25 स्वमान का अभ्यास
ओम शांति।
आज हम स्वमान का अभ्यास करेंगे।
मैं मास्टर सर्वशक्तिमान हूँ...
मैं श्रेष्ठ योगी आत्मा हूँ...
मैं शान्त स्वरूप आत्मा हूँ...
मैं परमपवित्र आत्मा हूँ...
मैं मास्टर ज्ञान सूर्य हूँ...
मैं प्रेम स्वरूप आत्मा हूँ...
मैं सुख स्वरूप आत्मा हूँ...
मैं सफलता का सितारा हूँ...
मैं निर्विघ्न आत्मा हूँ...
मैं आनंद स्वरूप आत्मा हूँ...
मैं देवकुल की महान आत्मा हूँ...
मैं परमपूज्य आत्मा हूँ...
मैं एक फरिश्ता हूँ...
मैं प्रकृतिजीत आत्मा हूँ...
मैं परमधाम निवासी हूँ...
मैं अशरीरी आत्मा हूँ...
मैं मन बुद्धि से समर्पित आत्मा हूँ...
मैं ज्ञान धन से सम्पन्न आत्मा हूँ...
मैं खुशी के खज़ाने से सम्पन्न आत्मा हूँ...
मैं बंधन मुक्त आत्मा हूँ...
मैं शिवशक्ति कंबाइंड हूँ...
मैं विश्वकल्याणकारी आत्मा हूँ...
मैं 16 कला सम्पन्न आत्मा हूँ...
मैं बाप समान सम्पन्न और सम्पूर्ण हूँ...ओम शांति।