BRAHMA KUMARIS WORLD SPIRITUAL UNIVERSITY


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अमृतवेला

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12.12.2014

सुप्रीम मैगनेट (चुम्बक) के साथ शुद्ध व पवित्र आत्मा की रूहरूहान

पहली स्मृति

मैं आत्मा हूँ | मैं इस धरा को प्रकाशमय करने के लिए स्वीट लाइट के होम से अवतरित हुई हूँ |

मैं कौन हूँ ?

मैं एक शुद्ध व पवित्र आत्मा हूँ |अमृतवेले में बैठते ही मैं स्वयं को सुप्रीम मैगनेट(चुम्बक) की तरफ आकर्षित होता अनुभव कर रही हूँ| मीठे बाबा ! सुप्रीम मैगनेट ! आपने मुझे सर्व प्राप्ति सम्पन्न बना दिया | ये सर्व प्राप्तियां चुम्बक के समान हर एक आत्मा को बाबा की तरफ आकर्षित करती हैं |

मैं किसकी हूँ ?

आत्मा की बाबा से रूहरिहान

मीठे बाबा ! गुड मारनिंग ! सुप्रीम मैगनेट! मैं आपकी हूँ ! मैं जहाँ भी देखूं व जिसको भी देखूं, मुझे आपके साथ का अनुभव होता है | सुप्रीम मैगनेट ! मुझे आपसे सब कुछ मिल गया |

बाबा की आत्मा से रूहरिहान

मीठे बच्चे! जागो! मेरे साथ बैठो ! ये याद रखो कि सर्व प्राप्तियां ही तुम्हें आकर्षणमूर्त बनाती हैं | सर्व प्राप्तियों की शक्ति से तुम पत्थर से पानी निकालकर रेगिस्तान को भी हरा भरा बना सकते हो ! ब्राह्मण जन्म पाने से लेकर आज तक की सर्व प्राप्तियों को याद करो | यदि तुम अपने आदि पवित्र स्वरुप को सदा स्मृति मेंरखोगे, तो तुम रूहानी मैगनेट बन जाओगे और तुम्हारी प्यूरिटी की पर्सनालिटी विश्व की सर्व आत्माओं को बाबा की तरफ आकर्षित करेगी |

बाबा से प्रेरणाएं

अपने मन को सर्व बातों से हटाकर बाबा में लगाएं ! बाबा है साइलेंस का सागर | इस साइलेंस में , मैं बाबा से प्रेरणायुक्त व पवित्र सेवा के संकल्प ले रही हूँ |

बाबा से वरदान

सूक्ष्म वतन में मीठे बाबा के सामने मेरा फ़रिश्ता स्वरुप स्पष्ट दिखाई दे रहा है | बहुत प्यार व् शक्तिशाली दृष्टि से बाबा मुझे वरदान दे रहे हैं
तुम सुप्रीम ख़ुशी पाने वाली भाग्यवान आत्मा हो क्योंकि तुम्हें बापदादा का दिल तख़्त मिल गया है | इस ख़ुशी की खुराक को तुम सर्व आत्माओं को खिलाते हो | तुम्हारे दिल में सदा यही गीत बजता है वाह! मेरा भाग्य वाह! तुम अपने जीवन में सदा निश्चिंत रहते हो |

बेहद की सूक्ष्म सेवा (आखिरी के पन्द्रह मिनट प्रातः 4.45 से  5 बजे तक )

बाबा द्वारा प्राप्त हुए इस वरदान को मैं पुरे संसार को वरदाता बन कर अपने शुभ संकल्पों द्वारा दे रही हूँ | अपनी फ़रिश्ता ड्रेस पहनकर मैं विश्व भ्रमण करते हुए सर्व आत्माओं को ये वरदान दे रही हूँ |

रात्रि सोने के पहले

आवाज़ की दुनिया से पर जाकर अपनी स्टेज को स्थिर बनायें | चेक करें आज मैंने दिन भर में किसी बात की अवज्ञा तो नहीं की ? अगर हाँ, तो बाबा को बताएं | किसी के मोह व आकर्षण में बुद्धि तो नहीं फंसी ? अपने कर्मों का चार्ट बनाएं| तीस मिनट के योग द्वारा किसी भी गलत कर्म के प्रभाव से स्वयं को मुक्त करें |  अपने दिल को साफ व हल्का कर सोयें |