अपने परिवार और सम्बन्ध संपर्क वालों को सकाश दें।


ओम शांति।

आज हम जो हमारी कनेक्शन हैं, संबंध है, वह चाहे फ्रेंड सर्कल में हो या परिवार में हो, सर्व आत्माओं को हम सकाश देंगे। इनकी मनसा सेवा करेंगे। यह मेडिटेशन करने से हमारे सभी रिलेशनशिप, जो भी हमारे संबंध संपर्क में आते हैं, उनके साथ हमारे रिलेशनशिप स्वतः ही अच्छा होगा। यह सब आत्माएं हमें दिल से स्वतः ही दुआएं देंगे। इन आत्माओं के मन में हमारे प्रति शुभ भावना रहेगी। जिससे कि हमारे सर्व रिलेशनशिप स्वतः ही हेल्दी होंगे। हमारे कार्य व्यवहार निर्विघ्न रुप से स्वतः ही सफल होंगे। हमारे जो भी घर परिवार में लोग हैं, उनके साथ हमारा रिलेशनशिप बहुत अच्छा होगा। और परिवार में स्वतः ही सुख शांति बनी रहेगी। तो चले स्टार्ट करते हैं..

मैं आत्मा.. एक ज्योति स्वरूप.. एक चमकता सितारा.. मैं संपूर्ण शांत हूं.. मुझ आत्मा का स्वभाव शांत है.. अनुभव करेंगे मेरा संपूर्ण शरीर लोप हो चुका है.. बची मैं आत्मा अपने फरिश्ता स्वरूप में.. अपने डबल लाइट स्वरूप में.. मैं एक अवतरित फरिश्ता हूं.. मैं संपूर्ण सुखी हूं.. मेरे सर्व रिलेशनशिप्स बहुत अच्छे हैं.. मेरा जीवन हेल्थ, वेल्थ हैप्पीनेस से भरपूर है.. अभी मैं आत्मा अपने फरिश्ता स्वरूप में उड़ चली आकाश की ओर.. आकाश, चांद, तारों को पार कर पहुंच गई सूक्ष्म वतन में.. चारों तरफ एक सफेद प्रकाश.. सामने मेरे बापदादा.. मुझे दृष्टि दे रहे हैं.. बैठ जाएं बाबा के सामने.. दृष्टि देते देते उन्होंने अपना वरदानी हाथ मेरे सिर के ऊपर रख दिया है.. और मुझे वरदान दे रहे हैं- बच्चे सदा सुखी भव... भगवान ने मुझे संपूर्ण सुखी बना दिया है!! आज से मैं संपूर्ण सुखी हूं! भगवान का मुझे वरदान है संपूर्ण सुखी भव! इस वरदान की प्राप्ति से मैं हेल्थ, वेल्थ और हैप्पीनेस से स्वतः ही भरपूर रहूंगा.. मेरे सर्व संबंध अच्छे रहेंगे.. मेरे सर्व रिलेशनशिप अच्छे हैं.. अभी सुक्ष्म वतन में ही बापदादा के साथ बैठ जाएं.. और सामने इमर्ज करेंगे हम उन आत्माओं को, जो हमारे परिवार में हैं.. हमारे भाई बहन, जो भी आत्माएं हैं इन्हें इमर्ज करें.. इनके साथ इमर्ज करेंगे हमारे सर्व संबंध.. हमारे सर्व रिलेशनशिप्स.. जो हमारे संबंध संपर्क में आते हैं.. वह हमारे फ्रेंड सर्कल से हो, या हमारे कोई कर्म क्षेत्र से साथी हो.. सर्व आत्माओं को एक साथ इमेज करेंगे.. और फील करेंगे परमात्मा शिवबाबा से मुझ में प्यार के किरणें समा रही हैं और इन सर्व आत्माओं को मिल रही हैं.. सर्व आत्माओं को बापदादा मुझ द्वारा प्यार की किरणें का दान दे रहे हैं.. यह आत्माएं इन प्यार की किरणों से भरपूर हो रही हैं.. संपूर्ण तृप्त हो रही हैं.. जगत में परमात्म प्रेम ही निस्वार्थ प्रेम है.. सच्चा प्रेम है.. यह सब आत्माएं मुझे और परमात्मा शिवबाबा को दिल से दुआएं दे रही हैं.. यह सब आत्माएं वही आत्माएं हैं जिनका कुछ ना कुछ कार्मिक अकाउंट हमारे साथ जुड़ा हुआ है.. वह चाहे सुख का हो या दुख का हो.. यह सब आत्माएं मेरे भाई बहन हैं.. यह बहुत अच्छे हैं.. यह हमेशा हमें हेल्प करते हैं.. दिल से इनका धन्यवाद करें.. इनके मन में हमारे प्रति शुभ भावना है.. यह हमें दिल से अपना समझते हैं.. दो मिनट हम इन आत्माओं को इसी रूप में सकाश देंगे.. बाप दादा से प्यार की किरणें निकल, मुझ में समा कर, इन सर्व आत्माओं को मिल रही हैं...

ओम शांति।