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AVYAKT MURLI
22 / 01 / 86
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22-01-86 ओम शान्ति अव्यक्त बापदादा मधुबन
बापदादा की आशा - सम्पूर्ण और सम्पन्न बनो
वरदाता, दिव्य बुद्धि दाता बापदादा बोले
आज विशेष दूरदेशवासी दूरदेश निवासी बच्चों से मिलने के लिए आये हैं। इतने दूर से किस लगन से आते हैं। बापदादा बच्चों की लगन को जानते हैं। एक तरफ दिल के मिलन की लगन है। दूसरे तरफ बाप से मिलने के लिए धैर्य भी धरा है। इसलिए धैर्य का फल विशेष रूप में देने के लिए आये हैं। विशेष मिलने के लिए आये हैं। सभी डबल विदेशी बच्चों के स्नेह के संकल्प, दिल मे मिलन के उमंग हर समय बापदादा देखते और सुनते रहते हैं। दूर बैठे भी स्नेह के कारण समीप हैं। बापदादा हर समय देखते हैं कि कैसे रात-रात जागरण कर बच्चे दृष्टि और वायब्रेशन से स्नेह और शक्ति कैच करते रहते हैं। आज विशेष मुरली चलाने नहीं आये हैं। मुरलियाँ तो बहुत सुनी - अब तो बापदादा को यह वर्ष विशेष प्रत्यक्ष स्वरूप, बापदादा के स्नेह का प्रमाण स्वरूप, सम्पूर्ण और सम्पन्न बनने के समीपता का स्वरूप, श्रेष्ठ संकल्प, श्रेष्ठ बोल, श्रेष्ठ कर्म, श्रेष्ठ सम्बन्ध और सम्पर्क ऐसा श्रेष्ठ स्वरूप देखना चाहते हैं। जो सुना, सुनना और स्वरूप बनना यह समानता देखना चाहते हैं। प्रैक्टिकल परिवर्तन का श्रेष्ठ समारोह देखने चाहते हैं। इस वर्ष में सिल्वर, गोल्डन जुबली तो मनाई और मनायेंगे लेकिन बापदादा सच्चे बेदाग, अमूल्य हीरों का हार बनाने चाहते हैं। ऐसा एक-एक हीरा अमूल्य चकमता हुआ हो जो उसके लाइट माइट की चमक हद तक नहीं लेकिन बेहद तक जाए। जब बापदादा ने बच्चों के हद के संकल्प, हद के बोल, हद की सेवायें, हद के सम्बन्ध बहुत समय देखे, लेकिन अभी बेहद का बाप है - बेहद के सेवा की आवश्यकता है। उसके आगे यह दीपकों की रोशनी क्या लगेगी। अभी लाइट हाउस माइट हाउस बनना है। बेहद के तरफ दृष्टि रखो। बेहद की दृष्टि बने तब सृष्टि परिवर्तन हो। सृष्टि परिवर्तन का इतना बड़ा कार्य थोड़े समय में सम्पन्न करना है। तो गति और विधि भी बेहद की फास्ट चाहिए।
आपकी वृत्ति से देश विदेश के वायुमण्डल में यह एक ही आवाज गूँजे कि बेहद के मालिक, विश्व के मालिक, बेहद के राज्य अधिकारी, बेहद के सच्चे सेवाधारी, हमारे देव आत्मायें आ गये। अभी यह बेहद का एक आवाज देशविदेश में गूँजे। तब सम्पूर्णता और समाप्ति समीप अनुभव होगी। समझा! अच्छा –
चारों ओर के श्रेष्ठ भावना, श्रेष्ठ कामना पूर्ण करने वाले, फरिश्ता सो देवता आत्माओं को, सदा ऊँच स्थिति में स्थित रहने वाले लाइट हाउस, माइट हाउस विशेष आत्माओं को, बापदादा के सूक्ष्म इशारों को समझने वाले विशाल बुद्धि बच्चों को बापदादा का यादप्यार और नमस्ते।’’
