Pareshan Mann Ko Jaldi Se Shant Kaise Karein -10 Mins Meditation
ओम शांति ।
मैं आत्मा ज्योति स्वरूप, चमकता सितारा, अनुभव करेंगे मैं आत्मा एक प्वाइंट ऑफ लाइट... स्थित हूं अपने मस्तक के बीच में... एकाग्र करेंगे बुद्धि अपने इस आत्मिक स्वरूप पर... मैं एक शांत स्वरूप आत्मा हूं... मैं एक शांत स्वरूप आत्मा हूं... शांति मेरी शक्ति है... शांति मुझ आत्मा का ओरिजिनल नेचर है... संपूर्ण डिटैच हो जाएं अपने स्थूल शरीर से... अनुभव करेंगे मेरा संपूर्ण शरीर लोप हो चुका है... बची मैं आत्मा अपने लाइट के शरीर में... अभी फील करेंगे परमात्मा शिवबाबा मेरे सिर के ऊपर हैं... जैसे कि मेरी छत्रछाया बन चुके हैं... फील करेंगे परमात्मा का साथ... परमात्मा शिवबाबा मेरे सिर के ऊपर... परमात्मा शिवबाबा शांति के सागर, गुणों के सागर, सर्वशक्तिवान हैं... अनुभव करेंगे उनसे शांति की किरणें निकल मुझ आत्मा में फ्लो हो रही है... जैसे एक लेजर बीम की तरह शिवबाबा से शांति की किरणें निकल मुझ आत्मा में समा रही है... संपूर्ण एकाग्र हो जाएं इस स्थिति में... गहराई से अनुभव करें इस कंबाइंड स्वरूप को... शिवबाबा से शांति की किरणें निकल मुझ आत्मा में समाती जा रही है... मैं आत्मा ये शांति की किरणें खींच रही हूं... सर्व संकल्प समाप्त हो चुके हैं... सिर्फ शांति का फ्लो मुझ आत्मा में हो रहा है... गहराई से अनुभव करेंगे... संपूर्ण एकाग्र मैं एक शांत स्वरूप आत्मा हूं... मेरा मूल स्वभाव शांति है; शांति मेरी एक शक्ति है... परमात्मा शिवबाबा सदैव मेरे साथ हैं... उनके साथ से हर कार्य में मैं निर्विघ्न हूं, सफलता मूर्त हूं... परमात्मा शांति के सागर, मैं आत्मा मास्टर शांति का सागर हूं... मैं एक शांत स्वरूप आत्मा हूं...
इस अभ्यास को बीच बीच में कोई भी कार्य करते ट्रैफिक कंट्रोल की तरह हम कर सकते हैं... बीच बीच में ऐसे शांति का अनुभव करने से, परमात्मा से कंबाइंड स्वरूप का अनुभव करने से हमारी कार्य क्षमता बढ़ती है! हमारी एकाग्रता बढ़ती है! जो भी हम कार्य करते हैं, वह कार्य की क्वालिटी बढ़ती है! हमारा समय बर्बाद नहीं होता और सहज ही हम सफलता प्राप्त करते हैं!
ओम शांति।