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AVYAKT MURLI

29 / 10 / 70

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29-10-70 ओम शान्ति अव्यक्त बापदादा मधुबन

 

           "दीपमाला का सच्चा रहस्य

 

आज बापदादा दीपमाला देख रहे हैं। यह दीपों की माला है ना। लोग दीपमाला मनाते हैं, बापदादा दीपमाला देख रहे हैं। दीपक कौन से अच्छे लगते हैं? जो दीप अखण्ड और अटल होता है, जिसका घृत कभी खुटता नहीं, वही अखण्ड जलता है। अपने को ऐसा दीपक समझते हो? ऐसे दीपकों की यादगार माला है। अपने को माला के बीच चमकता हुआ दीपक समझते हो? ऐसे समझते हो कि हमारा यादगार आज मना रहे हैं। दीपमाला के दिन दो बातें विशेष ध्यान पर रखनी होती है। दीपमाला पर किन बातों का ध्यान रखते हैं? (सफाई रखते हैं, नया चोपड़ा बनाते हैं) परन्तु लक्ष्य क्या रखते हैं? कमाई का। उस लक्ष्य को लेकर सफाई भी करते हैं। तो सफाई भी सभी प्रकार से करना है और कमाई का लक्ष्य भी बुद्धि में रखना है। यह सफाई और कमाई का दोनों कार्य आप सभी ने किया है? अपने आप से संतुष्ट हो? जब कमाई है तो सफाई तो ज़रूर होगी ना। इन दोनों बातों में संतुष्टता होना आवश्यक है। लेकिन यह संतुष्टता आएगी उनको जो सदैव दिव्यगुणों का आह्वान करते रहेंगे। जितना जो आह्वान करेंगे उतना इन दोनों में सदा सन्तुष्ट रहेंगे। जितना-जितना दिव्यगुणों का आह्वान करते जायेंगे उतना अवगुण आहुति रूप में ख़त्म होते जायेंगे। फिर क्या होगा? नए संस्कारों के नए वस्त्र धारण करेंगे। अभी आत्मा ने नए संस्कारों रूपी नए वस्त्र धारण किये हैं कि कभी-कभी पुराने वस्त्रों से प्रीत होने के कारण वह भी धारण करते हैं। जब मरजीवा बने, नया जन्म, नए संस्कारों को भी धारण किया फिर पुराने संस्कार रूपी वस्त्रों को कभी क्यों धारण कर लेते? क्या पुराने वस्त्र अति प्रिय लगते हैं? जो चीज़ बाप को प्रिय नहीं वह बच्चों को प्रिय क्यों? आज तक जो कमज़ोरी, कमियाँ, निर्बलता, कोमलता रही हुई है वह सभी पुराने खाते आज से समाप्त करना, यही दीपमाला मनाना है। अल्पकाल के लिए नहीं, लेकिन सदाकाल के लिए और सर्व रूपों से समाप्त करना, यह है दीपावली मनाना। दीपावली को ताजपोशी का दिवस कहते हैं। आज आप सभी के कौन सी ताजपोशी मनाई है? ताजपोशी के दिन क्या किया जाता है? राज सिंहासन का समारोह कब देखा है? स्मृति आती है। कितनी बार देखा होगा? अनेक बार। दिन प्रतिदिन ऐसे अनुभव करेंगे जैसे इस जन्म में