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AVYAKT MURLI
18 / 06 / 71
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18-06-71 ओम शान्ति अव्यक्त बापदादा मधुबन
बुद्धि की अलौकिक ड्रिल
आवाज़ से परे रहना अच्छा लगता है वा आवाज़ में रहना अच्छा लगता है? असली देश वा असली स्वरूप में आवाज़ है? जब अपनी असली स्थिति में स्थित हो जाते हो तो आवाज़ से परे स्थिति अच्छी लगती है ना। ऐसी प्रैक्टिस हरेक कर रहे हो? जब चाहें, जैसे चाहें वैसे ही स्वरूप में स्थित हो जायें। जैसे योद्धे जो युद्ध के मैदान में रहते हैं उन्हों को जब भी और जैसा आर्डर मिलता है, वैसे करते ही जाते हैं। ऐसे ही रूहानी वारियर्स को भी जब और जैसा डायरेक्शन मिले वैसे ही अपनी स्थिति को स्थित कर सकते हैं। क्योंकि मास्टर नॉलेजफुल भी हो और मास्टर सर्वशक्तिमान भी हो। तो दोनों ही होने कारण एक सेकेण्ड से भी कम समय में जैसी स्थिति में स्थित होना चाहें उस स्थिति में टिक जायें, ऐसे रूहानी वारियर्स हो? अभी-अभी कहा जाये परधाम निवासी बन जाओ, तो ऐसी प्रैक्टिस है जो कहते ही इस देह और देह के देश को भूल अशरीरी परमधाम निवासी बन जाओ? अभी- अभी परमधाम निवासी से अव्यक्त स्थिति में स्थित हो जाओ, अभी-अभी सेवा के प्रति आवाज़ में आये, सेवा करते हुए भी अपने स्वरूप की स्मृति रहे - ऐसे अभ्यासी बने हो? ऐसा अभ्यास हुआ है? वा जब परमधाम निवासी बनने चाहें तो परमधाम निवासी के बजाय बार-बार आवाज़ में आ जायें - ऐसा अभ्यास तो नहीं करते हो? अपनी बुद्धि को जहाँ चाहो वहाँ एक सेकेण्ड से भी कम समय में लगा सकते हो? ऐसा अभ्यास हुआ है? मास्टर आलमाइटी अथॉरिटी अपने को समझते हो? जब आलमाइटी अथॉरिटी भी हो, तो क्या अपनी बुद्धि की लगन को अथॉरिटी से जहाँ चाहे वहाँ नहीं लगा सकते? अथॉरिटी के आगे यह अभ्यास मुश्किल है वा सहज है? जैसे स्थूल कर्मेन्द्रियों को जब चाहो, जहाँ चाहो वहाँ लगा सकते हो ना। अभी हाथ को ऊपर वा नीचे करना चाहो तो कर सकते हो ना। तो जैसे स्थूल कर्मेन्द्रियों का मालिक बन जब चाहो कार्य में लगा सकते हो, वैसे ही संकल्प को वा बुद्धि को जहाँ लगाने चाहो वहाँ लगा सकते हो इसको ही ईश्वरीय अथॉरिटी कहा जाता है, जो बुद्धि की लगन भी ऐसे ही सहज जहाँ चाहो वहाँ लगा सकते हो। जैसे स्थूल हाथ-पांव को बिल्कुल सहज रीति जहाँ चाहो वहाँ चलाते हैं वा कर्म में लगाते हैं। ऐसे अभ्यासी को ही मास्टर सर्वशक्तिमान वा मास्टर नॉलेजफुल कहा जाता है। अगर यह अभ्यासी नहीं हैं तो मास्टर सर्वशक्तिमान वा नॉलेजफुल नहीं कह सकते। नॉलेजफुल का अर्थ ही है - जिसको फुल नॉलेज हो कि इस समय क्या करना है, क्या नहीं करना है, इससे क्या लाभ है और न करने से क्या हानि है। यह नॉलेज रखने वाले ही नॉलेजफुल हैं और साथ-साथ मास्टर सर्वशक्तिमान होने कारण सर्व शक्तियों के आधार से यह अभ्यास सहज और निरन्तर बन ही जाता है। लास्ट पढ़ाई का कौनसा पाठ है और फर्स्ट पाठ कौनसा है? फर्स्ट पाठ और लास्ट पाठ यही अभ्यास है। जैसे बच्चे का लौकिक जन्म होता है तो पहले-पहले उनको एक शब्द याद दिलाया जाता है वा सिखलाया जाता है ना। यहाँ भी अलौकिक जन्म लेते पहला शब्द क्या सीखा? बाप को याद करो। तो जन्म का पहला शब्द लौकिक का भी, अलौकिक का भी वही याद रखना है। यह मुश्किल हो सकता है क्या? अपने आपको ड्रिल करने का अभ्यास नहीं डालते हो। यह है बुद्धि की ड्रिल। ड्रिल के अभ्यासी जो होते हैं तो पहले-पहले दर्द भी बहुत महसूस होता है और मुश्किल लगता है लेकिन जो अभ्यासी बन जाते हैं वह फिर ड्रिल करने के सिवाय रह नहीं सकते। तो यह भी बुद्धि की ड्रिल कराने का अभ्यास कम होने के कारण पहले मुश्किल लगता है। फिर माथा भारी रहने का वा कोई न कोई विघ्न सामने बन आने का अनुभव होता रहता है। तो ऐसे अभ्यासी बनना ही है। इसके सिवाय राज्य-भाग्य की प्राप्ति होना मुश्किल है। जिन्हों को यह अभ्यास मुश्किल लगता है, तो प्राप्ति भी मुश्किल है। इसलिए इस मुख्य अभ्यास को सहज और निरन्तर बनाओ। ऐसे अभ्यासी अनेक आत्माओं को साक्षात्कार कराने वाले साक्षात् बापदादा दिखाई दे। जैसे वाणी में आना कितना सहज है। वैसे यह वाणी से परे जाना भी इतना सहज होना है। अच्छा।
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QUIZ QUESTIONS
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प्रश्न 1 :- रूहानी वारियर्स के संबन्ध में आज बाबा के महावाक्य क्या हैं?
