BRAHMA KUMARIS WORLD SPIRITUAL UNIVERSITY


Home

अमृतवेला

Contact Us


27.12.2014

एक वारिस बच्ची की परमात्मा से रूहरिहान

पहली स्मृति

आँख खुलते ही संकल्प करें कि मैं आत्मा हूँ। मैं इस धरा को प्रकाशमय करने के लिये स्वीट लाइट के होम से अवतरित हुई हूँ।

मैं कौन हूँ ?

मैं परमात्म परिवार की वारिस बच्ची हूँ। मैं स्वयं परमात्मा से भाग्य का वर्सा प्राप्त कर रहीं हूँ।

मैं किसकी हूँ ?

आत्मा की बाबा से रूहरिहान:

मीठे बाबा गुड मॉर्निंग। बाबा! मुझे स्‍नेह भरे ईश्वरिये ब्राह्मण परिवार के सम्बंध-सम्पर्क में लाने के लिये बहुत बहुत धन्यवाद। बाबा आपने मुझे केवल यह ही ज्ञान नहीं दिया कि मैं एक महान आत्मा हूँ बल्कि यह भी समझाया है कि मैं आपकी बच्ची हूँ। आपके साथ मात-पिता और बच्ची का सम्बंध जोड़ते ही मेरा सारे ईश्वरीय परिवार के साथ एक रूहानी और पवित्र भाई-बहन का सम्बंध जुड़ गया है। 

बाबा की आत्मा से रूहरिहान:

मीठे बच्चेजागो! मेरे साथ बैठो। क्या तुमने कभी स्वप्‍न में भी सोचा कि तुम्हे मेरा वारिस बनने का सौभाग्य प्राप्त होगा? मेरी सम्पूर्ण संपत्ती के तुम अधिकारी बन गये हो। मैं तुम बच्चों को माता-पिता और बालक के सम्बंध का अनुभव कराने और तुम्हे तुम्हारा वर्सा देने के लिये इस सृष्‍टि पर अवतरित हुआ हूँ। तुम्हे यह भाग्य ईश्वरीय परिवार से जुड़ते ही प्राप्त होता है। दुख की दुनिया को छोड़ सुखमई संसार की ओर तुम जा रहे हो। सर्वोच्च ईश्वरिये मरियादाओं का पालन करके तुम मरियादा-पुरुषोत्तम बनते जा रहे हो।

बाबा से प्रेरणाऐ:

अपने मन को सर्व बातों से हटा कर बाबा में लगाऐं। बाबा है साइलेन्स का सागर। इस साइलेन्स में मैं बाबा से प्रेरणायुक्त और पवित्र सेवा के संकल्प ले रही हूँ।

बाबा से वरदान:

सूक्ष्म वतन में मीठे बाबा के सामने मेरा फरिश्ता स्वरूप साफ दिखाई दे रहा है। बहुत प्यार व शक्तिशाली दृष्टि से बाबा मुझे वरदान दे रहे हैं

स्नेह के सागर और स्नेह संपन्न नदियों का मेला होता है तो नदी भी बाप समान मास्टर स्नेह का सागर बन जाती है। तुम मास्टर स्नेह के सागर सर्व को स्नेह भरी पालना के पवित्र धागे से बाँध रही हो और सब आत्माओं की मनोकामनाओं को पूर्ण कर रही हो। तुम सबको अपने पन की भासना का अनुभव करा रही हो और सभी को बाबा के दिल तख्त की ओर ले जा रही हो जहाँ उनकी पालना और विकास हो रहा है।

बेहद की सूक्ष्म सेवा: (आखिरी के पंद्रह मिनिट प्रातः ४:४५ से ५:०० बजे तक)

बाबा द्वारा इस वरदान को अपने शुभ संकल्पों द्वारा, वरदाता बन, मैं पूरे विश्‍व को दान दे रही हूँ। अपनी फरिश्ता ड्रेस पहन कर मैं विश्‍व भ्रमण करते हुए सर्व आत्माओं को ये वरदान दे रही हूँ।

रात्रि सोने के पहले

आवाज़ की दुनिया के पार जा कर अपनी स्टेज को स्थिर बनाऐं। चेक करें की आज मैंने दिन भर में किसी बात की अवज्ञा तो नहीं की? अगर हाँ तो बाबा को बताऐं। किसी के मोह या आकर्षण मे बुद्धि तो नही फंसी? अपने कर्मो का चार्ट बनाऐं। तीस मिनिट के योग द्वारा किसी भी गलत कर्म के प्रभाव से स्वयं को मुक्त करें। अपने दिल को साफ और हल्का कर के सोऐं।