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AVYAKT MURLI
25 / 12 / 85
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25-12-85 ओम शान्ति अव्यक्त बापदादा मधुबन
बड़े दिन पर अव्यक्त बापदादा के महावाक्य
सदा ज्ञान रत्नों से बुद्धी रूपी झोली भरने वाले रत्नागर शिव बाप बोले
आज बड़े ते बड़े बाप, ग्रैन्ड फादर अपने ग्रैन्ड चिल्ड्रेन लवली बच्चों से मिलने आये हैं। ग्रेट-ग्रेट ग्रैन्ड फादर ब्रह्मा गाया हुआ है। निराकार बाप ने साकार सृष्टि की रचना के निमित्त ब्रह्मा को बनाया। मनुष्य सृष्टि का रचयिता होने के कारण, मनुष्य सृष्टि का यादगार वृक्ष के रूप में दिखाया है। बीज गुप्त होता है, पहले दो पत्ते, जिससे तना निकलता है - वो ही वृक्ष के आदि देव आदि देवी माता पिता के स्वरूप में वृक्ष का फाउण्डेशन ब्रह्मा निमित्त बनता है। उस द्वारा ब्राह्मण तना प्रकट होता है। और ब्राह्मण तना से अनेक शाखायें उत्पन्न होती हैं। इसलिए ग्रेट-ग्रेट ग्रैन्ड फादर ब्रह्मा गाया हुआ है। ब्रह्मा का अवतरण होना अर्थात् बुरे दिन खत्म हो बड़े दिन शुरू होना। रात खत्म हो ब्रह्मा मुहूर्त शुरू हो जाता वास्तव में है ब्रह्मा मुहूर्त, कहने में ब्रह्म मुहूर्त आता है। इसलिए ब्रह्मा का बुजुर्ग रूप दिखाया है। ग्रैन्ड फादर निराकारी बाप ग्रैन्ड चिल्ड्रेन को इतनी सौगात देते जो 21 जन्म लिए खाते रहते। दाता भी है तो विधाता भी है। ज्ञान रत्नों की थालियाँ भर भरकर दे देते हैं। शक्तियों की गोल्डन गिफ्ट अनगिनत स्वरूप में दे देते हैं। गुणों के गहने बाक्स भर-भर कर देते हैं। कितने शृंगार बाक्स हैं आपके पास! रोज नया शृंगार करो तो भी अनगिनत हैं। यह गिफ्ट सदा साथ चलने वाली है। वह स्थूल गिफ्ट तो यहाँ ही रह जाती। लेकिन यह साथ चलेगी। इतना गॉडली गिफ्ट से सम्पन्न हो जाते हो जो कमाने की दरकार ही नहीं पड़ेगी। गिफ्ट से ही खाते रहेंगे। मेहनत से छूट जायेंगे।
सभी विशेष क्रिसमस डे मनाने आये हैं ना। बापदादा ‘किसमिस डे’ कहते हैं। किसमिस डे अर्थात् मधुरता का दिन। सदा मीठा बनने का दिन। मीठा ही ज्यादा खाते और खिलाते हैं ना। मुख मीठा तो थोड़े समय के लिए होता है लेकिन स्वयं ही मीठा बन जाए तो सदा ही मुख में मधुर बोल रहें। जैसे मीठा खाने और खिलाने से खुश होते हो ना ऐसे मधुर बोल स्वयं को भी खुश करता दूसरे को भी खुश करता। तो इससे सदा सर्व का मुख मीठा करते रहो, सदा मीठी दृष्टि, मीठा बोल, मीठे कर्म। यही किसमिस डे मनाना हुआ। मनाना अर्थात् बनाना। किसी को भी दो घड़ी मीठी दृष्टि दे दो। मीठे बोल बोल लो तो उस आत्मा को सदा के लिए भरपूर कर देंगे। इन दो घड़ी की मधुर दृष्टि, बोल उस आत्मा की सृष्टि बदल लेंगे। यह दो मधुर बोल सदा के लिए बदलने के निमित्त बन जायेंगे। मधुरता ऐसी विशेष धारणा है जो कड़वी धरनी