Shivratri Ki Pratigya

 


 
सभी ब्राह्मण कुल भूषण आत्माओं को 8
0वीं हीरे तुल्य त्रिमूर्ति शिव जयन्ती की कोटि कोटि बधाईयां । इस सुनहरे अवसर पर सम्बन्ध- सम्पर्क वाली आत्माओं को विशेष आमन्त्रित कर उन्हें परमात्म कार्यों से अवगत कराते ईश्वरीय सन्देश देना है । इस सीजन में बापदादा ने जो महावाक्य उच्चारण किये हैं, उनमें सात मुख्य संकल्प (वायदे), झण्डा फहराने के पहले निमित्त बहन हर एक से यह संकल्प करायें कि -

  1.  शुभ भावना और शुभ कामना के मन्त्र द्वारा हर आत्मा को सन्तुष्ट करते हुए सदा सन्तुष्ट रहेंगे ।

2.  मीठे बोल और मुस्कराते हुए चेहरे द्वारा हर एक के साथ मधुरता सम्पन्न व्यवहार करेंगे ।

3.  सच्चे और साफ दिल से भोलानाथ शिव बाप को राजी कर चिन्ता और व्यर्थ चिन्तन से मुक्त रहेंगे ।

4.  सम्पूर्ण पवित्रता का सुख लेने के लिए व्यर्थ संकल्प वा रोब वाले बोल को समाप्त कर अपनी व्रतियों को
 भी पवित्र बनायेंगे ।

5.  हर बीती को सेकण्ड में फुलस्टाप लगाकर सदा अतीन्द्रिय सुखमय जीवन का अनुभव करेंगे ।

6.  परिवर्तन की शक्ति से हर निगेटिव संकल्प, निगेटिव चलन को पॉजिटिव में चेंज करेंगे ।

7.  हर बात में मुझे बदलकर दिखाना है, मुझे निश्चय है कि मैं बदलूंगा तो और भी अवश्य बदल जायेंगे ।

 

इन संकल्पों को दृढ़ता से रिवाइज करते हुए 'बाप ने कहा बच्चों ने किया' ऐसे तीव्र पुरुषार्थ की लहर चारों ओर फैलानी है । अव्यक्त पालना का सबूत प्रत्यक्ष जीवन द्वारा देना ही है ।