परिस्थितियों में शिवबाबा की मदद कैसे लें.. भगवान के महावाक्य को यूज़ कर बीमारी कैसे दूर करें
ओम शांति ।
आज हम मुरलियों से कुछ ऐसे गहरे महावाक्य सुनेंगे, जिन महावाक्यों में परमात्मा शिवबाबा ने शरीर की बीमारी को ठीक करने की सहज विधियां बताई हैं। इन महावाक्यों को यूज करने से जो भी बीमारी या कष्ट है, वह सहज दूर हो जाएंगे और हमारा जीवन खुशियों से भरपूर बनेगा! तो पहला महावाक्य है:- अव्यक्त मुरली 15 दिसंबर 1999, परमात्मा कहते हैं - "जितना समय नाजुक आएगा, उतनी बीमारियों भी तो बढ़ेंगी ना। दवाई खाएंगे तो बीमारी हटेगी, दवाई बंद तो बीमारी फिर से आ जाती है। तो ऐसी दवाई दो, जो बीमारी का नाम निशान नहीं हो। वह है - मेडिटेशन!"
तो इस महावाक्य में बाबा कहते हैं - मेडिटेशन ऐसी दवाई है, जो बीमारी का नामो-निशान भी समाप्त कर देगी! इसी प्रकार साकार मुरली 24 जुलाई, 2019 में बाबा कहते हैं - "परमात्मा की याद में रहने से शरीर के रोग जो तंग करते हैं, वह भी ऑटोमेटिकली ठंडे हो जाते हैं।"
इसी प्रकार अव्यक्त मुरली 18 जनवरी, 2013 में बाबा कहते हैं - "जितनी कोशिश करके परमात्मा की याद में रहते हैं, तो बीमारी आधी हो जाती है। जैसे वह दवाई है, तो पहली दवाई यह परमात्म याद की है!"
इसी प्रकार अव्यक्त मुरली 9 जनवरी, 1983 में बाबा कहते हैं - "शरीर बीमार हो, लेकिन शरीर की बीमारी से मन डिस्टर्ब न हो। सदैव खुशी में नाचते रहो, तो शरीर भी ठीक हो जाएगा।
मन की खुशी से शरीर को भी चलाओ, तो दोनों एक्सरसाइज हो जाएगी। खुशी है दुआ और एक्सरसाइज है दवाई। तो दुआ और दवा दोनों होने से सहज हो जाएगा।"
इसी प्रकार अव्यक्त मुरली 22 दिसंबर, 1995 में बाबा हमें दवाई खाने की बहुत सुंदर विधि बताते हैं। बाबा कहते हैं - "आजकल के हिसाब से दवाइयाँ खाना ये बड़ी बात नहीं समझो। क्योंकि कलियुग का वर्तमान समय सबसे शक्तिशाली फ्रूट ये दवाइयाँ हैं। देखो कोई रंग-बिरंगी तो हैं ना। कलियुग के लास्ट का यही एक फ्रूट है तो खा लो प्यार से। दवाई खाना ये बीमारी याद नहीं दिलाता। अगर दवाई को मज़बूरी से खाते हो तो मज़बूरी की दवाई बीमारी याद दिलाती है और शरीर को चलाने के लिये एक शक्ति भर रहे हैं, उस स्मृति में खायेंगे तो दवाई बीमारी याद नहीं दिलायेगी, खुशी दिलायेगी तो बस दो-तीन दिन में दवाई से ठीक हो जायेंगे। आजकल के तो बहुत नये फैशन हैं, कलियुग में सबसे ज्यादा इन्वेन्शन आजकल दवाइयाँ या अलग-अलग थेरापी निकाली है, आज फलानी थेरापी है, आज फलानी, तो ये कलियुग के सीजन का शक्तिशाली फल है। इसलिए घबराओ नहीं। लेकिन दवाई कांसेस, बीमारी कांसेस होकर नहीं खाओ। तो तन की बीमारी होनी ही है, नई बात नहीं है। इसलिए बीमारी से कभी घबराना नहीं। बीमारी आई और उसको फ्रूट थोड़ा खिला दो और विदाई दे दो।"
ओम शांति।