को भी मधुर बना देती है। आप सभी को बदलने का आधार बाप के दो मधुर बोल थे ना! मीठे बच्चे, तुम मीठी शुद्ध आत्मा हो। इन दो मधुर बोल ने बदल लिया ना। मीठी दृष्टि ने बदल लिया। ऐसे ही मधुरता द्वारा ओरों को भी मधुर बनाआ। यह मुख मीठा करो। समझा - क्रिसमस डे मनाया ना। सदा इन सौगातों से अपनी झोली भरपूर कर ली? सदा मधुरता की सौगात को साथ रखना। इसी से सदा मीठा रहना और मीठा बनाना। अच्छा-
सदा ज्ञान रत्नों से बुद्धि रूपी झोली भरने वाले, सदा सर्व शक्तियों से शक्तिशाली आत्मा बन शक्तियों से सदा सम्पन्न बनने वाले, सर्व गुणों के गहनों से सदा शृंगार हुए, श्रेष्ठ आत्माओं को, सदा मधुरता से मुख मीठा करने वाले मीठे बच्चों को बापदादा का यादप्यार और नमस्ते।
विदाई के समय यादप्यार - सभी देश-विदेश दोनों तरफ के बच्चों के इस विशेष दिन के प्रति कार्ड भी पाये, पत्र भी पाये और याद भी पाई। बापदादा सभी मीठे ते मीठे बच्चों को इस बड़े दिन पर सदा मधुरता से श्रेष्ठ बनो और श्रेष्ठ बनाओ, इसी वरदान के साथ स्वयं भी वृद्धि को प्राप्त होते रहो और सेवा को भी वृद्धि में लाते रहो। सभी बच्चों को बड़े-बड़े बाप की बड़ी-बड़ी यादप्यार और साथ-साथ स्नेह भरी मुबारक हो। गुडमोर्निंग हो। सदा मीठे बनने की बधाई हो।
पार्टियों से बापदादा की मुलाकात - कुमारों से - कुमार अर्थात् तीव्रगति से आगे बढ़ने वाले। रूकना-चलना, रूकना-चलना ऐसे नहीं। कैसी भी परिस्थितियाँ हों लेकिन स्वयं सदा शक्तिशाली आत्मा समझ आगे बढ़ते चलो। परिस्थिति वा वायुमण्डल के प्रभाव में आने वाले नहीं, लेकिन अपना श्रेष्ठ प्रभाव दूसरों पर डालने वाले। श्रेष्ठ प्रभाव अर्थात् रूहानी प्रभाव। दूसरा नहीं। ऐसे कुमार हो? पेपर आवे तो हिलने वाले तो नहीं! पेपर में पास होने वाले हो ना! सदा हिम्मतवान हो ना! जहाँ हिम्मत है वहाँ बाप की मदद है ही। हिम्मते बच्चे मददे बाप। हर कार्य में स्वयं को आगे रख औरों को भी शक्तिशाली बनाते चलो।
2. कुमार हैं ही उड़ती कला वाले। जो सदा निर्बन्धन हैं वही उड़ती कला वाले हैं। तो निर्बन्धन कुमार हो। मन का भी बन्धन नहीं। तो सदा बन्धनों को समाप्त कर निर्बन्धन बन उड़ती कला वाले कुमार हो? कुमार अपनी शरीर की शक्ति और बुद्धि की शक्ति दोनों को सफल कर रहे हो? लौकिक जीवन में अपने शरीर की शक्ति को और बुद्धि की शक्ति विनाशकारी कार्यों में लगाते रहे। और अब श्रेष्ठ कार्य में लगाने वाले। हलचल मचाने वाले नहीं। लेकिन शान्ति स्थापन करने वाले। ऐसे श्रेष्ठ कुमार हो? कभी लौकिक जीवन के संस्कार इमर्ज तो नहीं होते हैं? अलौकिक जीवन वाले, नये जन्म वाले। तो नये जन्म में पुरानी बातें नहीं रहतीं। आप सभी नये जन्म वाली श्रेष्ठ आत्मायें हो। कभी भी अपने को साधारण न समझ शक्तिशाली समझो। संकल्प में भी हलचल में न आना। ऐसे तो क्वेश्चन नहीं करते हो कि व्यर्थ संकल्प आते हैं क्या करें? भाग्यवान कुमार हो। 21 जन्म भाग्य का खाते रहेंगे। स्थूल-सूक्ष्म दोनों कमाई से छूट जायेंगे।