प्रत्यक्ष देखी हुई बातें स्पष्ट रूप में इमर्ज रहती है। वैसे भविष्य राजाई के संस्कार जो आत्मा में समाये हुए हैं वह जैसे कल की देखी बात है। अनुभव करते रहेंगे। ऐसे प्रत्यक्ष रूप में अनुभव करेंगे। इससे समझना अब हम अपने सम्पूर्ण स्थिति और अपने राज्य के समीप पहुँच गए हैं। सतयुगी संस्कार सोचने वा स्मृति में लाने से नहीं, लेकिन स्वतः ही और स्पष्ट रीति जीवन में आते रहेंगे। इस दुनिया में रहते हुए भी नयनों में सतयुगी नज़ारे दिखाई देंगे न सिर्फ इतना लेकिन अपना भविष्य स्वरुप जो धारण करना है वह भी आँखों के आगे बार-बार स्पष्ट दिखाई देगा। बस अभी अभी यह छोड़ा, वह सजा-सजाया चोला धारण करना है ऐसे अनुभव करते रहेंगे। इस संगमयुग पर ही सतयुगी स्वरुप का अनुभव करेंगे। पुरुषार्थ और प्रालब्ध दोनों रूपों से हरेक को प्रत्यक्ष देखेंगे। तो आज दीपावली के दिन दिव्यगुणों का आव्हान करना है। अभी फिर भी मुख से निकलता है कि हाँ कल्प पहले यह किया होगा। लेकिन पीछे यह शब्द बदल जायेंगे। इस कल्प की बात हो जाएगी। 5000 वर्ष की बात इतनी स्पष्ट स्मृति में आएगी जैसे कल की। जैसे साइंस के साधन से दूर की चीज़ भी समीप और स्पष्ट दिखाई पड़ती है। जिसको दूरबीन कहते हैं। तो आप का तीसरा नेत्र कल्प पहले की बातें समीप और स्पष्ट देखेगा वा अनुभव करेगा। तो पुराने संस्कारों की चौपडियों को फिर से भूल से भी नहीं देखना। पुराने संस्कारों का चोला फिर-फिर धारण नहीं करना, नवीनता को धारण करना। यही आज के दिन का मन्त्र है। रत्नजड़ित चोला छोड़ जड़जड़ीभूत चोले से प्रीत नहीं लगाना। सदैव बुद्धि में बापदादा की स्मृति व निशाना और आनेवाले राज्य के नज़ारें, नयनों में और मुख में सदैव बापदादा का नाम हो। इसको कहते हैं बापदादा के अति स्नेही और समीप रत्न। सभी ने श्रेष्ठ और समीप रत्न बनने का दांव लगाया है या जो भी मिले वह अच्छा? अगर इस बात में संतुष्ट रहे तो सम्पूर्ण नहीं बन सकेंगे। इसलिए सदैव यह दांव लगाओ कि हम विजयी और सम्पूर्ण बनकर ही दिखायेंगे। कमज़ोरी के शब्द समाप्त। करेंगे, हो ही जायेगा, पुरुषार्थ कर रहे हैं, यह शब्द भी न निकले। करके ही दिखायेंगे, बनकर ही दिखायेंगे। यह है निश्चयबुद्धि विजयी रत्नों के बोल। और वह है कमानधारी बच्चों का बोल। बनना है स्वदर्शनचक्रधारी लेकिन बन जाते हैं कमानधारी। कई सोचते हैं कोई तो वह भी बनेंगे ना। इस बात में दयालू न बनो। कोई तो बनेंगे इसलिए हम ही बन जाएँ। ऐसे बनने वाले बहुत हैं।

