BRAHMA KUMARIS WORLD SPIRITUAL UNIVERSITY


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अमृतवेला

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14.01.2015

इन्द्रसभा में एक फरिश्ता

पहली स्मृति

आँख खुलते ही संकल्प करें कि मैं आत्मा हूँ। मैं इस धरा को प्रकाशमय करने के लिये स्वीट लाइट के होम से अवतरित हुई हूँ।

मैं कौन हूँ?

मैं परिस्तान की इन्द्रसभा में एक फरिश्ता हूँ। मैं फरिश्ता आत्मिक ज्योति के पंख लगाकर सदा उड़ता रहता हूँ।

मैं किसकी हूँ?

आत्मा की बाबा से रूहरिहान:

मीठे बाबा - गुड मॉर्निंग। बाबा अपने जो ज्ञान और योग के पंख दिये हैं, उससे मुझे बल मिलता है। मुझे पता पड़ गया है की ऊँचा उड़ने के लिये मुझे पुरानी दुनिया व देह के सम्बंधियों के बंधनों से परे जाना होगा।

बाबा की आत्मा से रूहरिहान:

मीठे बच्चे! जागो! मेरे साथ बैठो। ये साधारण सभा नहीं है, ये तो है फरिश्तों की अनोखी महफ़िल। मैं ज्ञान की वर्षा करता हूँ, जिससे कांटों का जंगल फूलों का बगीचा बन जाता है। इन्द्र के राज्य में सिर्फ फरिश्ते ही निवास करते हैं। फरिश्ते देह अभिमान की बदबू को मीठे बगीचे की खुशबू में परिवर्तित कर देते हैं। क्या तुम एक सेकेंड में अपने ओरिजिनल स्वरूप में स्थित होकर इस कांटों के जंगल से उपराम अपने वास्तविक घर में पहुंच सकते हो? एक सेकेंड में स्वीट होम में जाने की रूहानी ड्रिल का अभ्यास करो।

बाबा से प्रेरणाएं:

अपने मन को सर्व बातों से हटा कर बाबा मे लगाऐं। बाबा है साइलेन्स का सागर। इस साइलेन्स मे मैं बाबा से प्रेरणायुक्त और पवित्र सेवा के संकल्प ले रही हूँ।

बाबा से वरदान:

सूक्ष्म वतन मे मीठे बाबा के सामने मेरा फरिश्ता स्वरूप साफ दिखाई दे रहा है। बहुत प्यार व शक्तिशाली दृष्टि से बाबा मुझे वरदान दे रहे हैं

तुम स्व कल्याण द्वारा परमात्म लाइट की चमक से जगमगाते रहते हो। इस कारण तुम दिलशिकस्त आत्माओं की बीमारी को दूर कर देते हो। तुम सैंपल बनकर आत्माओं के अंदर निश्चय का पानी डालते हो, जिससे उन्हें ऊँचा उड़ने की प्रेरणा मिलती है।

बेहद की सूक्ष्म सेवा: (आखिरी के पंद्रह मिनिट - प्रातः ४:४५ से ५:०० बजे तक)

बाबा द्वारा इस वरदान को अपने शुभ संकल्पों द्वारा, वरदाता बन, मैं पूरे विश्‍व को दान दे रही हूँ। अपनी फरिश्ता ड्रेस पहन कर मैं विश्‍व भ्रमण करते हुए सर्व आत्माओं को ये वरदान दे रही हूँ।

रात्रि सोने के पहले

आवाज़ की दुनिया के पार जा कर अपनी स्टेज को स्थिर बनाऐं। चेक करें की आज मैंने दिन भर में किसी बात की अवज्ञा तो नहीं की? अगर हाँ तो बाबा को बताऐं। किसी के मोह या आकर्षण मे बुद्धि तो नहीं फंसी? अपने कर्मो का चार्ट बनाऐं। तीस मिनिट के योग द्वारा किसी भी गलत कर्म के प्रभाव से स्वयं को मुक्त करें। अपने दिल को साफ और हल्का कर के सोऐं।