3. कुमार अर्थात् कमज़ोरी को सदा के लिए तलाक देने वाले। आधाकल्प के लिए कमज़ोरी को तलाक दे दिया ना। या अभी नहीं दिया है? जो सदा समर्थ आत्मायें हैं उनके आगे कमज़ोरी आ नहीं सकती। सदा समर्थ रहना अर्थात् कमज़ोरी को समाप्त करना। ऐसी समर्थ आत्मायें बाप को भी प्रिय हैं। परिवार को भी प्रिय हैं। कुमार अर्थात् अपने हर कर्म द्वारा अनेकों की श्रेष्ठ कर्मों की रेखा खींचने वाले। स्वयं के कर्म औरों के कर्म की रेखा बनाने के निमित्त बन जायें। ऐसे सेवाधारी हो। तो हर कर्म में यह चैक करो कि हर कर्म ऐसा स्पष्ट है जो औरों को भी कर्म की रेखा स्पष्ट दिखाई दे। ऐसे श्रेष्ठ कर्मों के श्रेष्ठ खाते को सदा जमा करने वाली विशेष आत्मायें - इसको कहा जाता है - सच्चे सेवाधारी। याद और सेवा यही सदा आगे बढ़ाने का साधन है। याद शक्तिशाली बनाती है और सेवा खजानों से सम्पन्न बनाती है। याद और सेवा से आगे बढ़ते रहो और बढ़ाते चलो।
टीचर्स बहिनों से - टीचर्स सदा स्वस्थिति से स्वयं भी आगे बढ़ने वाली और दूसरों को भी आगे बढ़ाने वाली, बढ़ना है और बढ़ाना है - यही टीचर्स का विशेष लक्ष्य है। और लक्षण भी हैं। सदा बाप समान मास्टर सर्वशक्तिवान आत्मा बन आगे बढ़ते और बढ़ाते चलो। त्याग से भाग्य प्राप्त करने वाली श्रेष्ठ आत्मा हो सदा त्याग ही भाग्य है। श्रेष्ठ भाग्य, श्रेष्ठ कर्म और श्रेष्ठ फल.. सदा इस प्रत्यक्ष फल से स्वयं और दूसरों को उड़ाते चलो। अपने को हर कर्म में निमित्त समझना यही श्रेष्ठ बनने का सहज साधन है। सेवाधारी बनना यह भी संगमयुग पर विशेष भाग्य की निशानी है। सेवा करना अर्थात् जन्म-जन्म के लिए सम्पन्न बनना। क्योंकि सेवा से जमा होता है और जमा हुआ अनेक जन्म खाते रहेंगे। अगर सेवा में जमा हो रहा है, यह स्मृति रहे तो सदा खुशी में रहेंगे। और खुशी के कारण कभी थकेंगे नहीं। सेवा अथक बनाने वाली है। खुशी का अनुभव कराने वाली है।
सेवाधारी अर्थात् बाप समान। तो समानता को चेक करते बाप समान बन औरों को भी बाप समान बनाते चलो। सेन्टर के वायुमण्डल को शक्तिशाली बनाने के लिए एक दो चक्र लगाते हुए शक्तिशाली याद की अनुभूतियों का प्रोग्राम बनाओ। शक्तिशाली वातावरण कई बातों से स्वत: दूर कर देता है। अभी स्वयं क्वालिटी वाले बन, क्वालिटी वाले बनाते चलो। अच्छा।
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QUIZ QUESTIONS
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प्रश्न 1 :- मनुष्य सृष्टि का रचयिता और मनुष्य सृष्टि का यादगार वृक्ष के विषय में बाबा ने क्या बताया है?
प्रश्न 2 :- ग्रैन्ड फादर निराकारी बाप बच्चों को कौन सी गिफ्ट देते हैं?
