सर्व
खजानों से सम्पन्न एक बाप के साथ सर्व अधिकारी
आत्माओं की रूहरूहान
पहली
स्मृति
आँख खुलते
ही संकल्प करें की मैं आत्मा हूँ
|
मैं इस धरा
को प्रकाशमय करने के लिए स्वीट लाइट के होम
में अवतरित हुई हूँ |
मैं कौन
हूँ
मैं बाबा के सर्व खजानों की अधिकारी आत्मा हूँ
|
मैं ब्राह्मण आत्मा बापदादा से मिलन मनाकर
अपने सर्व अधिकार प्राप्त कर रही हूँ
|
मैं किसकी हूँ
आत्मा की बाबा
से रूहरिहान
मीठे बाबा
। गुड मॉर्निंग । मैं आपकी हूँ | आपका
खजाना मेरे लिए सदा खुला है आप मुझे बेहद का
खजाना दे रहे हैं |
बाबा की आत्मा
से रूहरिहान
मीठे बच्चे । जागो । मेरे साथ बैठो
|
बाबा का
सब खजाना तुम्हारा
ही तो है
|
बाबा तुम्हें
विश्व राज्य तख्त का अधिकारी बनाने आए
हैं
|
राजा तो सीर्फ थोड़े समय के लिए राज्य तख्त पर
बैठता है लेकिन तुम्हें तो बेहद का राज्य तख्त
पाने का गोल्डन चांस मिला
है
|
तुम तो अपनी
गोल्डन स्टेज से भविष्य गोल्डन दुनिया में
श्रेष्ठ पद पा सकते हो
|
बाबा से
प्रेरणाएँ
अपन मन को सर्व बातों से हटाकर बाबा में लगायें
|
बाबा है साइलेंस का सागर
|
इस साइलेंस में
मैं बाबा से प्रेरणायुक्त व पवित्र सेवा के
संकल्प ले रही हूँ
|
बाबा से वरदान
सूक्ष्म वतन में मीठे बाबा के सामने मेरा
फ़रिश्ता स्वरुप स्पष्ट दिखाई दे रहा
है
|
बहुत
प्यार व शक्तिशाली दृष्टि से बाबा मुझे वरदान
दे रहे हैं
|
तुमने बाप को निरंतर अपना मीठा साथी बनाया है
इसलिए तुम्हें सदा बाप का सहारा
है
|
तुम
परिस्थितियों को शक्तिशाली पंखों से उड़कर पार
करने वाले सहज व नैचुरल पुरूषार्थी
हो |
बेहद की सूक्ष्म सेवा
आखरी के पन्द्रह मिनट - प्रातः
4:45
से
5
बजे
तक