देश विदेश के सभी बच्चों प्रति बापदादा ने सन्देश के रूप में यादप्यार दी - चारों ओर के स्नेही सहयोगी और शक्तिशाली बच्चों के भिन्न-भिन्न लहरों के पत्र बापदादा के स्नेह के सागर में समा गये हैं। सभी की भिन्न-भिन्न लहरें अपने-अपने उमंग उत्साह के अनुसार श्रेष्ठ हैं और बापदादा उन लहरों को देख हर्षित होते हैं। उमंग भी बहुत अच्छे हैं, प्लैन भी बड़े अच्छे हैं। अभी प्रैक्टिकल की मार्क्स बापदादा से लेनी है, और भविष्य खाता जमा करना है। इस समय बापदादा प्रैक्टिकल कोर्स की मार्क्स हर बच्चे की नोट कर रहे हैं। और यह वर्ष विशेष प्रैक्टिकल कोर्स और प्रैक्टिकल फोर्स की एकस्ट्रा मार्क्स लेने का है। इसलिए जो इशारे समय प्रति समय मिले हैं उन इशारों को हर एक स्वयं प्रति समझ प्रैक्टिकल में लाये तो नम्बर वन ले सकते हैं। विदेश के वा देश के बच्चे जिन्हों को दूर बैठे भी समीप के स्नेह का सदा अनुभव होता है और सदा उमंग रहता है, कुछ करके दिखायें, यह करें- ऐसा करें... यह उमंग है तो अभी बेहद की सेवा का सबूत बन उमंग को प्रैक्टिकल में लाने का विशेष चांस हैं। इसलिए उड़ती कला की रेस करो। याद में, सेवा में, दिव्य गुण मूर्त बनने में और साथसाथ ज्ञान स्वरूप बन ज्ञान चर्चा करने में, चार ही सब्जेक्ट में उड़ती कला वी रेस में नम्बर विशेष लेने का यह वर्ष का चांस है। यह विशेष चांस ले लो। नया अनुभव कर लो। नवीनता पसन्द करते हो ना! तो यह नवीनता करके नम्बर ले सकते हो। अभी इस वर्ष में एकस्ट्रा रेस की एकस्ट्रा मार्क्स है। समय एकस्ट्रा मिला है। पुरूषार्थ अनुसार प्रालब्ध तो सदा ही है। लेकिन यह वर्ष विशेष एकस्ट्रा का है। इसलिए खूब उड़ती कला के अनुभवी बन आगे बढ़ते, औरों को भी आगे बढ़ाओ। बाप सभी बच्चों के गले में बाँहों की माला डाल देते हैं। दिल बड़ी करेंगे तो साकार में पहुँचना भी सहज हो जायेगा। जहाँ दिल है वहाँ धन आ ही जाता है। दिल धन को कहाँ न कहाँ से लाता है। इसलिए दिल है और धन नहीं है यह बापदादा नहीं मानते हैं। दिल वाले को किसी न किसी प्रकार से टचिंग होती है और पहुँच जाते हैं। मेहनत का पैसा हो, मेहनत का धन पद्मगुणा लाभ देता है। याद करते-करते कमाते हैं ना। तो याद के खाते में जमा हो जाता है। और पहुँच भी जाते हैं। अच्छा - सभी अपने-अपने नाम और विशेषता से बाँहो की माला सहित यादप्यार स्वीकार करना।
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QUIZ QUESTIONS
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प्रश्न 1 :- बापदादा दूरदेशवासी दूरदेश निवासी बच्चों से मिलने के लिए किस लगन से आते है?
प्रश्न 2 :- बापदादा हम ब्राह्मण बच्चों को कौन सा स्वरूप देखना चाहते है?
प्रश्न 3 :- बापदादा हम ब्राह्मण बच्चों को क्या बनाने चाहते है?
प्रश्न 4 :- बापदादा स्नेह के सागर में समाने वाले बच्चों के प्रति क्या कह रहे है?
प्रश्न 5 :- बापदादा दूर बैठे विदेश के बच्चों प्रति क्या कह रहे है?