श्न 3 :- आज बाबा ने क्रिसमस डे प्रति बच्चों को क्या बताया और क्या समझाया है?
प्रश्न 4 :- बाबा ने टीचर्स के विशेष लक्ष्य और लक्षण क्या बताए हैं?
प्रश्न 5 :- आज बाबा ने कुमारों से कौन कौन से प्रश्न पूछे हैं?
FILL IN THE BLANKS:-
( विनाशकारी, कर्म, अलौकिक, सेवा, सेवाधारी, पुरानी, भाग्य, श्रेष्ठ, स्पष्ट, सच्चे, संगमयुग, जन्म, बुद्धि, अनेक)
1 _______ बनना यह भी _______ पर विशेष _______ की निशानी है।
2 _______ जीवन वाले, नये जन्म वाले। तो नये _______ में बातें _______ नहीं रहतीं।
3 लौकिक जीवन में अपने शरीर की शक्ति को और _______ की शक्ति _______ कार्यों में लगाते रहे। और अब _______ कार्य में लगाने वाले।
4 _______ से जमा होता है और जमा हुआ _______ जन्म खाते रहेंगे।
5 हर कर्म ऐसा _______ है जो औरों को भी _______ की रेखा स्पष्ट दिखाई दे। ऐसे श्रेष्ठ कर्मों के श्रेष्ठ खाते को सदा जमा करने वाली विशेष आत्मायें - इसको कहा जाता है - _______ सेवाधारी।
सही-गलत वाक्यों को चिह्नित करें:-【✔】【✖】
1 :- आप सभी पुराने जन्म वाली पुरानी आत्मायें हो। कभी भी अपने को साधारण न समझ शक्तिशाली समझो।
2 :- सेवा करना अर्थात् कुछ एक जन्म के लिए सम्पन्न बनना।
3 :- इस बड़े दिन पर सदा मधुरता से श्रेष्ठ बनो और श्रेष्ठ बनाओ, इसी वरदान के साथ स्वयं भी वृद्धि को प्राप्त होते रहो और सेवा को भी वृद्धि में लाते रहो।
4 :- भाग्यवान कुमार हो। 63 जन्म भाग्य का खाते रहेंगे। स्थूल-सूक्ष्म दोनों कमाई से छूट जायेंगे।
5 :- समानता को चेक करते बाप समान बन औरों को भी बाप समान बनाते चलो।
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QUIZ ANSWERS
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प्रश्न 1 :- मनुष्य सृष्टि का रचयिता और मनुष्य सृष्टि का यादगार वृक्ष के विषय में बाबा ने क्या बताया है?
उत्तर 1 :- ..बाबा बताते हैं कि:-
..❶ ग्रेट-ग्रेट ग्रैन्ड फादर ब्रह्मा गाया हुआ है। निराकार बाप ने साकार सृष्टि की रचना के निमित्त ब्रह्मा को बनाया।
..❷ मनुष्य सृष्टि का रचयिता होने के कारण, मनुष्य सृष्टि का यादगार वृक्ष के रूप में दिखाया है।
..❸ बीज गुप्त होता है, पहले दो पत्ते, जिससे तना निकलता है - वो ही वृक्ष के आदि देव आदि देवी माता पिता के स्वरूप में वृक्ष का फाउण्डेशन ब्रह्मा निमित्त बनता है।
..❹ उस द्वारा ब्राह्मण तना प्रकट होता है। और ब्राह्मण तना से अनेक शाखायें उत्पन्न होती हैं। इसलिए ग्रेट-ग्रेट ग्रैन्ड फादर ब्रह्मा गाया हुआ है।
..❺ ब्रह्मा का अवतरण होना अर्थात् बुरे दिन खत्म हो बड़े दिन शुरू होना। रात खत्म हो ब्रह्मा मुहूर्त शुरू हो जाता।
..❻ वास्तव में है ब्रह्मा मुहूर्त, कहने में ब्रह्म मुहूर्त आता है। इसलिए ब्रह्मा का बुजुर्ग रूप दिखाया है।
प्रश्न 2 :- ग्रैन्ड फादर निराकारी बाप बच्चों को कौन सी गिफ्ट देते हैं?