अच्छा !!!

 

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QUIZ QUESTIONS

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 प्रश्न 1 :- दीपमाला के दिन कौन सी दो बातें विशेष ध्यान पर रखनी होती है?

 प्रश्न 2 :- दीपमाला कैसे मनाना है?

 प्रश्न 3 :- किस दिन को ताजपोशी का दिवस कहते हैं। ताजपोशी के दिन क्या किया जाता है?

 प्रश्न 4 :- बाबा ने आज के दिन का क्या मन्त्र दिया है?

 प्रश्न 5 :- बापदादा के अति स्नेही और समीप रत्न किन्ही को कहा जाता है?

 

      FILL IN THE BLANKS:-    

( घृत, अनुभव, अखण्ड, अटल, स्पष्ट, दांव, विजयी, समाप्त, दयालु , बहुत दूरबीन, तीसरा, प्रत्यक्ष, इमर्ज )

 

 1   दीप _______ और _______ होता है, जिसका _____ कभी खुटता नहीं, वही अखण्ड जलता है।

 2  दिन प्रतिदिन ऐसे _________ करेंगे जैसे इस जन्म में ________ देखी हुई बातें स्पष्ट रूप में ______ रहती है।

 3  जैसे साइंस के साधन से दूर की चीज़ भी समीप और ________ दिखाई पड़ती है। जिसको ________ कहते हैं। तो आप का ________ नेत्र कल्प पहले की बातें समीप और स्पष्ट देखेगा वा अनुभव करेगा।

 4  सदैव यह _____ लगाओ कि हम _________ और सम्पूर्ण बनकर ही दिखायेंगे। कमज़ोरी के शब्द _________

 5  इस बात में ________ न बनो। कोई तो बनेंगे इसलिए हम ही बन जाएँ। ऐसे बनने वाले ________ हैं।

 

सही गलत वाक्यो को चिन्हित करे:-

 

 1  :- बनना है स्वदर्शनचक्रधारी लेकिन बन जाते हैं कमानधारी।

 2  :- जितना-जितना सच्चाई का आह्वान करते जायेंगे उतना अवगुण आहुति रूप में ख़त्म होते जायेंगे।

 3  :- अभी आत्मा ने नए संस्कारों रूपी नए वस्त्र धारण किये हैं कि कभी-कभी पुराने वस्त्रों से प्रीत होने के कारण वह भी धारण करते हैं।

 4  :- करके ही दिखायेंगे, बनकर ही दिखायेंगे। यह है पुरूषार्थी विजयी रत्नों के बोल।

 5   :- बनना है स्वदर्शनचक्रधारी लेकिन बन जाते हैं कमानधारी।

 

 

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QUIZ ANSWERS

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 प्रश्न 1 :- दीपमाला के दिन कौन सी दो बातें विशेष ध्यान पर रखनी होती है?

उत्तर 1 :- दीपमाला के दिन दो बातें विशेष ध्यान पर रखनी होती है।

          ..❶ दीपमाला पर दो बातों का ध्यान रखते हैं सफाई रखते हैं, नया चोपड़ा बनाते हैं    

         ..❷ परन्तु लक्ष्य क्या रखते हैं? कमाई का। उस लक्ष्य को लेकर सफाई भी करते हैं। तो सफाई भी सभी प्रकार से करना है और कमाई का लक्ष्य भी बुद्धि में रखना है।

          ..❸ यह सफाई और कमाई का दोनों कार्य आप सभी ने किया है

          ..❹ अपने आप से संतुष्ट हो जब कमाई है तो सफाई तो ज़रूर होगी ना। इन दोनों बातों में संतुष्टता होना आवश्यक है।

 

प्रश्न 2 :- दीपमाला  कैसे मनाना है?

   उत्तर 2 :-  आज तक जो कमज़ोरी, कमियाँ, निर्बलता, कोमलता रही हुई है वह सभी पुराने खाते आज से समाप्त करना, यही दीपमाला मनाना है।

 

 प्रश्न 3 :- किस दिन को ताजपोशी का दिवस कहते हैं। ताजपोशी के दिन क्या किया जाता है?   

 उत्तर 3 :- दीपावली को ताजपोशी का दिवस कहते हैं। ताजपोशी के दिन :-

          ..❶ सतयुगी संस्कार सोचने वा स्मृति में लाने से नहीं, लेकिन स्वतः ही और स्पष्ट रीति जीवन में आते रहेंगे।

         ..❷ इस दुनिया में रहते हुए भी नयनों में सतयुगी नज़ारे दिखाई देंगे न सिर्फ इतना लेकिन अपना भविष्य स्वरुप जो धारण करना है वह भी आँखों के आगे बार-बार स्पष्ट दिखाई देगा

         ..❸ बस अभीअभी यह छोड़ा, वह सजा-सजाया चोला धारण करना है ऐसे अनुभव करते रहेंगे।

         ..❹ इस संगमयुग पर ही सतयुगी स्वरुप का अनुभव करेंगे। पुरुषार्थ और प्रालब्ध दोनों रूपों से हरेक को प्रत्यक्ष देखेंगे।

 

 प्रश्न 4 :- बाबा ने आज के दिन का क्या मन्त्र दिया है?

