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AVYAKT MURLI

26 / 05 / 69

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26-05-69 ओम शान्ति अव्यक्त बापदादा मधुबन

 

सम्पूर्ण स्नेही की परख

 

सभी किस स्थिति में बैठे हो? लगन में बैठे या मगन अवस्था में? किस अवस्था में हो? ज्यादा समय लगन लगाने में जाता है या मगन रूप में हो? अपनी चैकिंग तो करते होंगे। अच्छा।

 

सभी की यही इच्छा है कि हमाँरे पेपर की रिजल्ट का माँलूम पड़े। विशेष सभी के दिलों में यही संकल्प चलता रहता है। तो आज रिजल्ट सभी सुना देते हैं। सभी ने जो भी लिखा है यथायोग्य, यथाशक्ति टोटल रिजल्ट यही कहेंगे कि बाप में निश्चय बुद्धि तो है लेकिन जितना ही बाप में निश्चय है उतना ही बाप के महावाक्यों में, फरमान में निश्चय बुद्धि होकर चलना वह अभी पुरुषार्थ में 50 देखने में आता है। बाप में निश्चय तो 100 है लेकिन बाप के फरमान और आज्ञाओं में निश्चय बुद्धि होकर के जो फरमाँन मिला और किया। ऐसे फरमान में निश्चय बुद्धि मैजारिटी 50 की रिजल्ट में है। ऐसे ही टीचर में निश्चय है लेकिन उनकी पूरी पढ़ाई जो है उसमें पूर्ण रीति से चलना वह भी अपनी परसेन्टेज की रिजल्ट है। ऐसे ही गुरु रूप में भी सडूरु है यह पूरा निश्चय है लेकिन उनके श्रीमत पर चलना उसकी टोटल रिजल्ट 50 तक है। सिर्फ बाप, टीचर, सतगुरु में निश्चय नहीं लेकिन इस निश्चय के साथ-साथ उनके फरमान, उनकी पढ़ाई और उनके श्रीमत पर भी सम्पूर्ण निश्चय बुद्धि होकर चलना है। इसमें कमी है जिसको अभी भरना है?

 

स्नेह की निशानी क्या है? सम्पूर्ण स्नेही की परख क्या होती है? उनका मुख्य लक्ष्य क्या होता है? आप सभी ने जो सुनाया वह तो है ही। लेकिन फिर भी वह स्पष्ट करने के लिए जिसके साथ जिसका स्नेह होता है उसकह सूरत में उसी स्नेही की सूरत देखने में आती है। उनके नयनों से वही नूर देखने में आता है। उनके मुख से भी स्नेह के बोल निकलते। उनके हर चलन से स्नेह का चित्र देखने में आयेगा। उसमें वही स्नेही समाया हुआ होगा। ऐसी अवस्था होनी है। अभी बच्चों और बाप के सस्कारों में बहुत फर्क है। जब समाँन हो जायेंगे तो आप के संस्कार देखने में नहीं आयेंगे। वही देखने में आयेंगे। एक-एक में बाप को देखेंगे। आप सभी द्वारा बाप का साक्षात्कार होगा। लेकिन अभी वह कमी है। अपने से पूछना है ऐसे स्नेही बने हैं? स्नेह लगाना भी सहज है। स्नेही स्वरूप बनना- यह है फाइनल स्टेज। तो पेपर की रिजल्ट सुनाई। एक तो एक कमी है, दूसरी बात जो सभी ने लिखा है उसमें सहनशक्ति की जो रिजल्ट है वह बहुत कम है। जितनी सहनशक्ति होगी उतनी सर्विस में सफलता होगी। संगठन में रहने के लिए भी सहनशक्ति चाहिए। फाइनल पेपर जो विनाश का है उसमें पास होने के लिए भी सहनशक्ति चाहिये। वह सहनशक्ति की रिजल्ट मैजारिटी में बहुत कम है। इसलिए उसको अब बढ़ाओ।

 