उत्तर 2 :- .. बाबा बताते है कि :-
..❶ ग्रैन्ड फादर निराकारी बाप ग्रैन्ड चिल्ड्रेन को इतनी सौगात देते जो 21 जन्म लिए खाते रहते।
..❷ दाता भी है तो विधाता भी है। ज्ञान रत्नों की थालियाँ भर भरकर दे देते हैं।शक्तियों की गोल्डन गिफ्ट अनगिनत स्वरूप में दे देते हैं।
..❸ गुणों के गहने बाक्स भर-भर कर देते हैं। कितने शृंगार बाक्स हैं आपके पास! रोज नया शृंगार करो तो भी अनगिनत हैं।
..❹ यह गिफ्ट सदा साथ चलने वाली है। वह स्थूल गिफ्ट तो यहाँ ही रह जाती। लेकिन यह साथ चलेगी।
..❺ इतना गॉडली गिफ्ट से सम्पन्न हो जाते हो जो कमाने की दरकार ही नहीं पड़ेगी। गिफ्ट से ही खाते रहेंगे। मेहनत से छूट जायेंगे।
प्रश्न 3 :- आज बाबा ने क्रिसमस डे प्रति बच्चों को क्या बताया और क्या समझाया है?
उत्तर 3 :- .. बाबा पूछते हैं कि:-
..❶ सभी विशेष क्रिसमस डे मनाने आये हैं ना। बापदादा ‘किसमिस डे’ कहते हैं। किसमिस डे अर्थात् मधुरता का दिन। सदा मीठा बनने का दिन।
..❷ मीठा ही ज्यादा खाते और खिलाते हैं ना। मुख मीठा तो थोड़े समय के लिए होता है लेकिन स्वयं ही मीठा बन जाए तो सदा ही मुख में मधुर बोल रहें।
..❸ जैसे मीठा खाने और खिलाने से खुश होते हो ना ऐसे मधुर बोल स्वयं को भी खुश करता दूसरे को भी खुश करता।
..❹ तो इससे सदा सर्व का मुख मीठा करते रहो, सदा मीठी दृष्टि, मीठा बोल, मीठे कर्म। यही किसमिस डे मनाना हुआ। मनाना अर्थात् बनाना।
..❺ किसी को भी दो घड़ी मीठी दृष्टि दे दो। मीठे बोल बोल लो तो उस आत्मा को सदा के लिए भरपूर कर देंगे।
..❻ इन दो घड़ी की मधुर दृष्टि, बोल उस आत्मा की सृष्टि बदल लेंगे। यह दो मधुर बोल सदा के लिए बदलने के निमित्त बन जायेंगे।
..❼ मधुरता ऐसी विशेष धारणा है जो कड़वी धरनी को भी मधुर बना देती है। आप सभी को बदलने का आधार बाप के दो मधुर बोल थे ना! मीठे बच्चे, तुम मीठी शुद्ध आत्मा हो। इन दो मधुर बोल ने बदल लिया ना।
..❽ मीठी दृष्टि ने बदल लिया। ऐसे ही मधुरता द्वारा ओरों को भी मधुर बनाआ। यह मुख मीठा करो।
..❾ समझा - क्रिसमस डे मनाया ना। सदा इन सौगातों से अपनी झोली भरपूर कर ली?
..❿ सदा मधुरता की सौगात को साथ रखना। इसी से सदा मीठा रहना और मीठा बनाना।
प्रश्न 4 :- बाबा ने टीचर्स के विशेष लक्ष्य और लक्षण क्या बताए हैं?
उत्तर 4 :- .. बाबा कहते टीचर्स सदा स्वस्थिति से स्वयं भी आगे बढ़ने वाली और दूसरों को भी आगे बढ़ाने वाली, बढ़ना है और बढ़ाना है - यही टीचर्स का विशेष लक्ष्य है। और लक्षण भी हैं।
सदा बाप समान मास्टर सर्वशक्तिवान आत्मा बन आगे बढ़ते और बढ़ाते चलो। त्याग से भाग्य प्राप्त करने वाली श्रेष्ठ आत्मा हो सदा त्याग ही भाग्य है।
प्रश्न 5 :- आज बाबा ने कुमारों से कौन कौन से प्रश्न पूछे हैं?
