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AVYAKT MURLI

03 / 10 / 71

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03-10-71  ओम शान्ति  अव्यक्त बापदादा  मधुबन

 

निर्माणता के गुण से विश्व-निर्माता

 

आज बापदादा किन्हों को देख रहे हैं? आप कौन हो? आज बापदादा आप को किस रूप में देख रहे हैं, यह जानते हो? मास्टर नॉलेजफुल नहीं हो? जब मास्टर नॉलेजफुल हो, तो यह नहीं जान सकते हो कि बाप किस रूप में देख रहे हैं? बच्चे तो हैं ही, लेकिन किस रूप में देख रहे हैं? बापदादा देख रहे हैं कि इतने सभी विश्व-निर्माता हैं। विश्व के निर्माता हो? बाप के साथ-साथ बाप के कर्त्तव्य में मददगार हो? नई विश्व का निर्माण करना - यही कर्त्तव्य है ना। उसी कर्त्तव्य में लगे हुए हो वा अभी लगना है? तो विश्व- निर्माता नहीं हुए?सदैव यह स्मृति में रहे कि हम सभी मास्टर विश्व-निर्माता हैं। यही स्मृति सदैव रहने से कौनसा विशेष गुण आटोमेटिकली जायेगा? निर्माणता का। समझा? और जहॉं निर्माणता अर्थात् सरलता नेचरल रूप में रहेगी वहाँ अन्य गुण भी आटोमेटिकली ही जाते हैं। तो सदैव इस स्मृति- स्वरूप में स्थित रह कर फिर हर संकल्प वा कर्म करो। फिर यह जो भी छोटी- छोटी बातें सामना करने के लिए आती हैं, यह बातें ऐसे ही अनुभव होंगी जैसे कोई बुजुर्ग के आगे छोटे-छोटे बच्चे अपने बचपन के अलबेलेपन के कारण कुछ भी बोल देवें वा कुछ भी ऐसा कर्त्तव्य भी करें तो बुजुर्ग लोग समझते हैं कि यह निर्दोष, अनजान छोटे बच्चे हैं। कोई असर नहीं होता है। ऐसे ही जब मास्टर विश्व-निर्माता अपने को समझेंगे तो यह माया के छोटे-छोटे विघ्न बच्चों के खेल समान लगेंगे। जैसे छोटा बच्चा अगर बचपन के अनजानपन में नाक-कान भी पकड़ ले तो जोश आयेगा? क्योंकि समझते हैं - बच्चे निर्दोष, अनजान हैं। उनका कोई दोष दिखाई नहीं पड़ता। ऐसे ही माया भी अगर किसी आत्मा द्वारा समस्या वा विघ्न वा परीक्षा-पेपर बनकर आती है, तो उन आत्माओं को निर्दोष समझना चाहिए। माया ही आत्मा द्वारा अपना खेल दिखा रही है। तो निर्दोष के ऊपर क्या होता है? तरस, रहम आता है ना। इस रीति से कोई भी आत्मा निमित्त बन जाती है, लेकिन है निर्दोष आत्मा। अगर उस दृष्टि से हर आत्मा को देखो तो फिर पुरूषार्थ की स्पीड कब ढीली हो सकती है? हर सेकेण्ड में चढ़ती कला का अनुभव करेंगे। सिर्फ चढ़ती कला में जाने के लिए यह समझने की कला आनी चाहिए।

16 कला सम्पूर्ण बनना है ना। तो यह भी कला है। अगर इस कला को जान जाते हैं तो चढ़ती कला ही है। वह कब रूकेगा नहीं। उसकी स्पीड कब ढीली नहीं हो सकती। हर सेकेण्ड में तीव्रता होगी। और अभी रूकने का समय भी क्या है? रूक कर उन आत्माओं के कारण और निवारण को हल करने का अभी समय है? अभी तो बड़े बुजुर्ग हो गये हो। अभी तो वानप्रस्थ अवस्था में जाने का समय समीप रहा है। अपना घर सामने दिखाई नहीं देता है? आखरीन यात्रा समाप्त कर घर जाना है। कोई भी बात भिन्न-भिन्न रूपों, भिन्न- भिन्न बातों से सामने जब आती है, तो पहले यह समझना चाहिए कि इन समस्याओं वा भिन्न-भिन्न रूपों की बातों को कितना बार हल किया है और करते-करते अनुभवी बने हुए हो। कितने बार के अनुभवी हो, याद है? अनेक बार किया है - यह याद आता है? कल्प पहले पास किया है। क्रास किया होगा। क्रास किया था वा किया होगा? यह नहीं समझते कि अगर अनेक बार यह अनुभव नहीं किया होता तो आज इतने समीप कैसे आते यह हिसाब लगाना नहीं आता? पांडव तो हिसाब में होशियार होने चाहिए। लेकिन शक्तियां नम्बरवन हो गई यह स्मृति स्पष्ट और सरल रूप में रहे। खैंचना पड़े। अगर कल्प पहले की बात अभी तक बुद्धि में खैंचकर लाते रहते हो तो क्या कहेंगे? ज़रूर कोई माया की खिंचावट अभी है, इसलिए बुद्धि में कल्प पहले वाली स्मृति स्पष्ट और सरल रूप में नहीं आती है और इसलिए ही विघ्नों को पार करने में मुश्किल अनुभव होता है। मुश्किल है नहीं।