प्रश्न 2 :- किसको ईश्वरीय अथॉरिटी कहा जाता है?
प्रश्न 3 :- मास्टर सर्वशक्तिमान वा मास्टर नॉलेजफुल किसको कहा जाता है?
प्रश्न 4 :- जन्म का पहला शब्द लौकिक का भी, अलौकिक का भी क्या याद रखना है?
प्रश्न 5 :- ड्रिल करने के संबन्ध आज बाबा ने क्या समझानी दी?
FILL IN THE BLANKS:-
( समय, असली, सेकेण्ड, आवाज़, परमधाम, बुद्धि, अथॉरिटी, अच्छी, आलमाइटी, निवासी, लगन, अभ्यास )
1 जब अपनी _____ स्थिति में स्थित हो जाते हो तो _____ से परे स्थिति _____ लगती है ना।
2 अपनी _____ को जहाँ चाहो वहाँ एक _____ से भी कम _____ में लगा सकते हो?
3 जब _____ _____ बनने चाहें तो परमधाम निवासी के बजाय बार-बार आवाज़ में आ जायें - ऐसा _____ तो नहीं करते हो?
4 जब _____ _____ भी हो, तो क्या अपनी बुद्धि की _____ को अथॉरिटी से जहाँ चाहे वहाँ नहीं लगा सकते?
सही गलत वाक्यो को चिन्हित करे:-
1 :- नॉलेजफुल का अर्थ ही है - जिसको फुल नॉलेज हो कि इस समय क्या करना है, क्या नहीं करना है, इससे क्या लाभ है और न करने से क्या हानि है।
2 :- ड्रिल के अभ्यासी जो होते हैं तो पहले-पहले दर्द भी बहुत महसूस होता है और मुश्किल लगता है लेकिन जो अभ्यासी बन जाते हैं वह फिर ड्रिल करने के सिवाय रह नहीं सकते।
3 :- जैसे वाणी में आना कितना सहज है। वैसे यह वाणी से परे जाना भी इतना सहज नहीं है।
4 :- जैसे योद्धे जो युद्ध के मैदान में रहते हैं उन्हों को जब भी और जैसा आर्डर मिलता है, वैसे करते ही नहीं हैं।
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QUIZ ANSWERS
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प्रश्न 1 :- रूहानी वारियर्स के संबन्ध में आज बाबा के महावाक्य क्या हैं?
उत्तर 1 :- रूहानी वारियर्स के संबन्ध में आज बाबा के महावाक्य निम्न हैं -
..❶ रूहानी वारियर्स को जब और जैसा डायरेक्शन मिले वैसे ही अपनी स्थिति को स्थित कर सकते हैं। क्योंकि मास्टर नॉलेजफुल भी हो और मास्टर सर्वशक्तिमान भी हो।
..❷ तो दोनों ही होने कारण एक सेकेण्ड से भी कम समय में जैसी स्थिति में स्थित होना चाहें उस स्थिति में टिक जायें, ऐसे रूहानी वारियर्स हो?
..❸ अभी-अभी कहा जाये परधाम निवासी बन जाओ, तो ऐसी प्रैक्टिस है जो कहते ही इस देह और देह के देश को भूल अशरीरी परमधाम निवासी बन जाओ?
..❹ अभी- अभी परमधाम निवासी से अव्यक्त स्थिति में स्थित हो जाओ, अभी-अभी सेवा के प्रति आवाज़ में आये, सेवा करते हुए भी अपने स्वरूप की स्मृति रहे - ऐसे अभ्यासी बने हो?
प्रश्न 2 :- किसको ईश्वरीय अथॉरिटी कहा जाता है?