उत्तर 5 :- ..बाबा कुमारों से पूछते हैं कि :-
..❶ परिस्थिति वा वायुमण्डल के प्रभाव में आने वाले नहीं, लेकिन अपना श्रेष्ठ प्रभाव दूसरों पर डालने वाले। श्रेष्ठ प्रभाव अर्थात् रूहानी प्रभाव। दूसरा नहीं। ऐसे कुमार हो?
..❷ सदा बन्धनों को समाप्त कर निर्बन्धन बन उड़ती कला वाले कुमार हो?
..❸ कुमार अपनी शरीर की शक्ति और बुद्धि की शक्ति दोनों को सफल कर रहे हो?
..❹ हलचल मचाने वाले नहीं। लेकिन शान्ति स्थापन करने वाले। ऐसे श्रेष्ठ कुमार हो?
..❺ कभी लौकिक जीवन के संस्कार इमर्ज तो नहीं होते हैं?
..❻ संकल्प में भी हलचल में न आना। ऐसे तो क्वेश्चन नहीं करते हो कि व्यर्थ संकल्प आते हैं क्या करें?
..❼ कुमार अर्थात् कमज़ोरी को सदा के लिए तलाक देने वाले। आधाकल्प के लिए कमज़ोरी को तलाक दे दिया ना। या अभी नहीं दिया है?
FILL IN THE BLANKS:-
( विनाशकारी, कर्म, अलौकिक, सेवा, सेवाधारी, पुरानी, भाग्य, श्रेष्ठ, स्पष्ट, सच्चे, संगमयुग, जन्म, बुद्धि, अनेक)
1 _______ बनना यह भी _______ पर विशेष _______ की निशानी है।
सेवाधारी / संगमयुग / भाग्य
2 _______ जीवन वाले, नये जन्म वाले। तो नये _______ में बातें _______ नहीं रहतीं।
अलौकिक / जन्म / पुरानी
3 लौकिक जीवन में अपने शरीर की शक्ति को और _______ की शक्ति _______ कार्यों में लगाते रहे। और अब _______ कार्य में लगाने वाले।
बुद्धि / विनाशकारी / श्रेष्ठ
4 _______ से जमा होता है और जमा हुआ _______ जन्म खाते रहेंगे।
सेवा / अनेक
5 हर कर्म ऐसा _______ है जो औरों को भी _______ की रेखा स्पष्ट दिखाई दे। ऐसे श्रेष्ठ कर्मों के श्रेष्ठ खाते को सदा जमा करने वाली विशेष आत्मायें - इसको कहा जाता है - _______ सेवाधारी।
स्पष्ट / कर्म / सच्चे
सही-गलत वाक्यों को चिह्नित करें:-【✔】【✖】
1 :- आप सभी पुराने जन्म वाली पुरानी आत्मायें हो। कभी भी अपने को साधारण न समझ शक्तिशाली समझो। 【✖】
आप सभी नये जन्म वाली नई आत्मायें हो। कभी भी अपने को साधारण न समझ शक्तिशाली समझो।
2 :- सेवा करना अर्थात् कुछ एक जन्म के लिए सम्पन्न बनना। 【✖】
सेवा करना अर्थात् अनेक जन्म के लिए सम्पन्न बनना।
3 :- इस बड़े दिन पर सदा मधुरता से श्रेष्ठ बनो और श्रेष्ठ बनाओ, इसी वरदान के साथ स्वयं भी वृद्धि को प्राप्त होते रहो और सेवा को भी वृद्धि में लाते रहो। 【✔】
4 :- भाग्यवान कुमार हो। 63 जन्म भाग्य का खाते रहेंगे। स्थूल-सूक्ष्म दोनों कमाई से छूट जायेंगे।【✖】
भाग्यवान कुमार हो। 21 जन्म भाग्य का खाते रहेंगे। स्थूल-सूक्ष्म दोनों कमाई से छूट जायेंगे।
5 :- समानता को चेक करते बाप समान बन औरों को भी बाप समान बनाते चलो। 【✔】