सहनशक्ति कैसे आयेगी? जितना-जितना स्नेही बनेंगे। जितना जिसके प्रति स्नेह होता है तो उस स्नेह में शक्ति आ जाती है। स्नेह में सहनशक्ति कैसे आती है, कभी अनुभव किया है? जैसे देखो, कोई बच्चे की माँ है। बच्चे पर आपदा आती है, माँ का स्नेह है तो स्नेह के कारण उसमें सहनशक्ति आ जाती है। बच्चे के लिए सब कुछ सहन करने लिए तैयार हो जाती है। उस समय स्नेह में कुछ भी अपने तन का वा परिस्थितियों का कुछ फिक्र नहीं रहता है। तो ऐसे ही अगर निरन्तर स्नेह रहे तो उसे स्नेही प्रति सहन करना कोई बड़ी बात नहीं है। स्नेह कम है इस- लिए सहनशक्ति भी कम है। यह है आप सभी के पेपर की रिजल्ट। अब एक माँस के बाद रिजल्ट देखेंगे। वहाँ तीन-तीन माँस बाद पेपर आता है। यहाँ एक माँस बाद इसी रिजल्ट को देखेंगे कि स्नेही रूप कितना बने हैं?

 

मुख्य है निर्भयता का गुण। जो पेपर में नहीं दिया था। क्योंकि उसकी बहुत कमी है। एक माँस के अन्दर इस निर्भयता के गुण को भी अपने में पूरा भरने की कोशिश करनी है। निर्भयता कैसे आयेगी? उसके लिए मुख्य क्या पुरुषार्थ है? निराकारी बनना। जितना निराकारी अवस्था में होंगे उतना निर्भय होंगे। भय तो शरीर के भान में आने से होता है।

 

यह एक माँस का चार्ट पहले बता देते हैं। कुमारियों का ट्रेनिंग क्लास पूरा होगा तो यह भी पूछेगे कि सहनशक्ति, निर्भय और निश्चय की परख जो बताई वह कहाँ तक है। इन तीनों बातों का पेपर फिर लेंगे। कुमारियों से बापदादा का स्नेह विशेष क्यों होता है? कौन-सी खास बात है जो बापदादा का खास स्नेह रहता है? क्योंकि बापदादा समझते हैं अगर इन्हों को ईश्वरीय स्नेह नहीं मिलेगा तो और किसी के स्नेह में लटक जायेंगी। बाप रहमदिल है ना। तो रहम के कारण स्नेह है। भविष्य बचाव के कारण विशेष स्नेह रहता है। अब देखेंगे बापदादा के स्नेह का जवाब क्या देती हैं। अपने को बचाना है यह है बापदादा के स्नेह का रेस्पान्ड। किन-किन बातों में बचाना है मालूम है? एक तो मन्सा सहित प्यूरिटी हो। मन्सा में कोई संशय न आये और दूसरी बात अपनी वाचा भी ऐसी रखनी है जो मुख से कोई ऐसा बोल न निकले। वाणी में भी कन्ट्रोल, मन्सा में भी कन्ट्रोल। वाचा ऐसी रखनी है जैसे साकार में बापदादा की थी। कर्म भी ऐसा करना है जैसे साकार तन द्वारा करके दिखाया। आप का कर्म ऐसा हो जो और भी देखकर ऐसा करे। यह है कुमारियों के लिए खास। और किससे बचना है? संगदोष से तो बचना ही है, एक और विशेष बात है। अब बहुत रूप से, आत्मा के रूप से, शरीर के रूप से आप सभी को बहकाने वाले बहुत रूप सामने आयेंगे। लेकिन उसमें बहकना नहीं है। बहुत परीक्षायें आयेंगी लेकिन कुछ है नहीं। परीक्षाओं में पास कौन हो सकता है? जिसको परख पूरी होगी। परखने की जितनी शक्ति होगी उतना ही परीक्षाओं में पास होंगे। परखने की शक्ति कम रखते हो, परख नहीं सकते हो कि यह किस प्रकार का विघ्न है, माया किस रूप में आ रही है और क्यों मेरे सामने यह विघ्न आया है, इससे रिजल्ट क्या है? यह परख कम होने के कारण परीक्षाओं में फेल हो जाते हैं। परख अच्छी होगी वह पास हो सकते हैं।

 

अच्छा - ओम् शान्ति !!!

 

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QUIZ QUESTIONS

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प्रश्न 1 :- स्नेह की निशानी क्या है? सम्पूर्ण स्नेही की परख क्या होती है?

 

प्रश्न 2 :- बच्चों और बाप के संस्कारों में क्या फर्क है?

 

प्रश्न 3 :- संगठन में रहने के लिये कौन सी शक्ति की अधिक आवश्यकता होती है और वह शक्ति कैसे प्राप्त होती है?

