के अनुभव बताते हैं कि अपने
असली स्थान पर आते कितने खुश होते हैं और बाप भी ऐसे बच्चों को
देख खुश होते हैं। सभी खुश तो है ही और अभी खुश नहीं होंगे तो
कब खुश होंगे, यही समय है बाप
और बच्चों के मिलन का, पहचान से। बच्चे भी खुश हो रहे हैं और
बाप भी खुश हो रहे हैं वाह! सारी स्मृति आ रही है ना। सारे
चक्र की स्मृति आ रही है। अभी तो बाकी थोड़ा समय है, जिसको अपना
युग कहते हैं, अभी दूसरे के युग में अपना मिलन मना रहे हैं।
लेकिन पक्का याद है कि हमारा युग आया कि आया। जब मधुबन में आते
हो, खुश तो अभी रहते ही हो लेकिन मधुबन में आते हो तो खास खुशी
होती है कि यहाँ ही हमको राज्य करने आना है। अभी तपस्या कर रहे
हैं और यहाँ ही राज्य करने आना है। यह भासना आती है ना! कि
हमारे लिए राज्य का स्थान भी है, सेवा का स्थान भी है। खुशी है
ना। अपना राज्य स्थान देखकर खुशी हो रही है ना। हमारा यहाँ ही
राज्य था और अब तो आया कि आया। ऐसा सहज योग, राजयोग सारे कल्प
में नहीं होता। आप ही निमित्त हो और अपना अधिकार फिर से अनुभव
कर रहे हो।
देखो यह समय कितना वैल्युबुल है,
जो पहचान रहे हैं कि हमको राज्य भाग्य मिल रहा है। हम हैं क्या
और क्या बनने वाले हैं! नशा है, खुशी है, हम ही थे और हम ही हो
रहे हैं। खुशी है! है खुशी तो हाथ उठाओ। हाँ देखो कितनी खुशी
है क्योंकि हमारा युग आने वाला है। देखो, यहाँ सब मातायें
दिखाई देती हैं। मातायें खुश कितनी हो रही हैं, वाह हमारा युग
आ गया, हमारा युग आ गया। अकेली आप भी नहीं होंगी, युगल होंगे।
राज्य करेंगे ना! तो राज्य अकेला थोड़े ही करेंगे। राज्य में तो
दोनों ही होंगे ना। तो खुशी होती है हमारा राज्य आ गया। बाप
आया ही है राज्य देने के लिए। और सबको कितनी खुशी है! अब अपना
राज्य होगा। हमारा राज्य। नशा कितना है! और राज्य की खुशी
कितनी है! हमारा राज्य आया कि आया। कितनी खुशी है! बताओ। कैसे
बतायेंगे। ताली बजाओ। तालियों का आवाज देखो क्या है! वाह! और
सबकी शक्लें देखो, इतनी मुस्करा रही हैं, हमारा राज्य आ गया।
खुशी है ना सभी को! तभी तो तालियां बजाई। अभी तो दु:खी होना या
रोना उसकी जरूरत ही नहीं है, खुशी के दिन आ गये, हमारा राज्य आ
गया, हमारा राज्य... नशा कितना है! दूसरे के राज्य में बहुत
टाइम रहे अभी हमारा राज्य, खुशी है ना! भाईयों को खुशी है!
बहनों को है? देखो, चारों ओर खुशी देख करके कितना अच्छा लग
रहा है। कोई के दिल में दु:ख की लहर नहीं, खुश और बापदादा भी
आप सभी को इस खुशी की बहुत-बहुत-बहुत बधाई दे रहे हैं।
दादी जानकी जी बापदादा से
गले मिली:- सभी
सोच रहे हैं हम भी मिलें। लेकिन बाबा के ह्दय में सब समाये हुए
हो। एक एक एक बाबा के दिल में समाया हुआ है।
मोहिनी बहन:-
सब ठीक है ना! (आपके वरदानों से ठीक हैं) वरदान तो है ही।
बापदादा क्या कर रहा है! वरदानों से ही चला रहा है क्योंकि
यहाँ रह नहीं सकता इसलिए वरदानों से चला रहा है। सभी खुश है
ना। बहुत खुश। सभी खुश है। चेहरा दिखाई दे रहा है। सभी के
चेहरे दिखाई दे रहे हैं कि सेवा में मजे में हैं। थोड़ा समय
सेवा के लिए मिला है, ज्यादा
समय नहीं है।
(तीनों
भाईयों ने बापदादा को गुलदस्ता दिया)
तीनों ही खड़े हो। अच्छा चल रहा है ना! (सभी की तबियतें नीचे
ऊपर हैं) वह भी खुशी में ठीक हो जायेगी। फिर भी देखो वायुमण्डल
का फर्क तो होता है ना। वहाँ और यहाँ रहने में तबियत में फर्क
तो पड़ता है। सभी की तबियत ठीक है। कोई भी ऐसा बीमार नहीं है,
सभी ठीक हैं, कोई बीमार नहीं हैं। खुश हैं तो बीमार नहीं। सब
खुश है ना! हाथ उठाओ। यह खुशी ही खुराक है। और खुराक मिले या
नहीं मिले। यह खुशी की खुराक अच्छी है। (अभी दादी जानकी कहती
हैं मैं बीमार हूँ) दादी जानकी भी बीमार नहीं है। यह तो इनका
थोड़ा हिसाब-किताब रहा हुआ है, वह जल्दी चुक्तू हो रहा है।
अच्छा सम्भाल भी रही है और तबियत भी अच्छी है। बस खुश रहना, यह
है दवाई। यह दवाई बीमारी को आने नहीं देगी। आयु के हिसाब से,
बीमारी के हिसाब से सभी सोचते हैं लेकिन यह बेफिक्र है। (दादी
जानकी जी के 100 वर्ष के सेवाओं की किताब विदेशी भाई बहिनों ने
बनाई है, जिसका बापदादा ने विमोचन किया) आप सबके भी तो 100 साल
मैजारिटी के हो गये होंगे! (किताब देखकर) बहुत अच्छा है।
(ओमप्रकाश
भाई इन्दौर, मोहिनी बहन अमेरिका और कमलेश बहन कटक तीनों बीमार
हैं,
आपको बहुत याद दी है) जो भी बीमार है उन सभी को लेकिन उसके साथ
आप सभी को बहुत बहुत यादप्यार है और सदा याद रहेगी। सभी के दिल
में बाबा बाबा है, और बाबा के दिल में कौन! बच्चे।