FILL IN THE BLANKS:-
(वृत्ति, सम्पन्न, सम्पूर्णता, देव, गति, विधि, ऊँच कामना, विशाल बुद्धि, सहज, बाँहों, बड़ी, दिल, धन, टचिंग)
1 सृष्टि परिवर्तन का इतना बड़ा कार्य थोड़े समय में _____ करना है। तो _____ और _____ भी बेहद की फास्ट चाहिए।
2 आपकी _____ से देश विदेश के वायुमण्डल में यह एक ही आवाज गूँजे कि बेहद के मालिक, विश्व के मालिक, बेहद के राज्य अधिकारी, बेहद के सच्चे सेवाधारी, हमारे _____ आत्मायें आ गये। अभी यह बेहद का एक आवाज देशविदेश में गूँजे। तब _____ और समाप्ति समीप अनुभव होगी।
3 चारों ओर के श्रेष्ठ भावना, श्रेष्ठ _____ पूर्ण करने वाले, फरिश्ता सो देवता आत्माओं को, सदा _____ स्थिति में स्थित रहने वाले लाइट हाउस, माइट हाउस विशेष आत्माऐ, बापदादा के सूक्ष्म इशारों को समझने वाले _____ बच्चें कहलाते है।
4 बाप सभी बच्चों के गले में _____ की माला डाल देते हैं। दिल _____ करेंगे तो साकार में पहुँचना भी _____ हो जायेगा।
5 दिल _____ को कहाँ न कहाँ से लाता है। इसलिए _____ है और धन नहीं है यह बापदादा नहीं मानते हैं। दिल वाले को किसी न किसी प्रकार से _____ होती है और पहुँच जाते हैं।
सही-गलत वाक्यों को चिह्नित करें:-【✔】【✖】
1 :- बेहद की दृष्टि बने तब सृष्टि परिवर्तन हो।
2 :- एकस्ट्रा रेस की एकस्ट्रा मार्क्स है।
3 :- पुरूषार्थ अनुसार प्रालब्ध तो सदा ही है।
4 :- जहाँ दिल है वहाँ माया आ ही जाता है।
5 :- मेहनत का पैसा हो, मेहनत का धन पद्मगुणा लाभ देता है।
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QUIZ ANSWERS
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प्रश्न 1 :- बापदादा दूरदेशवासी दूरदेश निवासी बच्चों से मिलने के लिए किस लगन से आते है?
उत्तर 1 :- बापदादा दूरदेशवासी दूरदेश निवासी बच्चों से मिलने के लिए इसलिए आते है क्योंकि :-
..❶ बापदादा बच्चों की लगन को जानते हैं। एक तरफ दिल के मिलन की लगन है। दूसरे तरफ बाप से मिलने के लिए धैर्य भी धरा है।
..❷ इसलिए धैर्य का फल विशेष रूप में देने के लिए आये हैं। विशेष मिलने के लिए आये हैं। सभी डबल विदेशी बच्चों के स्नेह के संकल्प, दिल मे मिलन के उमंग हर समय बापदादा देखते और सुनते रहते हैं।
..❸ दूर बैठे भी स्नेह के कारण समीप हैं। बापदादा हर समय देखते हैं कि कैसे रात-रात जागरण कर बच्चे दृष्टि और वायब्रेशन से स्नेह और शक्ति कैच करते रहते हैं।
प्रश्न 2 :- बापदादा हम ब्राह्मण बच्चों को कौन सा स्वरूप देखना चाहते है?
उत्तर 2 :- बापदादा हम ब्राह्मण बच्चों को वो स्वरूप देखना चाहते है जिसमें :-
..❶ बापदादा विशेष प्रत्यक्ष स्वरूप, बापदादा के स्नेह का प्रमाण स्वरूप, सम्पूर्ण और सम्पन्न बनने के समीपता का स्वरूप, श्रेष्ठ संकल्प, श्रेष्ठ बोल, श्रेष्ठ कर्म, श्रेष्ठ सम्बन्ध और सम्पर्क ऐसा श्रेष्ठ स्वरूप देखना चाहते हैं।
..❷ जो सुना, सुनना और स्वरूप बनना यह समानता देखना चाहते हैं। प्रैक्टिकल परिवर्तन का श्रेष्ठ समारोह देखने चाहते हैं।
प्रश्न 3 :- बापदादा हम ब्राह्मण बच्चों को क्या बनाने चाहते है?
उत्तर 3 :- बापदादा हम ब्राह्मण बच्चों को जो बनाने चाहते है वो निम्नलिखित है :-
..❶ बापदादा सच्चे बेदाग, अमूल्य हीरों का हार बनाने चाहते हैं। ऐसा एक-एक हीरा अमूल्य चकमता हुआ हो जो उसके लाइट माइट की चमक हद तक नहीं लेकिन बेहद तक जाए।
..❷ जब बापदादा ने बच्चों के हद के संकल्प, हद के बोल, हद की सेवायें, हद के सम्बन्ध बहुत समय देखे, लेकिन अभी बेहद का बाप है - बेहद के सेवा की आवश्यकता है।
..❸ उसके आगे यह दीपकों की रोशनी क्या लगेगी। अभी लाइट हाउस माइट हाउस बनना है। बेहद के तरफ दृष्टि रखो।
प्रश्न 4 :- बापदादा स्नेह के सागर में समाने वाले बच्चों के प्रति क्या कह रहे है?
