Apne Saare Paap Karmon Se Mukt Hone Ke Liye - 20 Minutes Jwalamukhi Yog
ओम शांति।
मैं आत्मा ज्योति स्वरूप.. चमकता सितारा.. अनुभव करेंगे मैं आत्मा एक प्वाइंट ऑफ लाइट.. स्थित हूं अपने मस्तक के बीच में... एकाग्र करेंगे बुद्धि अपने इस आत्मिक स्वरूप पर... मैं एक शांत स्वरूप आत्मा हूं... शांति मुझ आत्मा का ओरिजिनल नेचर है... अनुभव करेंगे मेरा सम्पूर्ण शरीर लोप हो चुका है... बची मैं आत्मा अपने लाइट के शरीर में... अभी फील करेंगे परमात्मा शिवबाबा मेरे सिर के ऊपर हैं... जैसे कि मेरी छत्रछाया बन चुके हैं... फील करेंगे परमात्मा का साथ.. परमात्मा शिवबाबा मेरे सिर के ऊपर... परमात्मा शिवबाबा शांति के सागर.. गुणों के सागर.. सर्वशक्तिवान हैं... अनुभव करेंगे उनसे शांति की दिव्य किरणें निकल मुझ आत्मा में फ्लो हो रही हैं.. जैसे एक लेजर बीम की तरह शांति की किरणें निकल मुझ आत्मा में समा रही हैं... सम्पूर्ण एकाग्र हो जाएं इस स्थिति में... गहराई से अनुभव करें कंबाइंड स्वरूप में परमात्मा शिवबाबा से शांति की किरणें निकल, मुझ आत्मा में समाते जा रही हैं... मैं आत्मा यह शांति की किरणें खींच रही हूं... सर्व संकल्प समाप्त हो चुके हैं... सिर्फ शांति का प्रवाह मुझ आत्मा में हो रहा है... गहराई से अनुभव करेंगे, सम्पूर्ण एकाग्र होकर.. मैं एक शांत स्वरूप आत्मा हूं.. शांति मेरी एक शक्ति है.. परमात्मा शिवबाबा सदैव मेरे साथ हैं......
मैं मास्टर सर्वशक्तिमान हूं... अनुभव करेंगे मैं एक लाइट हाउस, माइट हाउस फरिश्ता हूं... मैं आत्मा और मेरा सूक्ष्म शरीर परमात्म दिव्य शक्तियों से जगमगा उठा है... मैं एक फरिश्ता हूं... परमात्मा का एक इंस्ट्रूमेंट हूं... फील करें मैं फरिश्ता ग्लोब पे स्थित हूं... और परमपिता परमात्मा शिवबाबा से मुझमें दिव्य शक्तियों का प्रकाश समा कर नीचे सारे ग्लोब को मिल रहा है.... धीरे धीरे यह किरणें पूरे ग्लोब को घेरे हुए हैं... मानो पृथ्वी के इस ग्लोब के चारों ओर एक सुरक्षा कवच बना चुकी है... मैं एक लाइट हाउस, माइट हाउस फरिश्ता हूं... परमात्मा का इंस्ट्रूमेंट हूं... मेरा कोई संकल्प नहीं.. परमात्मा शिवबाबा मुझ द्वारा सारे संसार को दिव्य शक्तियों का दान दे रहे हैं... संसार की सभी आत्माएं इन किरणों को अनुभव कर रही हैं.. और तृप्त हो रही हैं... मुझ फरिश्ता से यह किरणें इस संसार रूपी ग्लोब को मिल रही हैं... अनुभव करेंगे संसार की सभी आत्माएं एक लाइट स्वरूप सितारा बन चमक रही हैं.... प्रकृति के पांचों तत्वों को भी मुझसे यह किरणें मिल रही हैं.... इसी स्थिति में एकाग्र रहें........
पूरा ग्लोब मानो यह परमात्म किरणों से जगमगा उठा है... संसार की सभी आत्माएं सुख और शांति का अनुभव कर रही हैं.... वे दिल से शिवबाबा को और मुझ फरिश्ता को दुआएं दे रही हैं..
परमात्मा कहते हैं तुम्हारा मुख्य कार्य है - ज्ञान सूर्य से किरणें लेकर इस विश्व को देना! यही हमारा मुख्य कर्तव्य है.... अनुभव करेंगे प्रकृति के पांचों ही तत्व शांत और शीतल बन चुके हैं... सभी आत्माओं को यह सुख दे रहे हैं.... इसी स्थिति में एकाग्र रहेंगे.. परमात्मा शिवबाबा से मुझ फरिश्ता में दिव्य शक्तियों की किरणें समा कर नीचे पूरे ग्लोब को मिल रही हैं......
ओम शांति।