       जितना पुरूषार्थ का समय चला है, जितना नॉलेज की लाइट और माइट मिली है उस प्रमाण वर्तमान समय सरल और स्पष्ट होना चाहिए। इतना स्पष्ट हो जैसे एक मिनिट पहले अगर कोई कार्य किया तो वह याद रहता कि वह भी भूल जाता है? तो ऐसे ही 5000 वर्ष के बाद ऐसे स्पष्ट अनुभव हो जैसे एक मिनिट पहले किया हुआ कार्य है। जैसे पावरफुल कैमरा होती है तो एक सेकेण्ड में कितना स्पष्ट चित्र खैंच लेती है। कितना भी दूर का दृश्य हो, वह भी स्पष्ट सम्मुख आता जाता है। तो क्या पावरफुल कैमरामैन नहीं बने हो? कैमरा है कि दूसरे का लोन पर लेकर यूज़ करते हो? पावरफुल है? कल्प पहले के चित्र उसमें स्पष्ट जाते हैं?

यह जो मन है यह एक बड़ी कैमरा है। हर सेकेण्ड का चित्र इसमें खैंचा नहीं जाता? कैमरा तो सभी के पास है लेकिन कोई कैमरा नज़दीक के चित्र को खींच सकती है और कोई कैमरा चन्द्रमा तक भी फोटो खैंच लेती है। है तो वह भी कैमरा, वह भी कैमरा। और यहाँ की छोटी- मोटी भी कैमरा तो है ना। तो हरेक के पास कितना पावरफुल कैमरा है? जब वह लोग चन्द्रमा से यहाँ, यहाँ से वहाँ का खैंच सकते हैं; तो आप साकार लोक में रहते निराकारी दुनिया का, आकारी दुनिया का वा इस सारी सृष्टि के पास्ट वा भविष्य का चित्र नहीं खैंच सकते हो? कैमरा को पावरफुल बनाओ जो उसमें जो बात, जो दृश्य जैसा है वैसा दिखाई दे, भिन्न-भिन्न रूप में दिखाई नहीं दे। जो है जैसा है, वैसे स्पष्ट दिखाई दे। इसको कहते हैं पावरफुल। फिर बताओ कोई भी समस्या, समस्या का रूप होगा या खेल अनुभव होगा? तो अब की स्टेज के अनुसार ऐसी स्टेज बनाओ, तब कहेंगे तीव्र पुरुषार्थी। अगर ऐसे कैमरा द्वारा चित्र पहले खींचते जाते हैं, उसके बाद साफ कराने के बाद मालूम पड़ता है कि कैसे खींचे हैं। इसी रीति से सारे दिन में जो अपने-अपने आटोमेटिक कैमरा द्वारा अनेकानेक चित्र खैंचते रहते हो, रात को फिर बैठ कर क्लीयर देखना चाहिए कि किस प्रकार के चित्र आज इस कैमरे द्वारा खींचे? और जो जैसे हैं वैसे ही चित्र खींचे वा कुछ नीचे-ऊपर भी हो गया कभी-कभी कैमरा ठीक होने के कारण सफेद चीज भी काली हो जाती है, रूप बदल जाता है, फीचर्स भी कब बदल जाते हैं। तो यहाँ भी कभी-कभी कैमरा ठीक क्लीयर होने के कारण बात समस्या बन जाती है। उनकी रूपरेखा बदल जाती है, उनका रंग-रूप भी बदल जाता है। यथार्थ का अयथार्थ रूप भी कब खैंचा जाता है। इसलिए सदैव अपने कैमरा को क्लीयर और पावरफुल बनाओ। अपने को सेवाधारी समझने  से त्याग, तपस्या सभी जाता है। सेवाधारी हूँ और सेवा के लिए ही यह जीवन है, यह समझने से सेकेण्ड भी सेवा बिगर नहीं जायेगा। तो सदा अपने को सेवाधारी समझते चलो।  और अपने को बुजुर्ग समझना चाहिए, तो फिर छोटी-छोटी बातें खिलौने दिखाई देंगी, रहमदिल बन जायेंगे। तिरस्कार के बदले तरस आयेगा। अच्छा।

 

 

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QUIZ QUESTIONS

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 प्रश्न 1 :- मास्टर विश्व-निर्माता की स्मृति के क्या लाभ है ?