 

प्रश्न 4 :- निर्भयता के गुण प्रति बापदादा ने क्या समझानी दिया है?

 

प्रश्न 5 :- कुमारियों से बापदादा का विशेष स्नेह क्यों होता है?

 

       FILL IN THE BLANKS:-    

 

(फरमान, निर्भय, श्रीमत, विघ्न, आज्ञाओं, सहनशक्ति, रिजल्ट, निश्चय, पूर्ण रीति, माया, 50%, ट्रेनिंग क्लास, परख, टीचर,सम्पूर्ण निश्चयबुद्धि)

 

1        बाप में निश्चय तो 100% है; लेकिन बाप के _______ और _______ में निश्चयबुद्धि होकर के जो फरमान मिला और किया - ऐसे फरमान में निश्चयबुद्धि मैजारिटी ____ की रिजल्ट में हैं।

 

2        _____ में निश्चय है; लेकिन उनकी पूरी पढ़ाई जो है उसमें _______ से चलना - वह भी अपनी-अपनी परसेंटेज की ______ है।

 

3        बाप, टीचर, सतगुरु में ______ नहीं लेकिन इस निश्चय के साथ-साथ उनके फरमान, उनकी पढ़ाई और उनकी ______ पर भी _________ होकर चलना है।

 

4        कुमारियों का ________ पूरा होगा तो यह भी पूछेगें कि _______ , ______ और निश्चय की परख जो बताई - वह कहाँ तक है।

 

5        _____ किस रूप में आ रही है और क्यों मेरे सामने यह _____ आया है। यह _____ कम होने के कारण परीक्षाओ में फेल हो जाते हैं।

 

सही गलत वाक्यो को चिन्हित करे:-】【

 

1      :-  अगर निरन्तर स्नेह रहे तो उस स्नेही प्रति सहन करना कोई बड़ी बात नहीं है।

 

2      :- दो मास के अंदर इस निर्भयता के गुण को अपने में पूरा भरने की कोशिश करनी है।

 

3      :-  जितना फरिश्ता रूप में होंगे उतना निर्भय होंगे। भय तो शरीर के भान में आने से होता है।

 

4      :-  परखने की जितनी शक्ति होगी उतना ही परीक्षाओं में पास होंगे।

 

5   :-  फाइनल पेपर जो विनाश का है - उसमे पास होने के लिये भी सहन शक्ति चाहिये।

 

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QUIZ ANSWERS

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प्रश्न 1 :- स्नेह की निशानी क्या है? सम्पूर्ण स्नेही की परख क्या होती है?

 

उत्तर 1 :- स्नेह की निशानी है... बाप समान दरियादिल, स्नेह, प्यार का सागर...

सम्पूर्ण स्नेही की परख है कि -

          ..❶ जिसके साथ स्नेह होता है उसकी सूरत में उसी स्नेही की सूरत देखने में आती है।

          ..❷ उसके नयनों से वही नूर देखने में आता है।

          ..❸ उसके मुख से भी स्नेह के बोल निकलते।

          ..❹ उसकी हर चलन से स्नेही का चित्र देखने में आयेगा।

          ..❺ उसके नयनों में वही देखने में आयेगा, उसमे वही स्नेही समाया हुआ होगा।

 

प्रश्न 2 :- बच्चों और बाप के संस्कारों में क्या फर्क है?

 

उत्तर 2 :- बच्चों और बाप के संस्कारों में बहुत फर्क है। अभी बच्चे बाप जैसे स्नेही स्वरूप नहीं बने हैं... और दूसरा अभी बच्चों में सहनशक्ति की कमी है... जब बाप समान स्नेही और सहनशील बन जायेगे तब बच्चों और बाप के संस्कार समान हो जायेगे।

 

प्रश्न 3 :- सगंठन में रहने के लिये कौन सी शक्ति की अधिक आवश्यकता होती है और वह शक्ति कैसे प्राप्त होती है?