 उत्तर 4 :- पुराने संस्कारों की चौपडियों को फिर से भूल से भी नहीं देखना। पुराने संस्कारों का चोला फिर-फिर धारण नहीं करना, नवीनता को धारण करना। यही आज के दिन का मन्त्र है। रत्नजड़ित चोला छोड़ जड़जड़ीभूत चोले से प्रीत नहीं लगाना।

 

 प्रश्न 5 :- बापदादा के अति स्नेही और समीप रत्न किन्ही को कहा जाता है?  

 उत्तर 5 :- सदैव बुद्धि में बापदादा की स्मृति व निशाना और आनेवाले राज्य के नज़ारें, नयनों में और मुख में सदैव बापदादा का नाम हो। इसको कहते हैं बापदादा के अति स्नेही और समीप रत्न। सभी ने श्रेष्ठ और समीप रत्न बनने का दांव लगाया है

 

       FILL IN THE BLANKS:-    

( घृत, अनुभव, अखण्ड, अटल, स्पष्ट, दांव, विजयी, समाप्त, दयालु , बहुत, दूरबीन, तीसरा, प्रत्यक्ष, इमर्ज )

 

1   दीप _______ और _______ होता है, जिसका _____ कभी खुटता नहीं, वही अखण्ड जलता है।

..  अखण्ड /  अटल  / घृत

 

दिन प्रतिदिन ऐसे _________ करेंगे जैसे इस जन्म में ________ देखी हुई बातें स्पष्ट रूप में ______ रहती है।

  ..  अनुभव /  प्रत्यक्ष /  इमर्ज

 

 3   जैसे साइंस के साधन से दूर की चीज़ भी समीप और ________ दिखाई पड़ती है। जिसको ________ कहते हैं। तो आप का ________ नेत्र कल्प पहले की बातें समीप और स्पष्ट देखेगा वा अनुभव करेगा।

  ..  स्पष्ट /  दूरबीन /  तीसरा

 

  सदैव यह _____ लगाओ कि हम _________ और सम्पूर्ण बनकर ही दिखायेंगे। कमज़ोरी के शब्द _________

  ..  दांव /  विजयी /  समाप्त

 

  इस बात में ________ न बनो। कोई तो बनेंगे इसलिए हम ही बन जाएँ। ऐसे बनने वाले ________ हैं।

  ..  दयालु /  बहुत

 

सही गलत वाक्यो को चिन्हित करे:- 】【

 

 1  :- भविष्य राजाई के संस्कार जो आत्मा में समाये हुए हैं वह जैसे कल की देखी बात है। ऐसा अनुभव करते रहेंगे।

 

 2  :- जितना-जितना सच्चाई का आह्वान करते जायेंगे उतना अवगुण आहुति रूप में ख़त्म होते जायेंगे।

 ..  जितना-जितना दिव्यगुणों का आह्वान करते जायेंगे उतना अवगुण आहुति रूप में ख़त्म होते जायेंगे।

 

3  :- अभी आत्मा ने नए संस्कारों रूपी नए वस्त्र धारण किये हैं कि कभी-कभी पुराने वस्त्रों से प्रीत होने के कारण वह भी धारण करते हैं।

 

 4  :- करके ही दिखायेंगे, बनकर ही दिखायेंगे। यह है पुरूषार्थी विजयी रत्नों के बोल।

 ..  करके ही दिखायेंगे, बनकर ही दिखायेंगे। यह है निश्चयबुद्धि विजयी रत्नों के बोल।

 

5   :- बनना है स्वदर्शनचक्रधारी लेकिन बन जाते हैं कमानधारी।