03 जून, 2015
स्मृति
मीठे बच्चे, जो
ज्ञान सागर के साथ हैं उनके लिए ज्ञान बरसात है।
तुम बाप के साथ हो ना। भल विलायत में हो वा कहां
हो, साथ हो। याद तो रखते हो ना। जो भी बच्चे याद
में रहते हैं, वे सदैव साथ में हैं। बच्चे, बाप को
याद करते रहो। यही वशीकरण मंत्र है।
मीठे बाबा, पूरे
दिन मैं इस स्मृति की पुष्टि करता रहूँगा कि आप
मुझ पर ज्ञान की बरसात कर रहे हो। आप की ज्ञान
बरसात आत्मा को साफ और शुद्ध करती है। बाबा, आपकी
ज्ञान बरसात मेरी आध्यात्मिक जीवन की पालना करती
है। यह मेरे गुणों के बगीचे को महकाने में मददगार
है। आपकी ज्ञान बरसात के तले, अपने मन को
नियंत्रित करने के लिए मैं निरंतर आपको याद करता
हूँ।
स्मृर्थी
ऊपर की स्मर्ती से
प्राप्त होने वाली शक्ति से मैं स्वयं को निरंतर
सशक्त अनुभव कर रहा हूँ। मुझमें इस बात की जागृती
आ रही है कि मेरी स्मृर्ती से मेरा स्वमान बढ़ता जा
रहा है। मैं इस बात पर ध्यान देता हूँ कि मेरी
स्मृर्ती से मुझमें शक्ति आ रही है और इस
परिवर्तनशील संसार में मैं समभाव और धीरज से कार्य
करता हूँ।
मनो-वृत्ति
बाबा आत्मा से:
आजकल ऐसे भी बहुत निकले हैं जो कहते हैं हमने
अवतार लिया है इसलिए सच की स्थापना में कितने
विघ्न पड़ते हैं परन्तु गाया हुआ है सच की नांव
हिलेगी, डुलेगी लेकिन डूबेगी नहीं। तुम बच्चे अभी
बाप के पास आते हो तो तुम्हारे दिल में कितनी खुशी
रहनी चाहिए।
मैं आज स्थिरता और
धीरज की वृत्ति अपनाता हूँ। मैं समझता हूँ कि सत्य
की नाव हिलेगी, डुलेगी लेकिन कभी डूबेगी नहीं। मैं
बाबा के पास आ गया हूँ इस समझ से मैं अपनी स्थिरता
की वृत्ति को और भी शक्तिशाली बनाता हूँ।
दृष्ट
बाबा आत्मा से: दूरदेश में रहने वाले बाप आकर
दूरदेश का सारा ज्ञान देते हैं बच्चों को। तुम
जानते हो कि हमारे बाबा दूरदेश से आऐं हैं और इनमें
प्रवेश करते हैं। यह पराया देश और पराया राज्य है।
आज मैं अपनी दृष्टि में आत्माओं की दुनिया और बाबा
को रखता हूँ। मेरी मन की आँखों में मैं बार बार
देखता हूँ कि कैसे बाबा दूरदेश से पराये देश में
आए हैं।
लहर उत्पन्न करना
मुझे शाम 7-7:30 के योग के दौरान पूरे ग्लोब पर
पावन याद और वृत्ति की सुंदर लहर उत्पन्न करने में
भाग लेना है और मन्सा सेवा करनी है। उपर की
स्मृर्ति, मनो-वृत्ति और दृष्टि का प्रयोग करके
विनिम्रता से निमित् बनकर मैं पूरे विश्व को सकाश
दूँगा।