17
मई,
2015
स्मृति
मीठे बच्चे:
आप चाहे कोई भी काम कर रहे हो,
हद की प्रवृति को चलाने अर्थ या कोई भी सेवाकेंद्र
चलाने के अर्थ निमित हो लेकिन सदा विश्व कल्याण
की भावना हो । सदा सामने विश्व की सर्व आत्माऐं
इमर्ज हों । आपकी स्मृति के आधार से चाहे कितनी भी
दूर रहने वाली आत्माऐं हों लेकिन आपके सदा समीप और
सम्मुख दिखाई दें ।
मीठे बाबा,
सारा दिन मैं शांति की शक्ति को विशेष स्मृति में
रखूंगा । मैं अपनी आत्मा को बाप से जोड़ दूंगा और
शुभ भावनाओं और शुभ कामनाओं को इमर्ज करूंगा । इस
स्थिरता की स्थिति में दूर की आत्माओं को भी मैं
समीप अनुभव करूंगा ।
स्मृर्थी
ऊपर की स्मर्ती से प्राप्त होने वाली शक्ति से मैं
स्वयं को निरंतर सशक्त अनुभव कर रहा हूँ । मुझमें
इस बात की जागृती आ रही है कि मेरी स्मृर्ती से
मेरा स्वमान बढ़ता जा रहा है । मैं इस बात पर ध्यान
देता हूँ कि मेरी स्मृर्ती से मुझमें शक्ति आ रही
है और इस परिवर्तनशील संसार में मैं समभाव और धीरज
से कार्य करता हूँ ।
मनोवृत्ति
बाबा आत्मा से:
वर्तमान समय तुम्हें शांति की शक्ति जमा करने की
आवश्यकता है । व्यर्थ के सब विचार समाप्त कर दो और
अपने मन को एक शक्तिशाली विचार में स्थित कर दो ।
अर्न्तमुखता की वृत्ति को अपनाने का मेरा दृढ़
संकल्प है । मैं अपनी वृत्ति को आंतरिक शांति से
जोड़ देता हूं और इसे सारयुक्त बना देता हूं । मेरी
कल्याणकारी वृत्ति से शक्तिशाली वातावरण का
निर्माण होता है जो कि आघ्यात्मिक मौन का अद्भुत
प्रमाण है ।
दृष्टि
बाबा आत्मा से:
पांच तत्वों से पार रहने वाला आपको प्राप्ती कराने
आऐ हैं । जैसे भक्त लोग कहते हैं कि जब भगवान राजी
होते है तो छप्पर फाड़ कर देते हैं । तो यह भी इस
आकाश
त्तव को पार करके देने आ गए हैं । तो कितना बड़ा
भाग्य है जो असम्भव बात भी सम्भव साकार में हो रही
है ।
मेरा साकार में अपने भाग्य को जीवन में अनुभव करने
का दृढ़ संकल्प है । इसके लिए मुझे अपने बाप,
टीचर और सतगुरू की मीठी दृष्टि के तले रहना है और
वह मुझे मेरी मंज़िल तक पहुंचा देंगे ।
लहर उत्पन्न करना
मुझे शाम 7-7:30 के योग के दौरान पूरे ग्लोब पर
पावन याद और वृत्ति की सुंदर लहर उत्पन्न करने में
भाग लेना है और मन्सा सेवा करनी है । उपर की
स्मृर्ति, मनो-वृत्ति और दृष्टि का प्रयोग करके
विनिम्रता से निमित् बनकर मैं पूरे विश्व को सकाश
दूँगा ।