BRAHMA KUMARIS WORLD SPIRITUAL UNIVERSITY


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अमृतवेला

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24.12.2014

बाबा की गोद की छत्रछाया में बैठी एक बच्ची

पहली स्मृति

आँख खुलते ही संकल्प करें कि मैं आत्मा हूँ। मैं इस धरा को प्रकाशमय करने के लिये स्वीट लाइट के होम से अवतरित हुई हूँ।

मैं कौन हूँ?

मैं बाबा की बच्ची हूँ। परमपिता परमात्मा मेरे मात-पिता हैं। बाबा के हाथों मेरी पालना हो रही है।

मैं किसकी हूँ?

आत्मा की बाबा से रूहरिहान:

मीठे बाबा - गुड मॉर्निंग। बाबा! सतयुग में मैं रत्न-जड़ित झूलों पर खेलूँगी। पर अभी संगम पर मैं आपकी गोद में खेलने का सौभाग्य प्राप्त कर रही हूँ। यह मेरा श्रेष्ठ समय बिताने का साधन है। बाबा आपकी गोदी में बैठ मुझे अति-इन्द्रिय सुख की भासना हो रही है।

बाबा की आत्मा से रूहरिहान:

मीठे बच्चेजागो! मेरे साथ बैठो। हाँ! सतयुग में अन्य पवित्र आत्माओं के सानिध्य में तुम रत्न-जड़ित खिलौनों से खेलोगी। परंतु यहाँ तुम मेरे साथ जो चाहे खेल खेल सकती हो। तुम मेरे साथ दोस्त और साथी के रूप में और मात-पिता के रूप में खेल सकती हो। तुम स्वयं बच्चा बन या फिर मुझे अपना बच्चा बना मेरे साथ खेल सकती हो। ऐसा विशेष और अविनाशी खिलौना तुम्हे पूरे कल्प में कभी भी नहीं मिलेगा।

बाबा से प्रेरणाऐ:

अपने मन को सर्व बातों से हटा कर बाबा में लगाऐं। बाबा है साइलेन्स का सागर। इस साइलेन्स में मैं बाबा से प्रेरणायुक्त और पवित्र सेवा के संकल्प ले रही हूँ।

बाबा से वरदान:

सूक्ष्म वतन मे मीठे बाबा के सामने मेरा फरिश्ता स्वरूप साफ दिखाई दे रहा है। बहुत प्यार व शक्तिशाली दृष्टि से बाबा मुझे वरदान दे रहे हैं दाता ही स्वयं में भरपूर होता है। अब दुनिया वाले बोल से ज्यादा प्रतयक्ष प्रमाण देखना चाहते हैं। तुम गुण मूर्त बनकर सबकी मानो-कामनाओं को पूर्ण कर रहे हो। तुम्हारे नैन विशेषताओं का प्रकाश फैला रहें है। तुम्हारे कर्म औरों को गुणवान बनना सिखा रहें हैं। तुम्हारे बोल गुणोँ की मिसाल बनते जा रहें हैं और तुम्हारे श्रेष्ठ संकल्पों के पंख अन्य आत्माओं को उनके निजी गुणों के प्रकाश की ओर उड़ान भरने की प्रेरणा दे रहें हैं।

बेहद की सूक्ष्म सेवा: (आखिरी के पंद्रह मिनिट प्रातः ४:४५ से ५:०० बजे तक)

बाबा द्वारा इस वरदान को अपने शुभ संकल्पों द्वारा, वरदाता बन, मैं पूरे विश्‍व को दान दे रही हूँ। अपनी फरिश्ता ड्रेस पहन कर मैं विश्‍व भ्रमण करते हुए सर्व आत्माओं को ये वरदान दे रही हूँ।

रात्रि सोने के पहले

आवाज़ की दुनिया के पार जा कर अपनी स्टेज को स्थिर बनाऐं। चेक करें की आज मैंने दिन भर में किसी बात की अवज्ञा तो नहीं की? अगर हाँ तो बाबा को बताऐं। किसी के मोह या आकर्षण मे बुद्धि तो नही फंसी? अपने कर्मो का चार्ट बनाऐं। तीस मिनिट के योग द्वारा किसी भी गलत कर्म के प्रभाव से स्वयं को मुक्त करें। अपने दिल को साफ और हल्का कर के सोऐं।