उत्तर 2 :- बाबा कहते है जैसे स्थूल कर्मेन्द्रियों को जब चाहो, जहाँ चाहो वहाँ लगा सकते हो ना। अभी हाथ को ऊपर वा नीचे करना चाहो तो कर सकते हो ना। तो जैसे स्थूल कर्मेन्द्रियों का मालिक बन जब चाहो कार्य में लगा सकते हो, वैसे ही संकल्प को वा बुद्धि को जहाँ लगाने चाहो वहाँ लगा सकते हो इसको ही ईश्वरीय अथॉरिटी कहा जाता है, जो बुद्धि की लगन भी ऐसे ही सहज जहाँ चाहो वहाँ लगा सकते हो।
प्रश्न 3 :- मास्टर सर्वशक्तिमान वा मास्टर नॉलेजफुल किसको कहा जाता है?
उत्तर 3 :- बाबा कहते है कि जैसे स्थूल हाथ-पांव को बिल्कुल सहज रीति जहाँ चाहो वहाँ चलाते हैं वा कर्म में लगाते हैं। ऐसे अभ्यासी को ही मास्टर सर्वशक्तिमान वा मास्टर नॉलेजफुल कहा जाता है। अगर यह अभ्यासी नहीं हैं तो मास्टर सर्वशक्तिमान वा नॉलेजफुल नहीं कह सकते।
प्रश्न 4 :- जन्म का पहला शब्द लौकिक का भी, अलौकिक का भी क्या याद रखना है?
उत्तर 4 :- जैसे बच्चे का लौकिक जन्म होता है तो पहले-पहले उनको एक शब्द याद दिलाया जाता है वा सिखलाया जाता है ना। यहाँ भी अलौकिक जन्म लेते पहला शब्द क्या सीखा? बाप को याद करो। तो जन्म का पहला शब्द लौकिक का भी, अलौकिक का भी वही याद रखना है।
प्रश्न 5 :- ड्रिल करने के संबन्ध आज बाबा ने क्या समझानी दी?
उत्तर 5 :- ड्रिल करने के संबन्ध आज बाबा ने ऐसा समझानी दी कि:-
..❶ अपने आपको ड्रिल करने का अभ्यास नहीं डालते हो। यह है बुद्धि की ड्रिल।
..❷ तो यह भी बुद्धि की ड्रिल कराने का अभ्यास कम होने के कारण पहले मुश्किल लगता है। फिर माथा भारी रहने का वा कोई न कोई विघ्न सामने बन आने का अनुभव होता रहता है। तो ऐसे अभ्यासी बनना ही है।
..❸ इसके सिवाय राज्य-भाग्य की प्राप्ति होना मुश्किल है। जिन्हों को यह अभ्यास मुश्किल लगता है, तो प्राप्ति भी मुश्किल है। इसलिए इस मुख्य अभ्यास को सहज और निरन्तर बनाओ।
..❹ ऐसे अभ्यासी अनेक आत्माओं को साक्षात्कार कराने वाले साक्षात् बापदादा दिखाई दे।
FILL IN THE BLANKS:-
( समय, असली, सेकेण्ड, आवाज़, परमधाम, बुद्धि, अथॉरिटी, अच्छी, आलमाइटी, निवासी, लगन, अभ्यास )
1 जब अपनी _____ स्थिति में स्थित हो जाते हो तो _____ से परे स्थिति _____ लगती है ना।
.. असली / आवाज़ / अच्छी
2 अपनी _____ को जहाँ चाहो वहाँ एक _____ से भी कम _____ में लगा सकते हो?
.. बुद्धि / सेकेण्ड / समय
3 जब _____ _____ बनने चाहें तो परमधाम निवासी के बजाय बार-बार आवाज़ में आ जायें - ऐसा _____ तो नहीं करते हो?
.. परमधाम / निवासी / अभ्यास
4 जब _____ _____ भी हो, तो क्या अपनी बुद्धि की _____ को अथॉरिटी से जहाँ चाहे वहाँ नहीं लगा सकते?
.. आलमाइटी / अथॉरिटी / लगन
सही गलत वाक्यो को चिन्हित करे:- 【✖】 【✔】
1 :- नॉलेजफुल का अर्थ ही है - जिसको फुल नॉलेज हो कि इस समय क्या करना है, क्या नहीं करना है, इससे क्या लाभ है और न करने से क्या हानि है।【✔】
2 :- ड्रिल के अभ्यासी जो होते हैं तो पहले-पहले दर्द भी बहुत महसूस होता है और मुश्किल लगता है लेकिन जो अभ्यासी बन जाते हैं वह फिर ड्रिल करने के सिवाय रह नहीं सकते।【✔】
3 :- जैसे वाणी में आना कितना सहज है। वैसे यह वाणी से परे जाना भी इतना सहज नहीं है। 【✖】
.. जैसे वाणी में आना कितना सहज है। वैसे यह वाणी से परे जाना भी इतना सहज होना है।
4 :- जैसे योद्धे जो युद्ध के मैदान में रहते हैं उन्हों को जब भी और जैसा आर्डर मिलता है, वैसे करते ही नहीं हैं।【✖】
.. जैसे योद्धे जो युद्ध के मैदान में रहते हैं उन्हों को जब भी और जैसा आर्डर मिलता है, वैसे करते ही जाते हैं।