उत्तर 4 :- बापदादा कह रहे है कि :-
..❶ चारों ओर के स्नेही सहयोगी और शक्तिशाली बच्चों के भिन्न-भिन्न लहरों के पत्र बापदादा के स्नेह के सागर में समा गये हैं।
..❷ सभी की भिन्न-भिन्न लहरें अपने-अपने उमंग उत्साह के अनुसार श्रेष्ठ हैं और बापदादा उन लहरों को देख हर्षित होते हैं।
..❸ उमंग भी बहुत अच्छे हैं, प्लैन भी बड़े अच्छे हैं। अभी प्रैक्टिकल की मार्क्स बापदादा से लेनी है, और भविष्य खाता जमा करना है।
..❹ इस समय बापदादा प्रैक्टिकल कोर्स की मार्क्स हर बच्चे की नोट कर रहे हैं। और यह वर्ष विशेष प्रैक्टिकल कोर्स और प्रैक्टिकल फोर्स की एकस्ट्रा मार्क्स लेने का है।
..❺ इसलिए जो इशारे समय प्रति समय मिले हैं उन इशारों को हर एक स्वयं प्रति समझ प्रैक्टिकल में लाये तो नम्बर वन ले सकते हैं।
प्रश्न 5 :- बापदादा दूर बैठे विदेश के बच्चों प्रति क्या कह रहे है?
उत्तर 5 :- बापदादा कह रहे है कि :-
..❶ विदेश के वा देश के बच्चे जिन्हों को दूर बैठे भी समीप के स्नेह का सदा अनुभव होता है और सदा उमंग रहता है, कुछ करके दिखायें, यह करें- ऐसा करें... यह उमंग है तो अभी बेहद की सेवा का सबूत बन उमंग को प्रैक्टिकल में लाने का विशेष चांस हैं।
..❷ इसलिए उड़ती कला की रेस करो। याद में, सेवा में, दिव्य गुण मूर्त बनने में और साथसाथ ज्ञान स्वरूप बन ज्ञान चर्चा करने में, चार ही सब्जेक्ट में उड़ती कला वी रेस में नम्बर विशेष लेने का यह वर्ष का चांस है। यह विशेष चांस ले लो। नया अनुभव कर लो।
FILL IN THE BLANKS:-
(वृत्ति, सम्पन्न, सम्पूर्णता, देव, गति, विधि, ऊँच कामना, विशाल बुद्धि, सहज, बाँहों, बड़ी, दिल, धन, टचिंग)
1 सृष्टि परिवर्तन का इतना बड़ा कार्य थोड़े समय में _____ करना है। तो _____ और _____ भी बेहद की फास्ट चाहिए।
सम्पन्न / गति / विधि
2 आपकी _____ से देश विदेश के वायुमण्डल में यह एक ही आवाज गूँजे कि बेहद के मालिक, विश्व के मालिक, बेहद के राज्य अधिकारी, बेहद के सच्चे सेवाधारी, हमारे _____ आत्मायें आ गये। अभी यह बेहद का एक आवाज देशविदेश में गूँजे। तब _____ और समाप्ति समीप अनुभव होगी।
वृत्ति / देव / सम्पूर्णता
3 चारों ओर के श्रेष्ठ भावना, श्रेष्ठ _____ पूर्ण करने वाले, फरिश्ता सो देवता आत्माओं को, सदा _____ स्थिति में स्थित रहने वाले लाइट हाउस, माइट हाउस विशेष आत्माऐ, बापदादा के सूक्ष्म इशारों को समझने वाले _____ बच्चें कहलाते है।
कामना / ऊँच / विशाल बुद्धि
4 बाप सभी बच्चों के गले में _____ की माला डाल देते हैं। दिल _____ करेंगे तो साकार में पहुँचना भी _____ हो जायेगा।
बाँहों / बड़ी / सहज
5 दिल _____ को कहाँ न कहाँ से लाता है। इसलिए _____ है और धन नहीं है यह बापदादा नहीं मानते हैं। दिल वाले को किसी न किसी प्रकार से _____ होती है और पहुँच जाते हैं।
धन / दिल / टचिंग
सही-गलत वाक्यों को चिह्नित करें:-【✔】【✖】
1 :- बेहद की दृष्टि बने तब सृष्टि परिवर्तन हो।【✔】
2 :- एकस्ट्रा रेस की एकस्ट्रा मार्क्स है।【✔】
3 :- पुरूषार्थ अनुसार प्रालब्ध तो सदा ही है।【✔】
4 :- जहाँ दिल है वहाँ माया आ ही जाता है।【✖】
जहाँ दिल है वहाँ धन आ ही जाता है।
5 :- मेहनत का पैसा हो, मेहनत का धन पद्मगुणा लाभ देता है।【✔】