डबल लाइट फ़रिश्ते की रूहानी प्रशिक्षक से रूहरिहान
पहली स्मृति
आँख खुलते ही संकल्प करें कि मैं आत्मा हूँ। मैं
इस धरा को प्रकाशमय करने के लिये स्वीट लाइट के
होम से अवतरित हुई हूँ।
मैं कौन हूँ?
मैं डबल लाइट फ़रिश्ता हूँ। मैंने अपनी सर्व
जिम्मेवारियों का भोझ बाबा को अर्पण कर दिया है |
सूक्ष्म वतन में मेरा लाइट का शरीर डांस कर रहा है
|
मैं किसकी हूँ?
आत्मा की बाबा से रूहरिहान:
मीठे बाबा ! - गुड मॉर्निंग! आपके सामने बैठते ही
मुझे अपने तीन स्वरुप याद आ रहे हैं | मैं आपकी
संतान हूँ , मैं मालिक हूँ , मैं फ़रिश्ता हूँ |
आपकी संतान बनकर मैंने सर्व भोझ आपके हवाले कर
दिए हैं | अपनी सूक्ष्म कर्मेन्द्रियों की मालिक
बनकर मैं सदा अव्यभिचारी याद में रहती हूँ |
फ़रिश्ता बनकर मैं सदा वाणी से परे की स्टेज में
रहता हूँ | पुरानी दुनिया अब मुझे आकर्षित नहीं
करती |
बाबा की आत्मा से रूहरिहान:
मीठे बच्चे! जागो! मेरे साथ बैठो | सर्व
जिम्मेवारियां बाप को देकर तुम सदा खुश रहो |
दिन-रात तुम फ़रिश्ता डांस करो अर्थात मन का डांस
करो | देह का भान अर्थात मनुष्य | आत्म-अभिमानी
अर्थात फ़रिश्ता | अमृतवेले उठते ही अपने फ़रिश्ते
स्वरुप की स्मृति में रह ख़ुशी का डांस करो | ये
ख़ुशी हर डिस्टर्ब करने वाली परिस्थिति को खत्म कर
देगी |
बाबा से प्रेरणाएं:
अपने मन को सर्व बातों से हटा कर बाबा में लगाऐं।
बाबा है साइलेन्स का सागर। इस साइलेन्स में मैं
बाबा से प्रेरणायुक्त और पवित्र सेवा के संकल्प ले
रही हूँ।
बाबा से वरदान:
सूक्ष्म वतन में मीठे बाबा के सामने मेरा फरिश्ता
स्वरूप साफ दिखाई दे रहा है। बहुत प्यार व
शक्तिशाली दृष्टि से बाबा मुझे वरदान दे रहे हैं
–
तुम दाता के बच्चे हो जिसके हाथ , दिल व मन
ईश्वरीय प्राप्तियों से सम्पन्न हैं | इस कारण तुम
तृप्त आत्मा बन गए हो व दाता के बच्चे का स्टैम्प
तुम आत्मा पर सदा के लिए लग गया है |
बेहद की सूक्ष्म सेवा: (आखिरी के पंद्रह मिनिट -
प्रातः ४:४५ से ५:०० बजे तक)
बाबा द्वारा इस वरदान को अपने शुभ संकल्पों द्वारा,
वरदाता बन,
मैं पूरे विश्व को दान दे रही हूँ। अपनी फरिश्ता
ड्रेस पहन कर मैं विश्व भ्रमण करते हुए सर्व
आत्माओं को ये वरदान दे रही हूँ।
रात्रि सोने के पहले
आवाज़ की दुनिया के पार जा कर अपनी स्टेज को स्थिर
बनाऐं। चेक करें की आज मैंने दिन भर में किसी बात
की अवज्ञा तो नहीं की? अगर हाँ तो बाबा को बताऐं।
किसी के मोह या आकर्षण मे बुद्धि तो नहीं फंसी?
अपने कर्मो का चार्ट बनाऐं। तीस मिनिट के योग
द्वारा किसी भी गलत कर्म के प्रभाव से स्वयं को
मुक्त करें। अपने दिल को साफ और हल्का कर के सोऐं।