Bhojan Banate Samay Parmatma Ko Yaad Kaise Karein
ओम शांति ।
आज की मेडिटेशन कमेंट्री है भोजन बनाते समय परमात्मा शिव बाबा को याद कैसे करें? भोजन बनाते समय हम वैरायटी अभ्यास कर सकते हैं l उदाहरण के लिए- हम कोई स्वमान का अभ्यास कर सकते हैं, हम अपने फरिश्ता स्वरूप का अभ्यास कर सकते हैं l परमात्मा शिवबाबा से हम बातें कर सकते हैं, उनसे रूह रिहान कर सकते हैं l उनकी किरणें हम पूरे भोजन, रसोईघर व अपने घर में फैला सकते हैं, और योग युक्त होकर हम अच्छे संकल्प कर सकते हैं l उदाहरण के लिए- यह भोजन ब्रह्मा भोजन है, प्रसाद है l इस भोजन को स्वीकार करने से घर के सभी सदस्यों का मन शांत हो जाएगा, उनका जीवन सुखी हो जाएगा l किसी की कोई आदत छुड़ावानी हो तो हम संकल्प कर सकते हैं यह पवित्र ब्रह्मा भोजन स्वीकार कर, यह व्यक्ति की बुरी आदतें, बुरे संस्कार समाप्त हो रहे हैं, और यह भोजन स्वीकार कर यह आत्मा पवित्र बन रही है.. उनके संस्कार परिवर्तन हो रहे हैं l
इसी प्रकार हम साइलेंस में रहकर कोई अभ्यास भी कर सकते हैंl हम कोई कमेंट्री, गीत, क्लास या मुरली भी प्ले कर सकते हैं l तो आज हम भोजन बनाते समय वैरायटी अभ्यास करेंगे l भोजन स्टार्ट करने से पहले हम बैठकर 3 से 5 मिनट अच्छा योग अभ्यास करेंगे, जिससे कि भोजन बनाते समय हमारा योग इजी हो जाएगा l तो चलिए स्टार्ट करते हैं l
अपने सर्व संकल्पों को परमात्मा को समर्पण कर एकाग्र करेंगे मैं एक ज्योति स्वरूप आत्मा हूं.. अपने मस्तक के बीच में, संकल्प करेंगे मैं परम पवित्र आत्मा हूं.. मैं परम पवित्र आत्मा हूं.. मैं शांत स्वरूप आत्मा हूं.. मैं शांत स्वरूप आत्मा हूं.. मैं एक फरिश्ता हूं.. मैं एक फरिश्ता हूं.. अभी हम फील करेंगे, परमपिता परमात्मा शिवबाबा ब्रह्मा बाबा के फरिश्ता स्वरूप में हमारे साथ हैं.. मैं एक फरिश्ता हूं.. अनुभव करेंगे, शिवबाबा से पवित्रता की किरणें निकल मुझ आत्मा में समा रही हैं, और मुझमें समाकर, मुझ आत्मा बिंदु से हमारे नैनों से भोजन पर पड़ रही है... यह भोजन संपूर्ण पवित्र बन रहा है...
अनुभव करेंगे यह परमात्म पवित्रता की किरणें, दिव्य प्रकाश मुझ आत्मा में समाकर भोजन में समा रही हैं... पूरी तरह से एकाग्र रहें इस स्थिति में, मैं परम पवित्र आत्मा हूं... मैं एक पवित्रता का फरिश्ता हूं... निरंतर हमारे नैनों से यह पवित्रता की किरणें, यह भोजन में समाती जा रही हैं... अनुभव करेंगे धीरे-धीरे यह परमात्म किरणें पूरे रसोई घर में फैल चुकी हैं... परमात्मा शिवबाबा से और हमसे पूरे रसोई घर में यह प्रकाश फैल चुका है... और इस रसोई घर में भोजन, अन्न का एक एक कण, पानी पवित्र बन रहा है...
बाबा से बातें करेंगे- बाबा हम आपके लिए यह भोजन बना रहे हैं... यह घर के सभी सदस्य आपकी संतान हैं! यह सभी आत्माएं पवित्र हैं... यह भोजन स्वीकार करते ही इन सभी का मन शांत हो जाएगा... बाबा यह घर आपका है... यह घर और इस घर के सभी भंडारे और भंडारी आपकी है... हम तन मन धन और सभी संबंधों से समर्पण है... यह भोजन हम आपके लिए बना रहे हैैं... यह भोजन ब्रह्मा भोजन है... यह भोजन स्वीकार करने से सभी के दुख, विघ्न, बीमारियां, बुरी आदतें, बुरे संस्कार समाप्त हो जाएंगे... अनुभव करेंगे, बाबा ने अपना हाथ हमारे सिर के ऊपर रख दिया है, और हमारे प्यार को देख, समर्पण भाव को देख, दिल से मुस्कुरा रहे हैं... पूरी तरह से एकाग्र रहे इसी स्थिति में- परमात्मा शिवबाबा से पवित्रता की किरणें निकल मुझ आत्मा में समा रही हैं, और हमसे पूरे भोजन और रसोई घर में फैल रही हैं... यह पवित्र किरणें इस भोजन को संपूर्ण पवित्र बना चुकी हैं... पवित्रता सुख शांति की जननी है!! पूरी तरह से एकाग्र रहें इसी स्थिति में- परमात्मा शिवबाबा से पवित्रता की किरणें निकल मुझ आत्मा में समा रही हैं, और हम से पूरे भोजन और रसोई घर में फैल रही हैं.....
इसी तरह अच्छे अभ्यास कर हम भोजन बनाएंगे और अच्छे स्वच्छ बर्तनों में हम यह भोजन बाबा को आह्वान कर, उन्हें स्वीकार कराएंगे l ओम शांति l