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Enchanted Murli - Hindi

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12 मई, 2015

स्मृति

मीठे बच्चे: योगबल की ताकत से कर्मेंद्रियां शीतल बनती हैं  कर्मेंद्रियां चलायमान होती हैं  तुम्हें कर्मेंद्रियों को वश में करना है जिससे कोई चलायमानी ना हो  जब तक योगबल नहीं है तब तक कर्मेंद्रियों को वश में करना असम्भव है  योगबल में ताकत होती है 

प्यारे बाबा, आज आपका प्रेम अनुभव करने का मेरा दृढ़ संकल्प है  मैं बाबा के प्रकाश और सुंदरता के सागर में खोया हुआ हूँ और संसार में मेरी कोई रूची नहीं है 

स्मृर्थी

ऊपर की स्मर्ती से प्राप्त होने वाली शक्ति से मैं स्वयं को निरंतर सशक्त अनुभव कर रहा हूँ  मुझमें इस बात की जागृती आ रही है कि मेरी स्मृर्ती से मेरा स्वमान बढ़ता जा रहा है  मैं इस बात पर ध्यान देता हूँ कि मेरी स्मृर्ती से मुझमें शक्ति आ रही है और इस परिवर्तनशील संसार में मैं समभाव और धीरज से कार्य करता हूँ 

मनो-वृत्ति

बाबा आत्मा से: सर्वप्रथम अपनी कर्मेंद्रियों को वश में करो और फिर दिव्य गुण धारण करो  जो क्रोध करता है उसकी बात मत सुनो  उसको एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकाल दो  किसी भी खराब बात को जो तुम्हें अच्छी नहीं लगती उसे मत सुनो 

अनासक्ति भाव को अपनाने का मेरा दृढ़ संकल्प है  मैं देखता हूँ लेकिन नहीं देखता हूँ  मैं सुनता हूँ लेकिन नहीं सुनता हूँ  मैं संसार में बहुत शांति से रहता हूँ  चाहे मेरे चारों ओर कुछ भी होता रहे लेकिन मैं प्रेम ही बांटता हूँ 

दृष्टि

बाबा आत्मा सेजब तुम देखो कि तुम्हारा पति क्रोध कर रहा है तो उस पर फूलो की बरसात कर दो  उसकी ओर देखकर सदा मुस्कुराते रहो 

मेरा दृढ़ संकल्प है कि हर परिस्थिति में मुझे फायदा देखना है और हरेक आत्मा में मुझे सुन्दरता देखनी है  मैं अपनी आंखों में चमक और जोश भरकर संसार को देखता हूँ 

लहर उत्पन्न करना

मुझे शाम 7-7:30 के योग के दौरान पूरे ग्लोब पर पावन याद और वृत्ति की सुंदर लहर उत्पन्न करने में भाग लेना है और मन्सा सेवा करनी है  उपर की स्मृर्ति, मनो-वृत्ति और दृष्टि का प्रयोग करके विनिम्रता से निमित् बनकर मैं पूरे विश्व को सकाश दूँ