 

उत्तर 3 :- सगंठन में रहने के लिये सहनशक्ति की बहुत आवश्यकता होती है। जब हममें सहन करने की आदत होगी तभी हम सगंठन में रह पायेगे। फाइनल पेपर जो विनाश का है - उसमें भी पास होने के लिये सहनशक्ति चाहिये। जितनी सहनशक्ति होगी उतनी सेवा में सफलता होगी।

  जितना-जितना स्नेही बनेगें... सहनशक्ति भरती जायेगी। जितना जिसके प्रति स्नेह होता है, तो उस स्नेह में शक्ति आ जाती है। जैसे बच्चे पर कोई मुसीबत आती है, माँ का स्नेह है तो माँ के स्नेह के कारण उसमे सहनशक्ति आ जाती है। बच्चे के लिये सबकुछ सहन करने के लिये तैयार हो जाती है।

 

प्रश्न 4 :- निर्भयता के गुण प्रति बापदादा ने क्या समझानी दिया है?

 

उत्तर 4 :- निर्भयता के गुण प्रति बापदादा ने समझानी दिया है कि -

          ..❶ निर्भयता का गुण मुख्य है और इसी गुण की बहुत कमी है। इस गुण को अपने में भरने के लिये निराकारी बनने का बहुत पुरुषार्थ करना है।

          ..❷ शरीर के भान में रहने से भय लगा रहता है इसलिये जितना अधिक निराकारी अवस्था में रहने का पुरुषार्थ करेगें... उतना निर्भय होंगे।

 

प्रश्न 5 :- कुमारियों से बापदादा का विशेष स्नेह क्यों होता है?

 

उत्तर 5 :- कुमारियों से बापदादा का विशेष स्नेह इसलिये होता है क्योंकि

          ..❶ बापदादा समझते हैं - अगर इन्हों को ईश्वरीय स्नेह नहीं मिलेगा तो ये कुमारियाँ और किसी के स्नेह में लटक जायेंगी।

         ..❷ बाप रहमदिल है ना... तो रहम के कारण स्नेह है, भविष्य बचाव के कारण विशेष स्नेह रहता है। 

 

       FILL IN THE BLANKS:-    

 

(फरमान, निर्भय, श्रीमत, विघ्न, आज्ञाओं, सहनशक्ति, रिजल्ट, निश्चय, पूर्ण रीति, माया, 50%, ट्रेनिंग क्लास, परख, टीचर, सम्पूर्ण निश्चयबुद्धि)

 

1   बाप में निश्चय तो 100% है; लेकिन बाप के ______ और ______ में निश्चयबुद्धि होकर के जो फरमान मिला और किया - ऐसे फरमान में निश्चयबुद्धि मैजोरिटी _____ की रिजल्ट में हैं।

    फरमान / आज्ञाओं / 50%

 

2  _____ में निश्चय है; लेकिन उनकी पूरी पढ़ाई जो है उसमें _______ से चलना - वह भी अपनी-अपनी परसेंटेज की _______ है।

   टीचर / पूर्ण रीति / रिजल्ट

 

बाप, टीचर, सतगुरु में ______ नहीं लेकिन इस निश्चय के साथ-साथ उनके फरमान, उनकी पढ़ाई और उनकी ______ पर भी ______ ______ होकर चलना है।

   निश्चय / श्रीमत / सम्पूर्ण/ निश्चयबुद्धि

 

कुमारियों का _______ पूरा होगा तो यह भी पूछेगें कि ______ , _______ और निश्चय की परख जो बताईं - वह कहाँ तक है।

   ट्रेनिंग क्लास / सहन शक्ति / निर्भय

 

5  ______ किस रूप में आ रही है और क्यों मेरे सामने यह _____ आया है।यह _____ कम होने के कारण परीक्षाओं में फेल हो जाते हैं।

    माया / विघ्न / परख

 

सही गलत वाक्यो को चिन्हित करे:-】【

 

1  :-  अगर निरन्तर स्नेह रहे तो उस स्नेही प्रति सहन करना कोई बड़ी बात नहीं है।【✔】

 

2  :-  दो मास के अंदर इस निर्भयता के गुण को अपने में पूरा भरने की कोशिश करनी है।【✖】

  एक मास के अंदर निर्भयता के गुण को अपने में पूरा भरने की कोशिश करनी है।

 

3  :- जितना फरिश्ता रूप में होंगे उतना निर्भय होंगे। भी तो शरीर के भान में आने से होता है।【✖】

  जितना निराकारी अवस्था में होंगे उतना निर्भय होंगे। भी तो शरीर के भान में आने से होता है।

 

4  :-  परखने की जितनी शक्ति होगी उतना ही परीक्षाओ में पास होंगे।【✔】

 

5   :- फाइनल पेपर जो विनाश का है - उसमें पास होने के लिये भी सहन शक्ति चाहिये।【✔】