एक परमात्मा प्यार में मगन होना ही संपूर्ण ज्ञान है


ओम शांति ।

चारों तरफ की सर्व बातों को फुल स्टॉप लगाकर एकाग्र करेंगे, मैं आत्मा.. अपने मस्तक के बीच में... एक पॉइंट ऑफ लाइट... कोई संकल्प नहीं... सर्व बातें जो भी हैं, चाहे व्यक्ति से हो, कोई कर्म से हो, मन के संकल्पों की उलझन हो, या तन की कोई व्याधि हो, या धन की कोई समस्या हो, इन सभी बातों को फुल स्टॉप लगाएंगे... बिंदु बन जाएंगे! मैं बस एक बिंदु... ज्योति स्वरूप आत्मा हूं....

अभी हम बुद्धि रूपी नेत्र के सामने विज्वलाइज़ करेंगे...‌ परमधाम में परमात्मा शिवबाबा... हमारी तरह एक पॉइंट ऑफ़ लाइट... परमपिता परमात्मा शिवबाबा... ज्ञान के सागर.. गुणों के सागर.. सर्वशक्तिवान! हम उनकी संतान हैं!! जन्म-जन्म हमने यह परमात्म प्राप्ति के लिए भक्ति की है, और आज हमें स्वयं भगवान मिले हैं! पूरी तरह से एकाग्र हो जाएं परमात्म बिंदु पर.....

अभी हम अनुभव करेंगे, परमात्मा शिवबाबा से एक लाइट की तार निकल, जैसे एक डोर निकल, नीचे धीरे-धीरे आ रही है.... देखेंगे आकाश, चांद, तारों, को पार कर यह डोर परमात्मा से निकलकर, मुझ आत्मा में आकर कनेक्ट हो चुकी है... जुड़ चुकी है.... जैसे पतंग की डोर नीचे से ऊपर कनेक्ट होती है, वैसे ही मैं आत्मा परमात्मा से कनेक्टेड हूं... कोई संकल्प नहीं! बस हम परमात्मा से कनेक्टेड हैं......

एक परमात्म प्यार में मग्न होना ही संपूर्ण ज्ञान है! इस एक अभ्यास में पूरा ज्ञान समाया हुआ है। जितना हम एक बाप की याद में रहेंगे, बुद्धि का ताला खुलता जाएगा। हमें कोई भी समस्या, विघ्न, कन्फ्यूजन, प्रश्न रहेंगे ही नहीं! दो मिनट हम इसी परमात्म प्रेम में मग्न रहेंगे...... अभी हम इसी स्थिति में एकाग्र रहेंगे.. और भगवान के इन एक-एक शब्दों को गहराई से फील करेंगे...

बच्चे तुम सिर्फ मुझे याद करो, तुम्हारे सोचने का कार्य भी मैं करूंगा!
परमात्म बाप की याद में रहने का साधन है - मेरापन भूल जाना, सब कुछ बाप का है। यह तन भी आपका नहीं, परमात्मा बाप का है!
मैं गारंटी करता हूं, तुम सिर्फ मुझे याद करो तो इस योग अग्नि से तुम्हारे जन्म-जन्मांतर के पाप भस्म हो जाएंगे!
यदि आप परमात्म बाप के प्यार में मग्न रहने लगो, तो जन्म-जन्म संबंधों में प्यार मिलता रहेगा!
बच्चे मुझे याद करो, इस अभ्यास से तुम सदा सुखी रहोगे!
जहां परमात्मा साथ है, वहां कितने भी चाहे तूफान हों, वह तोहफा बन जाएंगे!
बच्चे जहां भी मुश्किल आवे ना, बस दिल से कहना - बाबा, मेरा बाबा, मेरा साथी, आ जाओ मदद करो! तो बाबा भी बंधा हुआ है! सिर्फ दिल से कहना!
भगवान अपने बच्चों को सदा तन से, धन से और मन से सहज रखेगा, यह बाप की गारंटी है!

इसी स्थिति में एकाग्र रहें.. मैं आत्मा बिंदु.., परमात्म बिंदु से कंबाइंड हूं.... और कोई संकल्प नहीं........

ओम शांति।