चुस्त आत्मा की पर्सनल ट्रेनर से रूहरिहान
पहली स्मृति
आँख खुलते ही संकल्प करें कि मैं आत्मा हूँ। मैं
इस धरा को प्रकाशमय करने के लिये स्वीट लाइट के
होम से अवतरित हुई हूँ।
मैं कौन हूँ?
मैं चुस्त आत्मा हूँ। मैं मन और बुद्धि की
एक्सर्साइज़ करती हूँ। एक पल में मैं अशरीरी हो
जाती हूँ और दूसरे ही पल मैं बापदादा के सामने
बैठकर मीठी मीठी रूहरिहान करती हूँ। मैं अपनी
बुद्धि को नियंत्रित संकल्पों का भोजन खिलाती हूँ।
मैं इस बात की संभाल रखती हूँ कि मैं व्यर्थ
संकल्पों का अशुद्ध भोजन न खाऊँ।
मैं किसकी हूँ?
आत्मा की बाबा से रूहरिहान:
मीठे बाबा - गुड मॉर्निंग। मेरी बुद्धि बहुत हल्की
हो गई है क्योंकि मैंने अपने सारे बोझ आपको दे
दिये हैं। मेरा इस बात पर विशेष ध्यान रहता है कि
मैं नींद से ज्यादा आपको प्यार करूँ। मीठे बाबा!
आपकी महिमा को याद करते हुए मुझे आपसे सर्व
शक्तियों का अनुभव हो रहा है। मेरा ये लक्ष्य है
कि मैं विस्तार में न जाकर,
केवल,
बीज रूप अवस्था का ही अनुभव करूं।
बाबा की आत्मा से रूहरिहान:
मीठे बच्चे! जागो! मेरे साथ बैठो। मेडिटेशन में
बैठने का उद्देश्य है - बाबा के साथ मीठी मीठी रूह
रिहान करना। ऐसा नहीं कि तुम इस समय अपनी व दूसरों
की कंप्लेन कि फाइल लेकर बैठ जाओ। पर्सनल ट्रेनर
के रूप में बाबा तुम्हें यही राय देते हैं कि अपनी
बुद्धि के वजन को कम करो व हल्के हो जाओ। स्थूल
बातों से अपनी बुद्धि को निकाल सूक्ष्म में चले
जाओ। व्यर्थ संकल्पों का भोजन मत खाओ। इसके लिये
स्व के ऊपर नियंत्रण करना ज़रूरी है,
जिससे तुम बुद्धि को जब चाहो,
जहां चाहो,
जितना समय चाहो,
लगा सको।
बाबा से प्रेरणाएं:
अपने मन को सर्व बातों से हटा कर बाबा मे लगाऐं।
बाबा है साइलेन्स का सागर। इस साइलेन्स मे मैं
बाबा से प्रेरणायुक्त और पवित्र सेवा के संकल्प ले
रही हूँ।
बाबा से वरदान:
सूक्ष्म वतन मे मीठे बाबा के सामने मेरा फरिश्ता
स्वरूप साफ दिखाई दे रहा है। बहुत प्यार व
शक्तिशाली दृष्टि से बाबा मुझे वरदान दे रहे हैं
–
जैसे वॉटरप्रूफ कपड़े में पानी की एक बूंद भी टिक
नहीं सकती,
वैसे ही परमात्म प्रेम ने तुम्हें माया प्रूफ बना
दिया है। इस अविनाशी व निस्वार्थ प्रेम को माया का
कोई भी आकर्षण आकर्षित नहीं कर सकता।
बेहद की सूक्ष्म सेवा: (आखिरी के पंद्रह मिनिट -
प्रातः ४:४५ से ५:०० बजे तक)
बाबा द्वारा इस वरदान को अपने शुभ संकल्पों द्वारा,
वरदाता बन,
मैं पूरे विश्व को दान दे रही हूँ। अपनी फरिश्ता
ड्रेस पहन कर मैं विश्व भ्रमण करते हुए सर्व
आत्माओं को ये वरदान दे रही हूँ।
रात्रि सोने के पहले
आवाज़ की दुनिया के पार जा कर अपनी स्टेज को स्थिर
बनाऐं। चेक करें की आज मैंने दिन भर में किसी बात
की अवज्ञा तो नहीं की? अगर हाँ तो बाबा को बताऐं।
किसी के मोह या आकर्षण मे बुद्धि तो नहीं फंसी?
अपने कर्मो का चार्ट बनाऐं। तीस मिनिट के योग
द्वारा किसी भी गलत कर्म के प्रभाव से स्वयं को
मुक्त करें। अपने दिल को साफ और हल्का कर के सोऐं।