 प्रश्न 2 :- बापदादा ने भिन्न-भिन्न रूपों मे आने वाली बातो को हल करने प्रति क्या समझानी दी है ?

 प्रश्न 3 :- बाबा ने पावरफुल कैमरा किसे कहा  है और उसकी क्या  विशेषता बतायी है ?

 प्रश्न 4 :- मन रूपी कैमरा ठीक होने से क्या होता है?

 प्रश्न 5 :- अपने को सेवाधारी समझने के क्या लाभ है ?

 

       FILL IN THE BLANKS:-    

( कर्त्तव्य, माया, जोश, बुद्धि, स्मृति, सम्पूर्ण, चढ़ती कला, वानप्रस्थ, समीप, अनजानपन, निर्दोष, मददगार )

 

 1    बाप के साथ-साथ बाप के ________ में _________ हो?

 2  जैसे छोटा बच्चा अगर बचपन के __________ में नाक-कान भी पकड़ ले तो _______ आयेगा? क्योंकि समझते हैं - बच्चे ________, अनजान हैं।

 3  16कला ______ बनना है ना। तो यह भी कला है। अगर इस कला को जान जाते हैं तो _________ही है।

 4  अभी तो बड़े बुजुर्ग हो गये हो। अभी तो __________ अवस्था में जाने का समय _______ रहा है।

  5  ज़रूर कोई ________ की खिंचावट अभी है, इसलिए ______ में कल्प पहले वाली _______ स्पष्ट और सरल रूप में नहीं आती है

 

सही गलत वाक्यो को चिन्हित करे:-

 

 1  :- जितना पुरूषार्थ का समय चला है, जितना नॉलेज की लाइट और माइट मिली है उस प्रमाण वर्तमान समय सरल और स्पष्ट होना चाहिए।

 2  :- बापदादा देख रहे हैं कि इतने सभी तीव्र पुरुषार्थी  हैं।

 3  :-  पांडव तो हिसाब में होशियार होने चाहिए। लेकिन शक्तियां नम्बरवन हो गई 

 4  :- इसी रीति से सारे दिन में जो अपने-अपने आटोमेटिक कैमरा द्वारा अनेकानेक चित्र खैंचते रहते हो, रात को फिर बैठ कर क्लीयर देखना चाहिए कि किस प्रकार के चित्र आज इस कैमरे द्वारा खींचे?

 5   :- और अपने को सेवाधारी  समझना चाहिए, तो फिर छोटी-छोटी बातें खिलौने दिखाई देंगी, रहमदिल बन जायेंगे।

 

 

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QUIZ ANSWERS

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 प्रश्न 1 :- मास्टर विश्व-निर्माता की स्मृति के क्या लाभ है ?

 उत्तर 1 :- सदैव यह स्मृति में रहे कि हम सभी मास्टर विश्व-निर्माता हैं तो

          यही स्मृति सदैव रहने से कौन सा विशेष गुण आटोमेटिकली जायेगा? निर्माणता का। समझा?

          और जहां निर्माणता अर्थात् सरलता नेचरल रूप में रहेगी वहाँ अन्य गुण भी आटोमेटिकली ही जाते हैं।

           ऐसे ही जब मास्टर विश्व-निर्माता अपने को समझेंगे तो यह माया के छोटे-छोटे विघ्न बच्चों के खेल समान लगेंगे।

 

प्रश्न 2 :- बापदादा ने भिन्न-भिन्न रूपों मे आने वाली बातों को हल करने प्रति क्या समझानी दी है ?

उत्तर 2 :- कोई भी बात भिन्न-भिन्न रूपों, भिन्न- भिन्न बातों से सामने जब आती है, तो पहले यह समझना चाहिए कि :

          इन समस्याओं वा भिन्न-भिन्न रूपों की बातों को कितना बार हल किया है और करते-करते अनुभवी बने हुए हो।

          कितने बार के अनुभवी हो, याद है? अनेक बार किया है - यह याद आता है? कल्प पहले पास किया है। क्रास किया होगा। क्रास किया था वा किया होगा?

          यह नहीं समझते कि अगर अनेक बार यह अनुभव नहीं किया होता तो आज इतने समीप कैसे आते?

 

 प्रश्न 3 :- बाबा ने पावरफुल कैमरा किसे कहा है और उसकी क्या विशेषता बतायी है ?

