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अमृतवेला

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05.01.2015

सच्ची सीता की परमात्मा राम से रूहरिहान

पहली स्मृति

आँख खुलते ही संकल्प करें कि मैं आत्मा हूँ। मैं इस धरा को प्रकाशमय करने के लिये स्वीट लाइट के होम से अवतरित हुई हूँ।

मैं कौन हूँ?

मैं सच्ची सच्ची सीता हूँ। मैं हर कदम श्रीमत प्रमाण चलती हूँ | साथ-साथ मैं सर्व मर्यादाओं का पालन भी करती हूँ |

मैं किसकी हूँ?

आत्मा की बाबा से रूहरिहान:

मीठे बाबा - गुड मॉर्निंग। मैं इस पुरानी दुनिया में रहते अपनी लौकिक जिम्मेवारियां निभाते हुए सदा इस स्मृति में रहती हूँ कि मैं आपकी सच्ची सच्ची सीता हूँ | मेरी हर श्वांस में आप राम की ही याद रहती है |

बाबा की आत्मा से रूहरिहान:

मीठे बच्चे! जागो! मेरे साथ बैठो। एक परमात्मा ही राम है और तुम ही सच्ची सच्ची सीता हो | सच्ची सीता बनकर तुम्हें सदा बाप की याद में रहकर हर श्रीमत को निरंतर फॉलो करना है | तुम्हारा एक भी कदम बाबा के डायरेक्शन के विरुद्ध न हो | जैसे रेल के पहिये पटरी पर सेफ रहते हैं , ठीक उसी प्रकार तुम भी अमृतवेले के समय स्वयं को सेट कर सेफ हो जाओ | अगर तुम्हारा अमृतवेले का फाउंडेशन मजबूत होगा, तो तुम्हें बापदादा का सहयोग मिलता रहेगा | 

बाबा से प्रेरणाएं:

अपने मन को सर्व बातों से हटा कर बाबा में लगाऐं। बाबा है साइलेन्स का सागर। इस साइलेन्स में मैं बाबा से प्रेरणायुक्त और पवित्र सेवा के संकल्प ले रही हूँ।

बाबा से वरदान:

सूक्ष्म वतन में मीठे बाबा के सामने मेरा फरिश्ता स्वरूप साफ दिखाई दे रहा है। बहुत प्यार व शक्तिशाली दृष्टि से बाबा मुझे वरदान दे रहे हैं

तुम आत्माओं की ज्योति जगाकर उन्हें आगे बढ़ाते हो व उन्हें ऊँचा उड़ाकर असीम सुख पाते हो | तुम सदा दूसरों को आगे रख इच्छा मात्रम् अविद्या की स्मृति में रहते हो | इस कारण तुमने सबका जीत लिया है व विश्व कल्याणकारी बन गए हो |

बेहद की सूक्ष्म सेवा: (आखिरी के पंद्रह मिनिट - प्रातः ४:४५ से ५:०० बजे तक)

बाबा द्वारा इस वरदान को अपने शुभ संकल्पों द्वारा, वरदाता बन, मैं पूरे विश्‍व को दान दे रही हूँ। अपनी फरिश्ता ड्रेस पहन कर मैं विश्‍व भ्रमण करते हुए सर्व आत्माओं को ये वरदान दे रही हूँ।

रात्रि सोने के पहले

वाज़ की दुनिया के पार जा कर अपनी स्टेज को स्थिर बनाऐं। चेक करें की आज मैंने दिन भर में किसी बात की अवज्ञा तो नहीं की? अगर हाँ तो बाबा को बताऐं। किसी के मोह या आकर्षण मे बुद्धि तो नहीं फंसी? अपने कर्मो का चार्ट बनाऐं। तीस मिनिट के योग द्वारा किसी भी गलत कर्म के प्रभाव से स्वयं को मुक्त करें। अपने दिल को साफ और हल्का कर के सोऐं।