 उत्तर 3 :-  बाबा ने कहा यह जो मन है यह एक बड़ी कैमरा है।

            हर सेकेण्ड का चित्र इसमें खैंचा नहीं जाता? कैमरा तो सभी के पास है लेकिन कोई कैमरा नज़दीक के चित्र को खींच सकती है और कोई कैमरा चन्द्रमा तक भी फोटो खैंच लेती है।

           जब वह लोग चन्द्रमा से यहाँ, यहाँ से वहाँ का खैंच सकते हैं; तो आप साकार लोक में रहते निराकारी दुनिया का, आकारी दुनिया का वा इस सारी सृष्टि के पास्ट वा भविष्य का चित्र नहीं खैंच सकते हो?

           कैमरा को पावरफुल बनाओ जो उसमें जो बात, जो दृश्य जैसा है वैसा दिखाई दे, भिन्न-भिन्न रूप में दिखाई नहीं दे। जो है जैसा है, वैसे स्पष्ट दिखाई दे। इसको कहते हैं पावरफुल।

 

प्रश्न 4 :- मन रूपी कैमरा ठीक न होने से क्या होता है?

उत्तर 4 :-कभी-कभी कैमरा ठीक होने के कारण :-

           सफेद चीज भी काली हो जाती है, रूप बदल जाता है, फीचर्स भी कब बदल जाते हैं।

          कभी-कभी कैमरा ठीक क्लीयर होने के कारण बात समस्या बन जाती है। उनकी रूपरेखा बदल जाती है, उनका रंग-रूप भी बदल जाता है।

           यथार्थ का अयथार्थ रूप भी कब खैंचा जाता है। इसलिए सदैव अपने कैमरा को क्लीयर और पावरफुल बनाओ

 

 प्रश्न 5 :- अपने को सेवाधारी समझने के क्या लाभ है ?

उत्तर 5 :-अपने को सेवाधारी समझने  से त्याग, तपस्या सभी जाता है। सेवाधारी हूँ और सेवा के लिए ही यह जीवन है, यह समझने से सेकेण्ड भी सेवा बिगर नहीं जायेगा। तो सदा अपने को सेवाधारी समझते चलो।

 

       FILL IN THE BLANKS:-    

( कर्त्तव्य, माया, जोश, बुद्धि, स्मृति, सम्पूर्ण, चढ़ती कला, वानप्रस्थ, समीप, अनजानपन, निर्दोष, मददगार )

 

 1    बाप के साथ-साथ बाप के ________ में _________ हो?

  कर्त्तव्य   मददगार

  

  जैसे छोटा बच्चा अगर बचपन के _______ में नाक-कान भी पकड़ ले तो _______ आयेगा? क्योंकि समझते हैं - बच्चे ________, अनजान हैं।

 अनजानपन  /  जोश  /  निर्दोष

 

 3  16कला ______ बनना है ना। तो यह भी कला है। अगर इस कला को जान जाते हैं तो ______ ही है।

  सम्पूर्ण   चढ़ती कला

 

 4  अभी तो बड़े बुजुर्ग हो गये हो। अभी तो ________ अवस्था में जाने का समय _______ आ रहा है।

  वानप्रस्थ   समीप

 

  ज़रूर कोई ______ की खिंचावट अभी है, इसलिए ______ में कल्प पहले वाली _______ स्पष्ट और सरल रूप में नहीं आती है ।

माया   बुद्धि   स्मृति

 

सही गलत वाक्यो को चिन्हित करे:-

 

 1  :-  जितना पुरूषार्थ का समय चला है, जितना नॉलेज की लाइट और माइट मिली है उस प्रमाण भविष्य सरल और स्पष्ट होना चाहिए।

जितना पुरूषार्थ का समय चला है, जितना नॉलेज की लाइट और माइट मिली है उस प्रमाण वर्तमान सरल और स्पष्ट होना चाहिए।

 

 2  :- बापदादा देख रहे हैं कि इतने सभी तीव्र पुरुषार्थी  हैं।

बापदादा देख रहे हैं कि इतने सभी  विश्व-निर्माता हैं।

 

 3  :- पांडव तो हिसाब में होशियार होने चाहिए। लेकिन शक्तियां नम्बरवन हो गई 

 

 4  :- इसी रीति से सारे दिन में जो अपने-अपने आटोमेटिक कैमरा द्वारा अनेकानेक चित्र खैंचते रहते हो, रात को फिर बैठ कर क्लीयर देखना चाहिए कि किस प्रकार के चित्र आज इस कैमरे द्वारा खींचे?

 

 5   :-  और अपने को सेवाधारी  समझना चाहिए, तो फिर छोटी-छोटी बातें खिलौने दिखाई देंगी, रहमदिल बन जायेंगे।

 और अपने को बुजुर्ग समझना चाहिए, तो फिर छोटी-छोटी बातें खिलौने दिखाई देंगी, रहमदिल बन जायेंगे।